tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post7208800609935262320..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: मेरे स्वप्न, सच हो जाए ...ऐसा हो ...लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-34152052661696765422009-03-28T11:16:00.000-04:002009-03-28T11:16:00.000-04:00आप सभी की टीप्पणियोँ का शुक्रिया -लावण्याआप सभी की टीप्पणियोँ का शुक्रिया <BR/><BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-22251741055187528272009-03-28T03:51:00.000-04:002009-03-28T03:51:00.000-04:00Nice Pictures...नव संवत्सर २०६६ विक्रमी और नवरात्र...Nice Pictures...नव संवत्सर २०६६ विक्रमी और नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनायेंAkanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-28526839968560766622009-03-25T03:47:00.000-04:002009-03-25T03:47:00.000-04:00behad उम्दा और लाजवाब विचार...स्वागत है!!_________...behad उम्दा और लाजवाब विचार...स्वागत है!!<BR/>_____________________________<BR/>गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-59446862665406448382009-03-24T03:40:00.000-04:002009-03-24T03:40:00.000-04:00आप ने बहुत अच्छा लिखा है, लावण्या दी। हमेशा की त...आप ने बहुत अच्छा लिखा है, लावण्या दी। हमेशा की तरह सदविचारपूर्ण और प्रेरणादायी लेखन। हमारी संस्कृति में नारी को शक्तिस्वरूपा माना गया है और हम शक्ति के रूप में देवी की आराधना भी करते हैं। भारतीय इतिहास और पुराकथाओं में नारी शक्ति के अप्रतिम उदाहरण मिलते हैं। संस्कृति व परंपराओं के प्रति आस्था के विघटन से कुरीतियां जरूर फैली हैं, लेकिन हमें पूरी आशा है कि एक दिन कुरीतियां दूर होंगी और स्वप्न सच होगा।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-87946639737673327562009-03-23T14:22:00.000-04:002009-03-23T14:22:00.000-04:00आपने बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान खींचा है ।स्...आपने बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान खींचा है ।स् सामाजिक उत्सवों में स्त्री को देवी कह कर सजा धजा कर कोने में बिठाने वाले ये अपने ही लोग उस से घर में नोकर से भी बदतर सलूक करते हैं । जरूरत है समानता की और इसमें नारी और पुरुष दोनों को पहल करनी होगी कि वे कमसे कम अपने घरों में यह समानता स्थापित करें ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-44041581309655672822009-03-21T13:17:00.000-04:002009-03-21T13:17:00.000-04:00...........सच तो यह है कि सब कुछ तो आपने कह दिया................सच तो यह है कि सब कुछ तो आपने कह दिया........और सब कुछ बहुत गहरे उतर गया........अब मैं कुछ कह नहीं सकता........मैं अभी आपके कहे में ही जज्ब हूँ.......!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-41406941908670386992009-03-20T10:06:00.000-04:002009-03-20T10:06:00.000-04:00एक ब्लॉग में कितना कुछ समेत रखा है आपने... बधाई......एक ब्लॉग में कितना कुछ समेत रखा है आपने... बधाई...sandeep sharmahttps://www.blogger.com/profile/00396307376371645302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-91558110094625373712009-03-20T03:11:00.000-04:002009-03-20T03:11:00.000-04:00ढेर सारे चित्र, ढेर सारे विचार।प्रेरणा के लिए आभार...ढेर सारे चित्र, ढेर सारे विचार।<BR/><BR/>प्रेरणा के लिए आभार।Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-39435002807235129692009-03-20T02:11:00.000-04:002009-03-20T02:11:00.000-04:00बहुत अच्छी पोस्ट है ... नारी के प्रति आज के समाज...