tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post166384721072750640..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: सुश्री दिलीप कुमार उर्फ युसुफ खाँ की बातेँ ~ अँतिम भागलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-89674147852658342402007-06-15T10:56:00.000-04:002007-06-15T10:56:00.000-04:00धन्यवाद अनूप जी -स्नेह,-- लावण्याधन्यवाद अनूप जी -<BR/>स्नेह,<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-42263289157978929362007-06-11T21:56:00.000-04:002007-06-11T21:56:00.000-04:00बहुत अच्छा लगा इसे पढ़कर!बहुत अच्छा लगा इसे पढ़कर!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-520123112433888272007-06-11T20:15:00.000-04:002007-06-11T20:15:00.000-04:00धन्यवाद समीर भाई,सच! अजी इस किताब मेँ कमाल की हस्त...धन्यवाद समीर भाई,<BR/>सच! अजी इस किताब मेँ कमाल की हस्तीयाँ हैँ <BR/>जब भी हो सकेगा, एक एक कर के सारे लेख <BR/>बाँटती रहुँगी इन मेँ से कई सारे लोग आज़ इस दुनिया मेँ नहीँ हैँ <BR/>सिर्फ उनकी आवाज़ रह गई है उनमेँ से एक मेरी बडी बहन वासवी भी है जिसने<BR/>यह पापाजी पर सँस्मर्णार्थ पुस्तक छपवाई थी "शेष ~ अशेष " और सिलाई, हस्त -कला <BR/>का काम कर के जो भी पैसा इकटठा हुआ उसीसे वासवी ने पूरी किताब छपवाई थी <BR/>अब 'पितृ प्रेम' की ऐसी मिसाल दुर्लभ ही बन गई है, है ना ?<BR/>आप सब मेरे लिये पापा जी , वासवी और अम्मा की कमी को पूरा कर रहे हैँ -<BR/>स्नेह,<BR/>लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-45650530359720488282007-06-11T18:56:00.000-04:002007-06-11T18:56:00.000-04:00मजा आया संपूर्ण विवरण पढ़कर. और किस्से सुनाईयेगा, इ...मजा आया संपूर्ण विवरण पढ़कर. और किस्से सुनाईयेगा, इंतजार रहता है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-26246791308831433482007-06-11T15:04:00.000-04:002007-06-11T15:04:00.000-04:00हाँ दीव्याभ इत्मीनान से पढ लो --ाकई दिलीप साहब एक ...हाँ दीव्याभ इत्मीनान से पढ लो --ाकई दिलीप साहब एक सँपूर्ण कलाकार थे -- <BR/>कितने समर्पित रहे वे अपने हुन्नर को हमेशा बढाते रहे -लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-82280785161453099272007-06-11T13:43:00.000-04:002007-06-11T13:43:00.000-04:00दिलीप साहब की बात ही क्या एक संपूर्ण कलाकार थे और ...दिलीप साहब की बात ही क्या एक संपूर्ण कलाकार थे और भारत का गौरव भी…मैं थोड़ा विलंब से पहुँचा यहाँ पर पूरा पढ़ने की कोशिश करूगाँ धीरे-2।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.com