tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post7085514102625612554..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: कुदरतलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-52998957650953038582009-09-19T18:01:12.386-04:002009-09-19T18:01:12.386-04:00This comment has been removed by a blog administrator.OMANAND0HAMhttps://www.blogger.com/profile/08193133472397856242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-9636619914439305302008-09-16T22:59:00.000-04:002008-09-16T22:59:00.000-04:00आप सभीका धन्यवाद जो अपने व्यस्त समय मेँ से कुछ समय...आप सभीका धन्यवाद <BR/>जो अपने व्यस्त समय मेँ से <BR/>कुछ समय निकाल कर यहाँ आये <BR/>और मेरी बातोँ को सुना और आपके विचारोँ से हमेँ अवगत करवाया ..<BR/>आते रहीयेगा ..<BR/>और इन्सानियत से प्यार करते रहीयेगा ..<BR/>" एक दीप सौ दीप जलाये, <BR/> मिट जाये अँधियारा " <BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-14767761441192938072008-09-16T19:15:00.000-04:002008-09-16T19:15:00.000-04:00बेहतरीन चिन्तन!! बेहतरीन विवरण- काश, हम समझ पाते.बेहतरीन चिन्तन!! बेहतरीन विवरण- काश, हम समझ पाते.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-40207080532557796972008-09-16T15:35:00.000-04:002008-09-16T15:35:00.000-04:00सचमुच भय और विषाद के इस माहौल में आपकी पोस्ट एक ता...सचमुच भय और विषाद के इस माहौल में आपकी पोस्ट एक ताजगी लेकर आई है....सुन्दर चित्र, सुन्दर वर्णन!pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-79381951858241059992008-09-16T15:22:00.000-04:002008-09-16T15:22:00.000-04:00bअहुत ही सुंदर चिंतन,मे कल ही अपने बच्चो कॊ बता रह...bअहुत ही सुंदर चिंतन,मे कल ही अपने बच्चो कॊ बता रहा था कि भगवान की बनाई किसी भी वस्तु हे हमे कोई नुक्सान नही होता, ओर इंसान की बनाई किसी भी वस्तु से सुख कम ओर दुख ज्यादा मिलते हे.<BR/>धन्यवाद एक अति सुन्दर पोस्ट के लियेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-55116087346882660562008-09-16T11:16:00.000-04:002008-09-16T11:16:00.000-04:00LavanyajiYou have expressed a wonderful philosophy...Lavanyaji<BR/>You have expressed a wonderful philosophy of life.<BR/>Nice presentation and pic too.<BR/><BR/>-Harshad Jangla<BR/>Atlanta, USAHarshad Janglahttps://www.blogger.com/profile/00844983134116438245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-15542036226652811552008-09-16T10:08:00.000-04:002008-09-16T10:08:00.000-04:00सही लिखा आपने ..कुदरत क्या कैसे अपना प्यार लुटा दे...सही लिखा आपने ..कुदरत क्या कैसे अपना प्यार लुटा देती है ..इंसान उतना ही उसको खराब कर रहा है ..सार्थक लेखरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-47454417430028336302008-09-16T05:36:00.000-04:002008-09-16T05:36:00.000-04:00सात रंग ,सप्तावरण ,सप्त ऋषि ,संगीत के सात सुर ,सात...सात रंग ,सप्तावरण ,सप्त ऋषि ,संगीत के सात सुर ,सात समुद्र ,सूर्य के सात घोडे -सात की संख्या से कुदरत क्या कहना चाहती है ! प्रकृति पर्यवेक्षण लोगों में विनम्रता का भाव संचारित करता है -हम जितना ही पर्कृति के दूर जा रहे हिंस्र और अमानवीय होते जा रहे हैं !आपने इस और ध्यान दिलाया -आभार !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-70894062015553497562008-09-16T04:24:00.000-04:002008-09-16T04:24:00.000-04:00ऐसे समय में इन कुदरत के नजारों को देखने और समझने क...ऐसे समय में इन कुदरत के नजारों को देखने और समझने की बहुत जरुरत है...Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-43110852191248452802008-09-16T04:23:00.000-04:002008-09-16T04:23:00.000-04:00पर यह इंसान इतना नामुराद है कि पल प्रतिपल कुदरत के...पर यह इंसान इतना नामुराद है कि पल प्रतिपल कुदरत के इस खजाने को मिटाने पर तुला हुआ है।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-33597786883332192902008-09-16T03:01:00.000-04:002008-09-16T03:01:00.000-04:00कुदरत का कोई जवाब नही ..कल रात ही AXN पर एक प्रोग्...कुदरत का कोई जवाब नही ..कल रात ही AXN पर एक प्रोग्राम देख रहा था की अलग अलग तुफानो का ....ये संदेश है की प्रकति के साथ इंसानी छेड़ छाड़ कितनी खतरनाक है ओर आज आपने कुदरत के तोहफे दिखा दिये..डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-33113293032972147412008-09-16T02:14:00.000-04:002008-09-16T02:14:00.000-04:00मन को सुकून देने बाली बहुत ही अच्छी बातें .. प्रणा...मन को सुकून देने बाली बहुत ही अच्छी बातें .. प्रणाम दी..आभाhttps://www.blogger.com/profile/04091354126938228487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-54417420193534447142008-09-16T01:56:00.000-04:002008-09-16T01:56:00.000-04:00बहुत ही खूबसूरत पोस्ट है, आपके खयालात काश हर इंसान...बहुत ही खूबसूरत पोस्ट है, आपके खयालात काश हर इंसान के हों तो आज दुनिया इतनी बुरी नही होती...लेकिन अफ़सोस की ऐसा नही है...लेकिन उस में आप जैसे चंद इंसान ताजा हवा के झोंके जैसे ही तो हैं..बहुत शानदार...तस्वीर भी बेहद दिलकशrakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-80738642194933365782008-09-15T22:59:00.000-04:002008-09-15T22:59:00.000-04:00आपकी भावविभोर कर देने वाली पोस्ट ने आज की सुबह को ...आपकी भावविभोर कर देने वाली पोस्ट ने आज की सुबह को बेहतर बना दिया। ...धन्यवाद। आप बहुत सुखदायी बातें लिखती हैं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-89837389843799024522008-09-15T22:46:00.000-04:002008-09-15T22:46:00.000-04:00लावण्या जी, राक्षस तो किसी भी धर्म को नहीं मानते, ...लावण्या जी, राक्षस तो किसी भी धर्म को नहीं मानते, वे तो धर्म का भी सिर्फ़ इस्तेमाल करते हैं. चित्र और विवरण अच्छा लगा. धन्यवाद!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-81560909511580200942008-09-15T22:37:00.000-04:002008-09-15T22:37:00.000-04:00प्रकृति बहुत सुंदर है, दुःख मनुष्य की देन।प्रकृति बहुत सुंदर है, दुःख मनुष्य की देन।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-21397307185384395472008-09-15T22:33:00.000-04:002008-09-15T22:33:00.000-04:00"- चाँद तारे , सूरज, फूल पौधे, अनाज, नदी, परबत, आस..."- चाँद तारे , सूरज, फूल पौधे, अनाज, नदी, परबत, आसमान , पंछी और जानवर<BR/>किसी मज़हब के नहीं उनसे परे हैं -- कुदरत भी आज सोच रही होगी ,<BR/>इंसान मेरे बस में नहीं रहा अब !"<BR/><BR/>कितना सही चिंतन है आपका ! काश इंसान ईश्वर के बताए मार्ग पर चल सके ?<BR/>प्रणाम आपको !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-24262487175122001322008-09-15T20:35:00.000-04:002008-09-15T20:35:00.000-04:00सही है - भूले व्यथा को।प्रकृति निहारें।यह किस कवि ...सही है - भूले व्यथा को।<BR/>प्रकृति निहारें।<BR/>यह किस कवि की कल्पना का चमत्कार है!<BR/>ये कौन चित्रकार है, ये कौन चित्रकार?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-12698488348969229082008-09-15T16:46:00.000-04:002008-09-15T16:46:00.000-04:00काश...इंसान इंसानियत को हमेशा याद रख पाए...काश...इंसान इंसानियत को हमेशा याद रख पाए...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.com