tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post3622552708139744485..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: फरिश्ता और शैतान (कल्पित कथा ) ~~~~~~~~~लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-46837068719721952232009-06-25T12:41:35.664-04:002009-06-25T12:41:35.664-04:00लावण्या दी,
मैं तो आपके ब्लॉग का प्रंशसक हूँ.आपने ...लावण्या दी,<br />मैं तो आपके ब्लॉग का प्रंशसक हूँ.आपने ध्रुव के जन्म पर जो आर्शीवाद दिया था,उसे पढ़कर ध्रुव उसकी ममा और उसके बड़े भाई के साथ मैं बहुत खुश हुए थे..आपने बहुत रोचक कहानी का आरम्भ किया था..मुझे लगा कि दीदी कि इस कहानी को उनके आदेश से आगे बढाया जाना चाहिए..बस कुछ लिख दिया.<br />आपको अच्छा लगा....तो मन खुश हुआ..<br />आभार <br /><br />आपका,<br /><br />प्रकाश सिंहप्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-12352400519190747582009-06-24T00:09:41.372-04:002009-06-24T00:09:41.372-04:00अभिव्यक्ति जी की कथा बहुत अच्छी लगी -- Special Tha...अभिव्यक्ति जी की कथा बहुत अच्छी लगी -- Special Thanx !! <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-91408518458877438942009-06-24T00:01:38.716-04:002009-06-24T00:01:38.716-04:00आपकी टीप्पणियोँ का आभार
- लावण्याआपकी टीप्पणियोँ का आभार <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-75750863359599078162009-06-23T10:46:31.358-04:002009-06-23T10:46:31.358-04:00आ, लावण्यादीदी
प्रणाम
वह सशरीर एक २१ साल के जवाँ...आ, लावण्यादीदी<br /><br />प्रणाम<br /><br />वह सशरीर एक २१ साल के जवाँमर्द का रुप लेकर <br />लोगों के बीच पहुँचता है । <br />अब ..................<br /><br />अब क्या दीदी ? आपने इस कथा को अधुरा क्यो छोडा ? अब रात भर यही सोचते रहेगे कि उस शैतान ने क्या किया होगा? कथा बडी ही रोमासक लगी। सस्पेन्स बनाकर पाठको मे जो आतुरता जगाई इस कला से आपने मेरा मन जीत लिया। स्वर्गीय पण्डीतजी कि याद ताजा करा दी। वो महान व्यक्तित्व के धनी थे उनकी इस कथा को पुरा करना हम साधारण इन्शानो के बस मे नही।<br />एक बार पुनः प्रणाम।<br />आपका अपना<br />महावीर बी सेमलानी "भारती"<br />हे प्रभु यह तेरापन्थ<br />मुम्बई टाईगरहें प्रभु यह तेरापंथhttps://www.blogger.com/profile/12518864074743366000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-42963761197945127912009-06-22T14:01:03.118-04:002009-06-22T14:01:03.118-04:00देखिये, आगे कितना रोचक सफर होता है।
सादर,
मुकेश ...देखिये, आगे कितना रोचक सफर होता है।<br /><br />सादर,<br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-44092178211718027562009-06-22T11:27:03.524-04:002009-06-22T11:27:03.524-04:00पोस्ट भी अच्छी लगी और अभिव्यक्ति की प्रस्तुति भी.पोस्ट भी अच्छी लगी और अभिव्यक्ति की प्रस्तुति भी.