tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post3667777413944462570..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: मधु माँग ना मेरे मधुर मीतलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-76452265694693634422021-02-21T07:25:22.102-05:002021-02-21T07:25:22.102-05:00लावण्या जी, दूरदर्शन पे श्री सुधीर फडके जी ने यह ग...लावण्या जी, दूरदर्शन पे श्री सुधीर फडके जी ने यह गीत गाया था.... मैने सुना है.... मैं बहुत सालोसे ऊस कार्यक्रम के व्हिडिओ की खोज मे हुं I shyamhttps://www.blogger.com/profile/13846626537663121824noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-64949295077088514782020-12-03T16:05:27.725-05:002020-12-03T16:05:27.725-05:00सुधीर फडकेजी ने गाई हुई यह अजरामर हिंदी कविता सून ...सुधीर फडकेजी ने गाई हुई यह अजरामर हिंदी कविता सून नेकी मनस्वी ईच्या है. कोई मदत करे तो आभारी हुंगा.<br /> My whatsApp and cell no is 9420495121<br />Thanks,<br />Sudhanshu.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17764742064883200925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-66546249143881076822020-08-11T06:57:52.701-04:002020-08-11T06:57:52.701-04:00इसका ऑडिओ उपलब्ध होगा तो नेट पर पोस्ट किजिएगा
इसका ऑडिओ उपलब्ध होगा तो नेट पर पोस्ट किजिएगा<br /><br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05503537728630565495noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-62754261810627627592008-04-30T14:41:00.000-04:002008-04-30T14:41:00.000-04:00ये कविता सच मेँ गेय है -- इस को पसँद करने के लिये ...ये कविता सच मेँ गेय है -<BR/>- इस को पसँद करने के लिये आप का भी बहुत बहुत आभार...ज्ञान भाई सा'ब !<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-38741819067156022422008-04-30T14:39:00.000-04:002008-04-30T14:39:00.000-04:00नीरज जी , आप के स्नेह के प्रति और कविता को पसँद कर...नीरज जी , <BR/>आप के स्नेह के प्रति और कविता को पसँद करने के लिये आप का भी बहुत बहुत आभार !<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-77145524843286919282008-04-30T14:37:00.000-04:002008-04-30T14:37:00.000-04:00आभा जी , आप के भी पिता हैँ मेरे पापा जी ! उन के बा...आभा जी ,<BR/> आप के भी पिता हैँ मेरे पापा जी !<BR/> उन के बारे मेँ लिखेँ तब मुझे अवश्य सूचित करियेगा ..<BR/>आप का भी बहुत बहुत आभार - <BR/>लावण्या शाह (आपकी बहन)लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-55917267846127717812008-04-30T14:35:00.000-04:002008-04-30T14:35:00.000-04:00मीत जी, अनुराग भाई, इला जी, आप सभी के मेरे जाल घर ...मीत जी, अनुराग भाई, इला जी, आप सभी के मेरे जाल घर पे आने का और इस कविता को पसँद करने लिये आपका आभार !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-40789434007984682542008-04-30T06:35:00.000-04:002008-04-30T06:35:00.000-04:00अत्यंत सुन्दर और गेय रचना। धन्यवाद प्रस्तुति के लि...अत्यंत सुन्दर और गेय रचना। धन्यवाद प्रस्तुति के लिये।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-5093408473680700092008-04-30T04:35:00.000-04:002008-04-30T04:35:00.000-04:00पंडित जी की इतनी भाव पूर्ण कविता पढ़ कर कृतार्थ हो ...पंडित जी की इतनी भाव पूर्ण कविता पढ़ कर कृतार्थ हो गया. कैसे विलक्षण कवि थे वे. आप को बहुत बहुत धन्यवाद उनकी रचना पढ़वाने का.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-23483290880720231322008-04-30T03:53:00.000-04:002008-04-30T03:53:00.000-04:00ऐसे गुन के आगर पिता को क्यो न अपनाऊ हाँ मैं भी पोस...ऐसे गुन के आगर पिता को क्यो न अपनाऊ हाँ मैं भी पोस्ट डालने वाली हूँ अपने इस पिता पर .. <BR/>सुन्दर कविता -अनुवाद ...आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-65746662211045638762008-04-30T01:59:00.000-04:002008-04-30T01:59:00.000-04:00सुन्दर कविता हम तक पहुंचाने के लिये धन्यवाद.सुन्दर कविता हम तक पहुंचाने के लिये धन्यवाद.Ila's world, in and outhttps://www.blogger.com/profile/13648932193142137941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-35468101181583550812008-04-30T01:35:00.000-04:002008-04-30T01:35:00.000-04:00सुंदर कविता वाकई....सुंदर कविता वाकई....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-30846704542119969572008-04-29T22:10:00.000-04:002008-04-29T22:10:00.000-04:00बहुत सुंदर. पढ़वाने का शुक्रिया.बहुत सुंदर. पढ़वाने का शुक्रिया.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-65095907681898347492008-04-29T21:34:00.000-04:002008-04-29T21:34:00.000-04:00समीर भाई ,आपको कविता पसँद आयी ..मुझे खुशी हुई .- ल...समीर भाई ,<BR/>आपको कविता पसँद आयी ..<BR/>मुझे खुशी हुई .<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-81325233838070411272008-04-29T21:33:00.000-04:002008-04-29T21:33:00.000-04:00घुघूती जी ,ये कविता मराठी के कवि श्री भा. र. ताम्ब...घुघूती जी ,<BR/>ये कविता मराठी के कवि श्री भा. र. ताम्बे की मूल कृति का पापा जी ने अनुवाद किया था और दूर्दर्शन के कार्यक्रम मेँ प्रसिध्ध सँगीतकार श्री सुधीर फडके जी ने गाया था ...शायद कवि ने ऊम्र के उस पडाव की बात सोची होगी जब मधु ,युवावस्था के प्रणय व उन्माद के बदले ( मन मेँ जो होता है ) वह गँगा जल के समान पवित्रता मेँ तब्दील हो जाता है ..तपिश का स्थान शाँत निर्मलता ग्रहण कर लेती है ..मन को ऊम्र का असर इस तरह होता है ..जीवन की हर अवस्था मेँ उम्र से , किसी मेँ बदलाव आता है तो किसी के मन मेँ ना भी आता हो ..लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-64396357341260794062008-04-29T18:44:00.000-04:002008-04-29T18:44:00.000-04:00पापा जी की यह रचना पढ़वाने के लिए बहुत आभार. आनन्द ...पापा जी की यह रचना पढ़वाने के लिए बहुत आभार. आनन्द आया इतनी उम्दा रचना पढ़कर.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-87457015364882134242008-04-29T16:57:00.000-04:002008-04-29T16:57:00.000-04:00बहुत सुन्दर कविता है परन्तु मधु मन में होता है ना ...बहुत सुन्दर कविता है परन्तु मधु मन में होता है ना कि उम्र में !<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com