tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post6636591443310223797..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: -- ५० * तापमान ?? बा बा रे ....ऐसा पहली बार हुआ है, १७, १८ सालों में ...लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-13531912446221803782010-01-11T05:43:59.693-05:002010-01-11T05:43:59.693-05:00सबकी तरह मेरे भी मन में यही आ रहा है कि हम तो यहाँ...सबकी तरह मेरे भी मन में यही आ रहा है कि हम तो यहाँ ४ डिग्री में ही हलकान हैं... मन होता है कि बस छुट्टी लगा कर घर बैठ जायें।<br /><br />सच कहा ऐसे में जब सुबह सुबह साढ़े छइ धोबी ने आवाज़ दी तो लगा कि मजबूरी क्या न कराये वरना इस कोहरे में कौन पानी में हाथ डालना चाहता है।कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-60300593557663263882010-01-10T11:32:46.167-05:002010-01-10T11:32:46.167-05:00ठण्ड देखकर सिहरन हो गई ऐसे में जो लोग खुले आसमान क...ठण्ड देखकर सिहरन हो गई ऐसे में जो लोग खुले आसमान के नीचे रहते है और ठण्ड के साथ साथ कभी कभी बारिश भी हो जाती है तब अपने सुख बेमानी लगते है |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-39047451395208039052010-01-08T15:50:56.722-05:002010-01-08T15:50:56.722-05:00LAVANYA JEE,
CHITRA SABHEE KAHANI KAH RAHE
H...LAVANYA JEE,<br /> CHITRA SABHEE KAHANI KAH RAHE<br />HAIN.AAPKEE LEKHNEE KHOOB CHALEE HAI.GAREEB KO AMIR KEE KYA KUDRAT<br />KEE BHEE MAAR PADTEE HAI-- BADAA <br />AJEEB LAGTA HAI.GREEB INSAAN JHEL <br />RAHAA HAI YAH SAB KUCHH---<br />DOORIYAN ASMAANTAA KEE<br />DOOR HO SAKTEE NAHIN HAIN<br />AADMEE KE SAAMNE JAB <br />AADMEE JHUK KAR KHADAA HAIpran sharmahttps://www.blogger.com/profile/14595198332257086105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-57082198524686432322010-01-08T12:29:19.424-05:002010-01-08T12:29:19.424-05:00Lavanya Di
There is a mild snowfall here in Atlant...Lavanya Di<br />There is a mild snowfall here in Atlanta and OHO!! everything is closed! Enjoying staying home today.<br />Nice article and pic.<br />-Harshad Jangla<br />Atlanta, USAHarshad Janglahttps://www.blogger.com/profile/00844983134116438245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-43528877975727602202010-01-08T05:37:28.538-05:002010-01-08T05:37:28.538-05:00ऐसी ठंड की तो कल्पना ही सिहरा देती है। बहुत बढ़िया ...ऐसी ठंड की तो कल्पना ही सिहरा देती है। बहुत बढ़िया फोटो हैं।<br />घुघूती बासूतीUnknownhttps://www.blogger.com/profile/11956565150659221565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-11935383644062203922010-01-08T04:03:31.481-05:002010-01-08T04:03:31.481-05:00प्राकृति के साथ खिलवाड़ करने का नतीजा है.....यह ठंड...प्राकृति के साथ खिलवाड़ करने का नतीजा है.....यह ठंड....। लेकिन अंतत; भुगतना गरीबो को ही ज्यादा पड़ रहा है.......। <br />बहुत बढ़िया व सामयिक पोस्ट है।धन्यवाद।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-43509911893709756802010-01-08T02:57:58.680-05:002010-01-08T02:57:58.680-05:00कल ही यु के में रहने वाली दोस्त ओर न्यूयार्क वाले ...कल ही यु के में रहने वाली दोस्त ओर न्यूयार्क वाले दोस्त का फोन आया था ....वाकई सूरज नाराज है ..डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-30161083397160598712010-01-08T00:44:40.336-05:002010-01-08T00:44:40.336-05:00आलेख बहुत कुछ कहता है .यहाँ इतनी ठंड में ही जान नि...आलेख बहुत कुछ कहता है .यहाँ इतनी ठंड में ही जान निकल रही है ..वहां का हाल देख कर और अधिक लग रही है ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-3496114219902227212010-01-08T00:30:13.128-05:002010-01-08T00:30:13.128-05:00सचमुच, इस बार ठंड सभी जगह जानलेवा साबित हो रही है।...सचमुच, इस बार ठंड सभी जगह जानलेवा साबित हो रही है।<br /><br />--------<br /><a href="http://%20ts.samwaad.com/" rel="nofollow">सुरक्षा के नाम पर इज्जत को तार-तार...</a> <br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">बारिश की वो सोंधी खुश्बू क्या कहती है ? </a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-20304317167790451802010-01-07T23:58:13.807-05:002010-01-07T23:58:13.807-05:00खुश किस्मत है कि अमेरिका में है और पहनने को उसे ...खुश किस्मत है कि अमेरिका में है और पहनने को उसे प्रयाप्त कपडे और ओढने को कम्बल तो मिली है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-81471356613717451502010-01-07T22:31:33.479-05:002010-01-07T22:31:33.479-05:00बताइये भला हम तो इधर केवल सात डिग्री होने पर ही ठि...बताइये भला हम तो इधर केवल सात डिग्री होने पर ही ठिठुरे जा रहे हैं । माइनस पचास का तो सोच ही नहीं सकते । बहुत ही सुंदर तरीके से आपने वहां का वर्णन किया है । शीत पर पंडित जी की कोई कविता भी हो जाती तो आनंद आ जाता ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-40361102479132292652010-01-07T22:21:59.772-05:002010-01-07T22:21:59.772-05:00हमारे यहाँ तो ५ में ही जान निकली जा रही है..