बहुत अच्छी पोस्ट है ... नारी के प्रति आज के समाज में एक ओर जहां सकारात्मक परिवर्तन दिखाई पड रहा है ... वहीं दूसरी ओर नकारात्मक भी ... स्थिति चिंताजनक ही है अभी तक ... और पता नहीं कितने दिनों तक रहेगी।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-52661877927805200752009-03-20T01:58:00.000-04:002009-03-20T01:58:00.000-04:00इस चुनाव में आप कहां है? आपके प्रवचनों की बहोत जरू...इस चुनाव में आप कहां है? आपके प्रवचनों की बहोत जरूरत है। कहीं से पर्चा दाखिल कीजिए न। वो जो लिंक आपने भेजा था नहीं मिला।नीलोफरhttps://www.blogger.com/profile/15699132125888610790noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-2855936189645704792009-03-19T16:10:00.000-04:002009-03-19T16:10:00.000-04:00हर बार की तरह सुन्दर प्रस्तुति ! इधर बहुत दिनों की...हर बार की तरह सुन्दर प्रस्तुति ! <BR/>इधर बहुत दिनों की अनुपस्थिति रही. आपकी होली और काफ़ी वाली पोस्ट बहुत पसंद आई. काफ़ी से जुडी हर बात अपने को पसंद है :-) <BR/><BR/>विवाद वाली बात जानकार बहुत बुरा लगा. इससे जुडी और भी कई पोस्ट अन्य ब्लोग्स पर भी पढने को मिल रही है...Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-66151857109506937162009-03-19T13:16:00.000-04:002009-03-19T13:16:00.000-04:00लावण्या जी बिलकुल सही लिखा आप ने ...नारी का सन्मा...लावण्या जी बिलकुल सही लिखा आप ने ...<BR/>नारी का सन्मान जहां नही होगा वहां अगली पीढी बद से बदतर होती जायेगी.<BR/>क्योकि एक नारी ही इस समाज को बनाती है,ैसी लिये तो हमारे समाज मै नारी , पुरुष से पहले आती है... जेसे सीता राम, राधे श्याम.... ओर जिस घर के बच्चे महान बनते है उस मे नारी का योगदान ज्यादा होता है.<BR/>आप का धन्यवाद इस सुंदर लेख के लियेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-52031091455287501322009-03-19T11:14:00.000-04:002009-03-19T11:14:00.000-04:00संपूर्ण रूप से सहमती.नारी का सन्मान जहां नही होगा ...संपूर्ण रूप से सहमती.<BR/><BR/>नारी का सन्मान जहां नही होगा वहां अगली पीढी बद से बदतर होती जायेगी.<BR/><BR/>नारी को भी नारी का सन्मान कभी कभी ज़रूरी है.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-89736931149655320032009-03-19T10:25:00.000-04:002009-03-19T10:25:00.000-04:00नव वधु और उसके गहने - बहुत सुन्दर! अप्रतिम!नव वधु और उसके गहने - बहुत सुन्दर! अप्रतिम!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-62498940106890408922009-03-19T10:16:00.000-04:002009-03-19T10:16:00.000-04:00समाज रीती रिवाज धर्म ये बड़ी सूझ बूझ से बुने ताने ...समाज रीती रिवाज धर्म ये बड़ी सूझ बूझ से बुने ताने बाने है स्त्री के लिए ....ओर वो इन जालो में ही उलझ कर रह जाती है ..अफ़सोस उनमे से कई उसे भी नहीं पहचानती ..वैसे भारत में स्त्री शोषण में दुर्भग्य से ५० प्रतिशत हाथ दूसरी स्त्रियों का ही होता है .डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-56417606774948996022009-03-19T09:25:00.000-04:002009-03-19T09:25:00.000-04:00लावण्या जी आपके लेख इतनी आशावादी इतने पोसिटिव होत...लावण्या जी <BR/>आपके लेख इतनी आशावादी इतने पोसिटिव होते हैं की मन में कहीं निराशा पनपने नहीं पाती. आपकी भाषा और सुघड़ लेखनी का कमाल पूरे लेख को <BR/>अंत तक पढने को विवश करता है. आपका कहना उचित है जब जब समाज में नारी का पतन होता है, ये समाज बिखरता है, पतन की और जाता है. समाज में जहां नारी को अबला के रूप में देखते हैं, वहां नारी शक्ति भी है.....