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-26616412603476478402009-06-20T13:36:15.036-04:002009-06-20T13:36:15.036-04:00kahaani me aisa twist to maine kabhi nahi dekha......kahaani me aisa twist to maine kabhi nahi dekha...ki kahaani padhne waale ko hi de di ki soch lo :)<br /><br />aise yahaan ye soch saamjh ke nahi hua par fir bhi ek behtareen prayog lagaa...iske aage aissa kuch ho sakta hai ki is shaitaan ko ye baat realise ho jaaye ki wo marke hi behtar thaa...us javaan mard ke shareer me ghuskar usne socha ek aakarshak jeevan jiyega magar uske liye pareshaaniyaan hi badh gayeeSajal Ehsaashttps://www.blogger.com/profile/03532103149883910427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-53866050669115001712009-06-18T05:01:45.447-04:002009-06-18T05:01:45.447-04:00आप के पिताजी के लिखे इस रूपक को पहले कभी नहीं सुना...आप के पिताजी के लिखे इस रूपक को पहले कभी नहीं सुना या पढ़ा...आज आप ने ही पढ़वाया...और देर से पहुँचने का यह फायदा हुआ कि अभिव्यक्ति जी के लिखे कहानी के संभावित अंत को भी पढ़ लिया.<br />[चित्र कथा अनुसार हैं..]Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-64284227540793475742009-06-16T08:26:26.356-04:002009-06-16T08:26:26.356-04:00'Abhivyakti' ne achcha vistar diya hai apk...'Abhivyakti' ne achcha vistar diya hai apki katha ko.sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-88484644013289375402009-06-16T05:45:11.628-04:002009-06-16T05:45:11.628-04:00आज के जमाने में तो वो बनेगा तो टेररिस्ट ही !आज के जमाने में तो वो बनेगा तो टेररिस्ट ही !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-71900940582758978892009-06-15T11:58:03.868-04:002009-06-15T11:58:03.868-04:00कथा तो अस्चार्यजनक और भयावह लगी परन्तु "अभिव्...कथा तो अस्चार्यजनक और भयावह लगी परन्तु "अभिव्यक्ति" द्वारा जो बात आगे बढाई गयी उससे कहानी बड़ी रोचक बन गयी. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-49144239722528507542009-06-15T04:23:36.786-04:002009-06-15T04:23:36.786-04:00इन दिनों शैतान का गेटअप बदल गया है लावण्या दी . ओर...इन दिनों शैतान का गेटअप बदल गया है लावण्या दी . ओर कमाल है की....रोज बदलता है ...कहानी से ट्विस्ट आ गया है..डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-28080763597017055992009-06-14T09:57:54.630-04:002009-06-14T09:57:54.630-04:00रोचक। तुरत सोच नहीं पा रहा आगे की कड़ी। पर निश्चय ह...रोचक। तुरत सोच नहीं पा रहा आगे की कड़ी। पर निश्चय ही यह मन में चलेगा कि आगे क्या हुआ?<br />अच्छी विधा है यह पाठक/श्रोता को बांधने की।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-44323715755412715012009-06-14T04:20:48.966-04:002009-06-14T04:20:48.966-04:00अभिव्यक्ति ने आपकी कहानी को बहुत सुंदर तरीके से आ...अभिव्यक्ति ने आपकी कहानी को बहुत सुंदर तरीके से आगे बढ़ाया है। मुझे खुशी है कि मैं ऐसे समय पर पोस्ट पढ़ने आया, जब अभिव्यक्ति की टिप्पणी भी पढ़ने को मिल गयी।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-7298415898057346752009-06-13T12:40:18.116-04:002009-06-13T12:40:18.116-04:00वह छोटा शैतान आगे पूरी दुनिया को देख रहा था.लोग सच...वह छोटा शैतान आगे पूरी दुनिया को देख रहा था.लोग सच्चे और निर्मल थे .हमेशा दूसरों की सोचते.