तस्वी...हमारे यहाँ तो ५ में ही जान निकली जा रही है..<br />तस्वीरे हमेशा की तरह शानदार और शब्दों ने तो उनमे जान डाल दी है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-70876916190858110752010-01-07T22:15:36.197-05:002010-01-07T22:15:36.197-05:00मनुष्य ऐसे ही दुर्धर्ष कुदरती स्थितियों को परास्त ...मनुष्य ऐसे ही दुर्धर्ष कुदरती स्थितियों को परास्त कर धरती जेता बना है न ? आपकी यह पोस्ट तो हमारी जिजीविषा को ही जगाती है -सादर !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-34927368905400933762010-01-07T22:07:02.362-05:002010-01-07T22:07:02.362-05:00बाप रे ,इत्ती ठंड.गरीबों की तो आफत है.बाप रे ,इत्ती ठंड.गरीबों की तो आफत है.तनु श्रीhttps://www.blogger.com/profile/08137749476720593975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-61310386852522762512010-01-07T21:55:43.336-05:002010-01-07T21:55:43.336-05:00आज जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति न कर पाने की कमर तो...आज जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति न कर पाने की कमर तोड महंगाई के मध्य हर हाथ में एक नहीं कई कई मोबाइल .. मोबाइल की सस्ती होती जाती एक से एक स्कीमों से होती दिन रात लोगों की बातचीत .. कंप्यूटर और इंटरनेट का अधिक से अधिक प्रयोग .. इतने कम सुविधाभोगियों के कारण पूरी दुनिया के लोग कष्ट झेलने को विवश हैं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-87152432234487487302010-01-07T21:49:45.719-05:002010-01-07T21:49:45.719-05:00यहाँ भी ठंड से जन -जीवन बेहाल है.
जीवंत तस्वीरों न...यहाँ भी ठंड से जन -जीवन बेहाल है.<br />जीवंत तस्वीरों नें पोस्ट पर भी ठंड का एहसास करा दिया.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-14273749175044816722010-01-07T21:32:23.799-05:002010-01-07T21:32:23.799-05:00वाकई टीवी पर यह सब देख-देखकर हमारी तबियत खराब हो ग...वाकई टीवी पर यह सब देख-देखकर हमारी तबियत खराब हो गई, सोचिये कितनी ठंड पड़ रही है, परंतु ग्लोबल वार्मिंग से सब हो रहा है ? यह शोचनीय विषय है।<br /><br />मुंबई में भी अब सुबह और रात को ठंडी हवाएँ चल रही हैं, बिना पंखे के सोया जा सकता है।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-11715985561326390882010-01-07T21:29:56.058-05:002010-01-07T21:29:56.058-05:00मुझे तो पढ़कर ही सिहरन हो रही है;
यह तो सत्य है ...मुझे तो पढ़कर ही सिहरन हो रही है; <br />यह तो सत्य है कि मौसम की मार निर्धन वर्ग को ही <br />सबसे अधिक झेलनी पड़ती है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-47937804478554614272010-01-07T19:04:06.651-05:002010-01-07T19:04:06.651-05:00हम तो अपनी सुनायें जी। कोहरा इतना घना है कि टेने छ...हम तो अपनी सुनायें जी। कोहरा इतना घना है कि टेने छितराई हुयी हैं। हमारी प्रयारिटी उन्हे चलाने की बजाय उनकी सेफ्टी को ले कर ज्यादा है। दिन रात उनकी सलामती की फिक्र में निकल रहे हैं। <br />अगर ट्रेन चलाने में थ्रू-पुट को प्राडक्ट माना जाये तो वह आधा हो गया है। <br />पता नहीं कब तक चलेगी यह दशा!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-68469038787214555632010-01-07T18:54:56.201-05:002010-01-07T18:54:56.201-05:00और हाँ, कबूतर का फोटो बहुत अच्छा लगा.और हाँ, कबूतर का फोटो बहुत अच्छा लगा.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-81903860642496773542010-01-07T16:28:44.327-05:002010-01-07T16:28:44.327-05:00सामयिक आलेख और प्रभावी चित्र! ठण्ड में कांपते हुए ...सामयिक आलेख और प्रभावी चित्र! ठण्ड में कांपते हुए मैं भी यही सोच रहा था कि ग्लोबल वार्मिंग के पीछे पड़े हुए हमारे वैज्ञानिक अगर इस साल की विश्वव्यापी रिकोर्ड तोड़ ठण्ड के बारे में जान पाते तो लोगों की कठिनाई कुछ तो कम हो जाती.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-66272755598249678002010-01-07T14:37:45.822-05:002010-01-07T14:37:45.822-05:00विचारणीय आलेख है आपका///ग्लोबल वोर्मींग...इसका खमि...विचारणीय आलेख है आपका///ग्लोबल वोर्मींग...इसका खमिज़याना तो भुगतना ही होगा...सब मौसम अस्त व्यस्त-उलट पलट...कैसे झेलेगा इन्सान अपनी ही गलती की मार!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-34039380936189699122010-01-07T14:02:05.037-05:002010-01-07T14:02:05.037-05:00आप के आलेख सोचने पर विवश कर देते हैं। क्यों है दुन...आप के आलेख सोचने पर विवश कर देते हैं। क्यों है दुनिया में इतनी आर्थिक, सामाजिक असमानताएँ। क्या इन्हें मिटाया नहीं जा सकता। क्या कोई विकल्प ही नहीं है। इस बार शीत के जो नजारे देखने को मिले हैं। उन से लगता है प्रकृति भी ग्लोबल वार्मिंग का उत्तर दे रही है। कहीं वार्मिंग के उपरांत कोई शीत युग तो भविष्य के गर्भ में नहीं है?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com