और अगर वास्तिविक जीवन में देखा जाए तो शायद नारी ही है जिसका योगदान इंसान के भविष्य की लिए, इस पृथ्वी के चिरंतन प्रवाह के लिए ज्याद आवश्यक है. <BR/>आपको बधाई है इतने सुन्दर और स्वस्थ लेखन के लिएदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-22398116088916395592009-03-19T08:00:00.000-04:002009-03-19T08:00:00.000-04:00Very thoghtful article.-Harshad JanglaAtlanta, USA...Very thoghtful article.<BR/>-Harshad Jangla<BR/>Atlanta, USAHarshad Janglahttps://www.blogger.com/profile/00844983134116438245noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-23495354034034687952009-03-19T04:35:00.000-04:002009-03-19T04:35:00.000-04:00नारी समानता तब संभव है जब नारी को अलग दृष्टि से न ...नारी समानता तब संभव है जब नारी को अलग दृष्टि से न देखा जाए.नारी को महिमामंडित करने की भी जरूरत नहीं है, लेडीज फर्स्ट भी नहीं. सब सामान्य रूप से चलने दीजिये. नारी देवी भी नहीं है और न ही वैश्या है.उसके अलग अलग रूप माँ , बहन,पत्नी,मित्र आदि के हैं.ठीक वैसे ही जैसे पुरुष के पिता, भाई,पति,मित्र आदि के हैं.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-19187260775462540842009-03-19T02:47:00.000-04:002009-03-19T02:47:00.000-04:00uttam lekh...! pranaamuttam lekh...! pranaamकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-86105767084201137992009-03-18T23:56:00.000-04:002009-03-18T23:56:00.000-04:00आपसे सौ प्रतिशत सहमत. निजी रुप से मैं उस समाज,मित्...आपसे सौ प्रतिशत सहमत. निजी रुप से मैं उस समाज,मित्र या परिवार के साथ संबंध ही नही रखता जहां नारी के साथ अभद्रता का व्यवहार होता हो.<BR/><BR/>ये भी सही उदाहरण दिया कि जिस समाज मे नारी का सम्मान नही होता वो समाज खत्म हो जाते हैं. मेरा यह कहना है कि जिन परिवारों में नारी को सताया गया है वो परिवार भी खत्म हो गये हैं.<BR/><BR/>नारी आखिर एक मुख्य धुरी है उसको कमजोर करके आप गाडी को नही चला सकते.<BR/><BR/>यकीन करिये अब बहुत जल्दी बदलाव आयेगा. मैं आशान्वित हूं.<BR/><BR/>बहुत शुभकामनाएं इस लेख के लिये.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-64706476615915950242009-03-18T23:10:00.000-04:002009-03-18T23:10:00.000-04:00ठीक कहा, 'जिस समाज में ,स्त्री का सन्मान नहीं होता...ठीक कहा, 'जिस समाज में ,स्त्री का सन्मान नहीं होता वह समाज शनैः, शनैः नष्ट हो जाता है।'उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-86636706537498517292009-03-18T22:42:00.000-04:002009-03-18T22:42:00.000-04:00इस सुन्दर और चिंतन को चलायमान करते आलेख के लिए आभा...इस सुन्दर और चिंतन को चलायमान करते आलेख के लिए आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-41408161557310181412009-03-18T22:34:00.000-04:002009-03-18T22:34:00.000-04:00स्त्री को इसी तरह ग्लोरीफाई कर के उस का शोषण भी कि...स्त्री को इसी तरह ग्लोरीफाई कर के उस का शोषण भी किया है और यह प्रक्रिया जारी है। आज ही लोकल पेपर में खबर है कि एक महिला उलेमा शाहाना नूरी ने मजलिस में यह संदेश दिया कि औरतों को इस्लाम सम्मान देता है इसलिए उन्हें पर्दे मही रहना चाहिए, औरत अगर शर्म और हया करे तो उसे पूरा सम्मान मिलेगा। इस तरह सम्मान पाने के लिए औरत अपने को गुलाम की स्थिति में ले आए। औरत को ग्लोरिफाई कर के उस को शोषित और गुलाम बना देने की साजिशें सदियों से जारी हैं। स्त्री को ग्लोरिफिकेशन के स्थान पर समानता के व्यवहार की आवश्यकता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-3714712574323152542009-03-18T22:11:00.000-04:002009-03-18T22:11:00.000-04:00अपने बहुत महत्वपूर्ण बातें कही हैं -विचारऔर अनुपाल...अपने बहुत महत्वपूर्ण बातें कही हैं -विचारऔर अनुपालन योग्य !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com