परोपकारी, निडर,सत्यवादी और अहिंसक .वे एक दूसरे से बड़ा प्रेम करते थे.शैतान सात दिन तक भटकता रहा.उसे ने तो किसी ने ठिकाना दिया और न किसी ने खाना दिया.प्यास के मारे उसका हलक सूख रहा था.<br />शैतान एक गाँव के कुए की मुंडेर पर बैठ गया.<br />वहां कुछ औरते पानी भर रही थी.<br />वह बैठा रहा चुपचाप.<br />सब औरतें पानी भर के चली गई.<br />एक औरत जिसकी नई नई शादी हुई थी, के मन में शैतान को देखकर कौतुहल जाग उठा.वह उसके पास आई और पूछा-तुम कौन हो?<br />मैं शैतान हूँ.<br />शैतान हो पर क्या करते हो?<br />अभी कुछ नहीं .<br />यहाँ क्यों बैठे हो ?<br />प्यास लगी है?<br />तो पानी क्यों नहीं पी लेते हो?<br />मैं शैतान हूँ,अपना काम खुद नहीं करता हूँ.<br />तो मैं पानी पिला देती हूँ?<br />नहीं ,तुमसे भी नहीं पी सकता.<br />क्यों?<br />क्या तुम मेरी प्यास बुझाने के लिए झूठ बोल सकती हो?<br />नहीं.<br />तो क्या अपने पति से कोई बात छुपा सकती हो?<br />नहीं,<br />शैतान ने एक एक कर के सारे बुरे काम गिनाये.<br />वह एक भी नहीं कर सकती थी.<br />शैतान निराशा से बोल उठा-तो,मैं तुम्हारे हाथों से पानी नहीं पी सकता....अफ़सोस,मुझे इंसानों की दुनिया में आके मरना पड़ रहा है...काश मैं यहाँ नहीं आता. <br />औरत का मन दया से भर उठा..<br />वह बोली -तुम मर गए तो मुझे पाप लगेगा.बताओ मैं तुम्हे कैसे बचा सकती हूँ?<br />तुम मुझे अपने घर ले चलने का वचन दो...और यह भी तुम कि मुझे वहां छिपा के रखोगी.तो मैं तुम्हारे हाथों से पानी पी सकता हूँ.<br />पर यह गलत है....मैं अपने पति को बता दूँगी तो वे स्वयम तुम्हें पूरे सम्मान के साथ अपने घर ले जाने आजाएंगे.<br />देखो तुम समझ नहीं पा रही हो,मैं एक शैतान हूँ .में केवल बुराई के साथ ही चल सकता हूँ..तुम और तुम्हारे पति मुझे लेने आते है तो बुराई क्या हुई..?<br />तो मैं कुछ नहीं कर सकती..!क्या कोई और रास्ता है..जिससे तुम्हारी जान बच जाए.<br />तुम किसी की जान बचा रही हो.यह नेक काम है और तुम्हें यह करना चाहिए.तुम मेरी जान बचने के लिए कोई छोटी बुराई कर भी लोगी तो तुम्हे पाप नहीं लग सकता.<br />आखिर वह औरत मान गई.<br />वचन देने पर शैतान ने पानी पी लिया.<br />शैतान ने उसे सोने की अंगूठी दी.उसने अपनी ऊँगली में पहन लिया .शैतान अंगूठी में छुप गया.<br />औरत ने उस अंगूठी को अपने संदूक में छुपा दिया.<br />शैतान रोज उस औरत को एक नया गहना देता.वह उसे अपने संदूक में रख देती .<br />कई दिन इस तरह से गुजर गए.<br />एक दिन गाँव में कोई शादी थी.उस औरत का पति बाहर गया हुआ था.उसके मन में अपने सब गहने पहनने की इच्छा हुई.<br />रखडी,टीका,कुंडल,नथ,हार,बाजूबंद चूडियाँ,करघनी,अंगूठियाँ,पायल और नुपूर सभी गहने पहन कर वह शादी में शामिल हुई..<br />वह बहुत सुन्दर लग रही थी.<br />गाँव की सब औरते उससे ईर्ष्या करने लगी...शैतान एक और बुराई पाकर ताकतवर हो उठा.<br />औरत को अपनी श्रेष्ठता पर घमंड हो उठा...शैतान और ताक़तवर हो गया.<br />औरत के गहनों का चर्चा पूरे गाँव में होने लगी...उड़ती उड़ती बात उसके पति तक पहुँच गई.<br />पति ने उससे पूछा कि इतने गहने उसने कहाँ से लाये ?<br />औरत ने डर कर सब बात बता दी ...<br />पति को बहुत क्रोध आया..<br />शैतान कितना बड़ा है ?