tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post3048323645039702192..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: जनम जनम के फेरेलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-11510404149325370032010-12-21T22:58:02.272-05:002010-12-21T22:58:02.272-05:00लावण्या जी,
इस हृदयस्पर्शी कहानी के लिये बधाई। चार...लावण्या जी,<br />इस हृदयस्पर्शी कहानी के लिये बधाई। चार घंटे पूजा में बैठकर भी जिनका मन मैला ही रहा उनका क्या इलाज है भला?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-85670794821564045862008-06-20T14:10:00.000-04:002008-06-20T14:10:00.000-04:00आप सभी का बहुत बहुत आभार - इस सत्य कथा को लिखकर शा...आप सभी का बहुत बहुत आभार <BR/>- इस सत्य कथा को लिखकर शायद मैँ मेरी सहेली का दर्द समाज के सामने लाने मेँ कुछ हद्द तक सफल हुई हूँ ...<BR/>ऐसा लगता है ....<BR/>काश कि उसे अपने बिछुडे लाल भी जल्द मिल जायेँ ! <BR/>---------------------------<BR/>आधुनिक युग की त्रासदी और विडम्बना नारी के स्वावलँबी और अपने पैसोँ को कमाकर आजादी पाने तक सीमित नहीँ है - समाज एक एकाई है जहाँ पुरुष और स्त्री दोनोँ की अहम भूमिका है और उन्के आपसी सँबँधोँ की सँतुलितता से ही स्वस्थ समाज का निर्माण - जो भविष्य के लिये, सुख और शाँति लाता है - इसके बिना हमारा मानव समाज्, रसहीन, शुष्क होता चला जायेगा -ऐसा मेरा मानना है <BR/>---------------------------<BR/>when the justice is met with a complete union of husband & wife, resulting in healthy family life, & thus a Just SOCIRTY, then & only then, <BR/> मेरी प्रार्थना ईश्वर तक पहुँच गयी है ऐसा समझुँगी - <BR/>आप भी अवश्य दुआ कीजियेगा - <BR/>सादर,<BR/> स -स्नेह,<BR/> -- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-10546897742350718592008-06-20T10:15:00.000-04:002008-06-20T10:15:00.000-04:00प्रेरणादायक...बहुत ही शानदार कहानी.प्रेरणादायक...बहुत ही शानदार कहानी.Shiv Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/16210136982521324733noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-36407054417917497722008-06-20T06:51:00.000-04:002008-06-20T06:51:00.000-04:00इस कहानी को पढ़ते-पढ़ते बहुत सारी बातें भी दिमाग ...इस कहानी को पढ़ते-पढ़ते बहुत सारी बातें भी दिमाग मे घूम गई । स्त्री को हमेशा ही संघर्ष करना पड़ता है ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-52120681784158343662008-06-20T06:25:00.000-04:002008-06-20T06:25:00.000-04:00प्रेरणादायक कहानी... एक बार में पूरा पढ़ डाला... ब...प्रेरणादायक कहानी... एक बार में पूरा पढ़ डाला... बहुत दिनों के बाद आज अच्छी कहानी पढने को मिली. सची कहानी !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-71273451424307044752008-06-20T02:06:00.000-04:002008-06-20T02:06:00.000-04:00पता नही क्यों मुझे तो सच्ची कहानी लगी ....ऐसी कई श...पता नही क्यों मुझे तो सच्ची कहानी लगी ....ऐसी कई शोभा को जानता हूँ ..कुछ भारत में ही रही ..ओर आज अपना मुकाम बनाये हुए है.....<BR/><BR/>inancial indepedence होने से बहुत सारी समस्याये सुलझ जाती है....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-76089164127338309802008-06-20T00:27:00.000-04:002008-06-20T00:27:00.000-04:00जनम जनम के फेरे को शोभना ने बहुत ही अच्छे से निभाय...जनम जनम के फेरे को शोभना ने बहुत ही अच्छे से निभाया है , उन्हें साधुवाद......<BR/>आप को प्रणाम .आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-37900554149146235812008-06-20T00:13:00.000-04:002008-06-20T00:13:00.000-04:00एक सच तो है ही यह ..कई शोभना की यह कहानी है ..दिल ...एक सच तो है ही यह ..कई शोभना की यह कहानी है ..दिल अजीब सा हो गया है इसको पढ़ कर .शुक्रिया इसको यहाँ शेयर करने के लिएरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-82449507649212689692008-06-19T22:59:00.000-04:002008-06-19T22:59:00.000-04:00बहुत कुछ है इस कहानी में। यह आज का यथार्थ है। टूटत...बहुत कुछ है इस कहानी में। यह आज का यथार्थ है। टूटता संयुक्त परिवार और बनता एकल परिवार। दोनों के बीच झूलता पति-पत्नी, पिता-संतान, बहू-सास ससुर और मां और संतानों के रिश्ते। <BR/>इस से बेहतर सामाजिक यथार्थ कहाँ हो सकता है। समीक्षा को समय चाहिए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-14094723051041083872008-06-19T20:41:00.000-04:002008-06-19T20:41:00.000-04:00एक बार में पढ़ गया यह कथा। एक काहिल, कायर और लम्पट ...एक बार में पढ़ गया यह कथा। एक काहिल, कायर और लम्पट आदमी से नारी की मुक्ति। और उस प्रक्रिया में खाये जख्म। <BR/>जिन्दगी आसान नहीं होती सामान्यत:।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-4752041213177398242008-06-19T19:32:00.000-04:002008-06-19T19:32:00.000-04:00प्रेरणादायक कहानी है. लग रहा है पढ़कर ही कि सत्य कथ...प्रेरणादायक कहानी है. लग रहा है पढ़कर ही कि सत्य कथा पर आधारित होगी. आभार इस कहानी के लिए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com