tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post7005189159534715116..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: सँगीत निर्देशक: सज्जाद हुसैन साहब के सुहाने गीत सुनियेलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-76483194047308268742007-07-20T13:22:00.000-04:002007-07-20T13:22:00.000-04:00आदरणीय महावीर जी,प्रणाम !सही कहा आपने -- वन मेन ओर...आदरणीय महावीर जी,<BR/>प्रणाम !<BR/>सही कहा आपने -- वन मेन ओर्केस्टा ही कहलायेँगे सज्ज्जाद साहब -<BR/>और आज के युग के गँधर्व - है ना ?<BR/>टिप्पणी के लिये धन्यवाद -- यूँ ही स्नेह रखेँ -<BR/>स -स्नेह, <BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-39686331919305636962007-07-20T13:20:00.000-04:002007-07-20T13:20:00.000-04:00दीव्याभ,आपको गाने पसँद आये उसकी खुशी हुई -स -स्नेह...दीव्याभ,<BR/>आपको गाने पसँद आये उसकी खुशी हुई -<BR/>स -स्नेह, <BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-34902521342971424282007-07-20T13:19:00.000-04:002007-07-20T13:19:00.000-04:00युनूस भाई,अजीब इत्तिफाक देखिये, मैँने सज्जाद साहब ...युनूस भाई,<BR/>अजीब इत्तिफाक देखिये, मैँने सज्जाद साहब पर ये पोस्ट लिखी और न्यूयोर्क जाते ही उनके बेटे से मुलाकात हो गई -<BR/>मैँने नासिर भाई को भी बतलाया कि मैँने उनके पापा पे एक आलेख अभी अभी ब्लोग पे लिखा है -<BR/>और सज्ज्जाद साहब के हठी स्वभाव की बात भी हुई तो नासिर भाई मुस्कुराने लगे ;-) <BR/>नासिर जी का ४ नँबर है -५ भाई हैँ वे लोग !सभी सँगीतकार हैँ -ऐसा बतलाया --<BR/>स -स्नेह, <BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-3960839191171775692007-07-20T13:15:00.000-04:002007-07-20T13:15:00.000-04:00सुनीता जी, (शानू जी ) आप की टिप्पणी का भी बहुत बहु...सुनीता जी, (शानू जी ) <BR/>आप की टिप्पणी का भी बहुत बहुत, शुक्रिया<BR/>आपका ब्लोग भी देखा है और आपकी क्रियात्मक्ता मुझे पसँद है -<BR/>स -स्नेह, <BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-70046798618136662212007-07-20T13:14:00.000-04:002007-07-20T13:14:00.000-04:00काकेश जी,जो भी इन्सान बढिया काम कर गये हैँ , उन्हे...काकेश जी,<BR/>जो भी इन्सान बढिया काम कर गये हैँ , उन्हेँ आज भी सब याद करते हैँ, है ना?<BR/>आप की टिप्पणी का शुक्रिया<BR/>स -स्नेह,<BR/> --लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-49892993088523189922007-07-20T13:12:00.000-04:002007-07-20T13:12:00.000-04:00समीर भाई,धन्यवाद आप मेरा लिखा पढते रहते हैँ ---जिस...समीर भाई,<BR/>धन्यवाद <BR/>आप मेरा लिखा पढते रहते हैँ ---<BR/>जिसकी मुझे खुशी है <BR/>स -स्नेह, <BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-75678644101531132972007-07-11T15:55:00.000-04:002007-07-11T15:55:00.000-04:00रोचकता, जानकारी और पुरानी यादें सब ही इस में हैं। ...रोचकता, जानकारी और पुरानी यादें सब ही इस में हैं। पढ़ने में आनंद आगया।<BR/>सज्जाद साहब ने केवल १४ फ़िल्मों का संगीत देकर यह सिद्ध कर दिया कि quantity नहीं,<BR/>quality का महत्व है। इसी लिए आज भी लोग उनके संगीत को भुला ना पाए। एक ऐसा संगीतकार जिसने बचपन में ही सितार, वीणा, वायलिन, बांसुरी, मेन्डोलीन, जलतरंग, बैंजो, अकॉर्डियन, स्पेनिश गिटार आदि साज़ों पर महारत कर ली थी। स्वयं जीते जागते आर्केस्ट्रा थे। <BR/>इस प्रकार की जानकारी देती रहिए।महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-16952452869612056782007-07-09T13:20:00.000-04:002007-07-09T13:20:00.000-04:00आदरणीय मैम,बहुत रोचक जानकारी है…संगीत तो बहुत अच्छ...आदरणीय मैम,<BR/>बहुत रोचक जानकारी है…संगीत तो बहुत अच्छा है…।<BR/>आपको तो और भी ज्यादा गहराई से पता है तो आनंद ज्यादा आता है…।Divine Indiahttps://www.blogger.com/profile/14469712797997282405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-26225711280914867352007-07-08T22:01:00.000-04:002007-07-08T22:01:00.000-04:00लावण्या जी अच्छा जिक्र किया आपने सज्जाद का । लत...लावण्या जी अच्छा जिक्र किया आपने सज्जाद का । लता दीदी उन्हें अपना मनपसंद संगीतकार बताती हैं । हर इंटरव्यू में उनका जिक्र करती हैं । रूस्तम सोहराब की इस कव्वाली को हिंदी फिल्मों की पहली कव्वाली माना जाता है । सज्जाद बेहद जिद्दी थे और अख्खड़ कहे जाते थे । उन्होंने नौशाद से कह दिया था कि तुमने आज तक कोई ढंग का गाना बनाया है क्या । इसी तरह लता जी से कहा था आज तक तुमने बेकार के गाने गाये आज मैं तुमसे सही गाना गवाता हूं । मध्यप्रदेश के रहने वाले थे वो । मेरी जानकारी के मुताबिक़ उनके आखिरी दिन काफी मुफलिसी में कटे । सज्जाद खालिस इंसान और खालिस संगीतकार थे ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-5901671945136929622007-07-08T21:57:00.000-04:002007-07-08T21:57:00.000-04:00बहुत अच्छा लगा गाने सुन कर मेरे पसंदीदा गाने हैं स...बहुत अच्छा लगा गाने सुन कर मेरे पसंदीदा गाने हैं सभी...बहुत-बहुत धन्यवाद...<BR/><BR/>सुनीता(शानू)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-46292911488816063892007-07-08T21:29:00.000-04:002007-07-08T21:29:00.000-04:00सज्जाद जी मेरे प्रिय संगीत निर्देशकों में रह हैं.स...सज्जाद जी मेरे प्रिय संगीत निर्देशकों में रह हैं.संगदिल फिल्म के उनके सारे गाने मुझे बहुत पसंद है.उनकी याद दिलाने के लिये शुक्रिया.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-10045176629450510752007-07-08T16:34:00.000-04:002007-07-08T16:34:00.000-04:00गीतों के जानकारी अच्छी लगी. सज्जाद साहब की याद को ...गीतों के जानकारी अच्छी लगी. सज्जाद साहब की याद को नमन.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com