tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post228735949716431454..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: विविध ~ भारती ~~~ स्वर्ण जयँती उत्सव मना रहा है...लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-48825946944758425422008-10-14T19:54:00.000-04:002008-10-14T19:54:00.000-04:00आपने देरी से आकर भी टिप्पणी तो की है :)उसके लिये ...आपने देरी से आकर भी टिप्पणी तो की है :)<BR/>उसके लिये आभार अभिषेक भाई <BR/>स स्नेह्,<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-42458758875111276622008-10-14T14:09:00.000-04:002008-10-14T14:09:00.000-04:00पंडित जी के सपने और विविधभारती की सफलता और पचासवी ...पंडित जी के सपने और विविधभारती की सफलता और पचासवी साल सबके लिए बधाई !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-73858537480438504952008-10-08T15:11:00.000-04:002008-10-08T15:11:00.000-04:00आप सभी की टीप्पणीयोँ का बहुत बहुत आभार !आप सभी की टीप्पणीयोँ का बहुत बहुत आभार !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-5349088177339053382008-10-05T09:18:00.000-04:002008-10-05T09:18:00.000-04:00विविध भारती से रिश्ता पुराना है =एक जमाने में हम व...विविध भारती से रिश्ता पुराना है =एक जमाने में हम विविध भारती और रेडियो सीलोन सुना करते थे रेडियो सीलोन व विविध भारती दोनों से प्रेम था आज भी नियमित सुनते है /स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर वधाई ,जानकारी के लिए आभारBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-37176503982510832782008-10-04T11:36:00.000-04:002008-10-04T11:36:00.000-04:00विविध भारती की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर हम भी आपकी...विविध भारती की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर हम भी आपकी खुशी में शामिल हैं. विविध-भारती ने अल्प-समय में भारतीय जन-मानस में अपना अलग ही स्थान बना लिया. आपके व्यक्तिगत जुडाव के बारे में पढ़कर अच्छा लगता है. पंडितजी जैसे सहज और अति-सरल व्यक्तित्व वाले (सुपर-अचीवर होने के बावजूद) महापुरुष भारत-भूमि के रत्न हैं और उनके काम और तरीके आज की पीढी के लिए अनुकरणीय हैं.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-88907417132710373342008-10-04T03:09:00.000-04:002008-10-04T03:09:00.000-04:00विविध भारती ओर कुछ ख़ास आवाजे ...जब छोटे से थे तो ...विविध भारती ओर कुछ ख़ास आवाजे ...जब छोटे से थे तो जसदेव सिंह की कमेंट्री ....ओर कुछ फिल्मी सितारों से मुलाकात .अमीन सयानी ...क्या दिन थे वोडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-81234066370772319262008-10-04T01:58:00.000-04:002008-10-04T01:58:00.000-04:00bahut sunder lekhhum aaj bhi vividh bharti ke diwa...bahut sunder lekh<BR/>hum aaj bhi vividh bharti ke diwane hen<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-39519917162051692152008-10-04T01:27:00.000-04:002008-10-04T01:27:00.000-04:00विविध भारती कभी बहुत सुना करते थे ..बहुत अच्छा लगा...विविध भारती कभी बहुत सुना करते थे ..बहुत अच्छा लगा यह लेख आपका .शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-4151056634923594592008-10-04T00:25:00.000-04:002008-10-04T00:25:00.000-04:00विविध भारती तो उस जमाने से आम जन को रस मधुर्य देता...विविध भारती तो उस जमाने से आम जन को रस मधुर्य देता रहा है, जब जीवन की आपाधापी बढ़नी शुरू ही हुई थी और यह उपाय न होता रसास्वादन का तो न जाने कितने अवसाद ग्रस्त हो जाते।<BR/>इस रेडियो चैनल की उपयोगिता उस प्रकार से देखनी चाहिये।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-58737198729637266172008-10-03T16:43:00.000-04:002008-10-03T16:43:00.000-04:00bahut badiya.bahut badiya.सचिन मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07382964172201827333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-52927962450027203762008-10-03T16:25:00.000-04:002008-10-03T16:25:00.000-04:00vividh bharti ! naam hi sirf chaar maheene purani...vividh bharti ! naam hi sirf chaar maheene purani smiritiyan dohra gya hai <BR/>vanadanvaar se le bela ke fool<BR/>tak mera sathi rahata tha yah bharat me..<BR/>itna ki apne blogs me bhi yada kada ubhar aata hai <BR/>jan manas ko saath le chalta yah pryaas mera bachpan ka sathi hai ..<BR/>is vishesh jaankaari bhare lekh ko <BR/>hum tak pahunchane ke liye lakh lakh shukriya!<BR/>vividh bharti , fale foole !<BR/>shubh kamnaaen !Abhivyaktihttps://www.blogger.com/profile/10948218408560104884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-23518470140802300122008-10-03T14:31:00.000-04:002008-10-03T14:31:00.000-04:00आप विविध-भारती को एक बहिन की तरह प्यार करती होंगी।...आप विविध-भारती को एक बहिन की तरह प्यार करती होंगी। आदरणीय पंडित जी उस के पिता जो थे।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-65471416617350835212008-10-03T13:56:00.000-04:002008-10-03T13:56:00.000-04:00बहुत सुंदर आलेख ! इतनी सहजता से इतनी उपयोगी जानकार...बहुत सुंदर आलेख ! इतनी सहजता से इतनी उपयोगी जानकारी मिल गई ! विविध भारती के लिए शुभकामनाएं ! शायद इसकी<BR/>शुरुआत से ही इसको सुनने का शौक लग गया था ! मुझे याद है बिनाका गीतमाला रेडियो सीलोन से अमीन सयानी साहब बुधवार को दिया करते थे और कई बार वो साफ़ नही सुनाई दिया करता था! और जब विविध भारती आया तो धीरे २ रेडियो सीलोन भी सुनना बंद हो गया था ! और बाद में तो बंद ही हो गया ! सभी की अनेको यादे हैं इसके साथ ! बहुत शुभकामनाएं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-68461383586587972792008-10-03T12:37:00.000-04:002008-10-03T12:37:00.000-04:00लावण्यम् जी, बहुत ही सुंदर लगा आप का यह लेख,ओर हमा...लावण्यम् जी, बहुत ही सुंदर लगा आप का यह लेख,<BR/>ओर हमारे तो बचपन का साथी रहा हे *विविध भारती* हमारे साथ ही धीरे धीरे बढा हुआ हे अपने बडे भाई की तरह से लगता हे, बहुत सी याद जुडी हे इस बडे भाई के साथ,इस के कई प्रोग्राम अभी भी याद हे हवा महल, गीतो भरी कहानी, ओर इतवार को पुरी फ़िल्म की कहानी....आप का धन्यवाद<BR/> मेरी शुभकामना है विविध भारती दिन रात तरक्की करे ओर खुब फ़ले फ़ुले.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com