उसने पूछा.<br /> बारह साल के लड़के जितना. पत्नी ने बताया.<br />उसने कहा मैं शैतान को जला डालूँगा...<br />वह क्रोध से भरा उस कमरे कि ओर चल दिया जिसमे उसकी पत्नी ने शैतान को छुपा रखा था.<br />पर अब क्रोध,डर, अविश्वास,ईर्ष्या,लालच और झूठ की ताकत पा कर शैतान बहुत बड़ा और ताकतवर हो चुका था.<br />वह शैतान को नहीं मार सका..<br />उसने औरत को शाप दिया कि अब तुम कोई बात अपने मन में नहीं छुपा सकोगी.<br />औरतें उस दिन के बाद आज तक कोई बात नहीं छुपा पाती है.<br />यह कहानी मेरी माँ ने मुझे बचपन में सुनाई थी.<br />उस दिन के बाद आज तक कोई शैतान को इस दुनिया से नहीं भगा पाया है.<br />हाँ,बरसो बाद जब वह औरत मरी तो देवताओं ने उसे स्वर्ग में स्थान दिया...<br />क्योंकि अब स्वर्ग को शैतान से मुक्ति मिल गई थी.प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-9926752388743338852009-06-13T05:57:25.152-04:002009-06-13T05:57:25.152-04:00ओर वो नोजवान २१ वर्ष के युवक का रुप धारण करता है, ...ओर वो नोजवान २१ वर्ष के युवक का रुप धारण करता है, यानि २१ वी सदी को ही आप ने यह युवक बताया है, यानि आज वो समय वो शेतान हमारे बीच मोजुद है, यानि हम सब मै मोजूद है इस से आगे कलपना करना मेरे लिये समभव नही.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-83597079239980978952009-06-12T22:37:05.904-04:002009-06-12T22:37:05.904-04:00yah bhi khoob rahi !yah bhi khoob rahi !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-36383444133163953462009-06-12T22:13:06.224-04:002009-06-12T22:13:06.224-04:00और आगे की कथा (शायद युं होगी मेरे मुताबिक) :-
और ...और आगे की कथा (शायद युं होगी मेरे मुताबिक) :-<br /><br /><b>और जीवनयापन के लिये छोटा शैतान आतंकवादी बनाने का पेशा शुरु कर देता है. और आगे तो सबको मालूम ही है.</b><br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-82548440493367838492009-06-12T22:06:18.963-04:002009-06-12T22:06:18.963-04:00ये तो अद्भुत कथा पहेली है , एक दम भयावह .ये तो अद्भुत कथा पहेली है , एक दम भयावह .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-40810204993744613922009-06-12T21:19:56.623-04:002009-06-12T21:19:56.623-04:00आपने तो यह अद्भुत कथा पहेली रख दी सामने ! सोचते है...आपने तो यह अद्भुत कथा पहेली रख दी सामने ! सोचते हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-84028367154906949262009-06-12T21:08:08.286-04:002009-06-12T21:08:08.286-04:00आगे क्या हुआ होगा? इस की तो कल्पना करना भी भयंगर प...आगे क्या हुआ होगा? इस की तो कल्पना करना भी भयंगर प्रतीत हो रहा है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-2813087914406720622009-06-12T15:04:16.477-04:002009-06-12T15:04:16.477-04:00achchhi post hai
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्तिachchhi post hai<br /><br /><a href="http://meraapnajahaan.blogspot.com/2009/06/blog-post_12.html" rel="nofollow"> मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति </a>अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com