tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post6369847576916987277..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: जब काली रात बहुत गहराती है,...... याद तुम्हारी आती है !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-9043822997623930682007-06-01T15:31:00.000-04:002007-06-01T15:31:00.000-04:00जयप्रकाश जी ,आप ने अपनी व्यस्तता के बीच समय निकाल ...जयप्रकाश जी ,<BR/>आप ने अपनी व्यस्तता के बीच समय निकाल कर यहाँ टिप्पणी दी और कविता के भावोँ को पहचान कर पसँद किया<BR/>उसके लिये आपको स स्नेह आभार लिख रही हूँ ..<BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-75148174094943294342007-06-01T15:28:00.000-04:002007-06-01T15:28:00.000-04:00भावना जी,आप का आगमन और प्रोत्साहन पाकर लिखने का उत...भावना जी,<BR/>आप का आगमन और प्रोत्साहन पाकर लिखने का उत्साह बकरार रहता है<BR/>धन्यवाद !<BR/>स - स्नेह<BR/>लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-4684961384698070832007-05-31T14:56:00.000-04:002007-05-31T14:56:00.000-04:00आपकी कविता में विरह की चरम अवस्था का संगीत है । एक...आपकी कविता में विरह की चरम अवस्था का संगीत है । एकबारगी पाठक का मन व्याकुल हो उठता है । पर इस व्याकुलता में प्रियतम के प्रति रागात्मकता का कंटीला लगाव भी है । बिम्ब सभी रमणीय हैं । शब्द इतने शहदीले हैं कि वे स्वयं में एक छंद का आभास दिलाते हैं । बहुत-बहुत बधाई इस गीत के लिए । हम ऐसे गीतों के सहारे ही समकालीन कविता जो शुष्क हो चुकी है पाठकों की दिशा पुनः काव्य की ओर मोड़ सकते हैं । रसविभोर हो उठा मैं । अतः पुनः आभारजयप्रकाश मानसhttps://www.blogger.com/profile/16792869521782040232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-61213482858211355092007-05-31T11:48:00.000-04:002007-05-31T11:48:00.000-04:00बहुत अच्छी रचना है, कहीं खो जाने को विवश करती है। ...बहुत अच्छी रचना है, कहीं खो जाने को विवश करती है। इस सुन्दर रचना के लिये आपको ढेर सारी बधाई।Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-84007732924376762792007-05-31T09:46:00.000-04:002007-05-31T09:46:00.000-04:00शुक्रया विकास भाई !Rgds,Lशुक्रया विकास भाई !<BR/>Rgds,<BR/>Lलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-43632808201260620552007-05-31T09:45:00.000-04:002007-05-31T09:45:00.000-04:00Rajesh Roshan sahab,Aapko kavita je bhaav sahi lag...Rajesh Roshan sahab,<BR/>Aapko kavita je bhaav sahi lage!<BR/>Shukriya !<BR/>Rgds,<BR/>Lलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-28773289572946699612007-05-31T01:27:00.000-04:002007-05-31T01:27:00.000-04:00"वह याद रहा,यह याद रहा, कुछ भी तो ना भूला मन! मेघ ..."वह याद रहा,यह याद रहा, कुछ भी तो ना भूला मन! <BR/>मेघ मल्हार गाते झरनोँ से जीत गया बैरी सावन!"<BR/><BR/><BR/>मन मयूर नृत्य कर उठा।Vikashhttps://www.blogger.com/profile/01373877834398732074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-29767118712518837512007-05-31T01:00:00.000-04:002007-05-31T01:00:00.000-04:00"जब काली रात बहुत गहराती है,...... याद तुम्हारी आत..."जब काली रात बहुत गहराती है,...... याद तुम्हारी आती है !"<BR/><BR/>bahut sahi kaha hai. :)Rajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-77601602174027731532007-05-30T21:06:00.000-04:002007-05-30T21:06:00.000-04:00शुक्रया समीर भाई ! :)स - स्नेहलावण्याशुक्रया समीर भाई ! :)<BR/>स - स्नेह<BR/>लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-40023896085263763242007-05-30T20:43:00.000-04:002007-05-30T20:43:00.000-04:00बहुत ही सुंदर. अनुपम. बधाई.बहुत ही सुंदर. अनुपम. बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com