tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post7454241076130901641..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: न्यू ओर्लीन्स : REPORT FROM THE FRONT LINES : दीनेश राय द्वीवेदी जी का आग्रह था कि मैँ अमरीकी जीवन शैली से जुडी बातोँ पर लिखूँ (कैटरिना हरिकेन )लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-62434567307209694172008-05-01T16:20:00.000-04:002008-05-01T16:20:00.000-04:00आपका यह लेखन मात्र सूचनात्मक नहीं अपितु मानवता के ...आपका यह लेखन मात्र सूचनात्मक नहीं अपितु मानवता के पक्ष में एक रचनात्मक क़दम भी है । चुंकि आप अमेरिकन जीवन को बड़ी बारीकी से देख-परख रही हैं सो मेरे मन मे एक जिज्ञासा उपज रही है इस वक्त कि जिस तरह अमेरिका की बाजारवादी चालों को सारी दुनिया के बुद्धिजीवी एक दृष्टि से देखते हैं उसे आप किस तरह महसूसती हैं ? <BR/>आपके मन-मनीषा में अमेरिकन व्यापारिक नीति, उदारीकरण वैश्वीकरण, पूँजीवादी नीति और प्रकारांतर से एक नये उपनिवेशवाद को लेकर कैसे कैसे तस्वीर बनते हैं यह भी मैं विस्तार से जानना चाहूँगा । वैसे ऐसे वक्त आपको कठिनाई भी हों क्योंकि यह आपके प्रवासी देश के नियमों के विपरीत भी जा सकता है । विचार कीजिएगा... सादर <BR/><BR/>हाँजयप्रकाश मानसhttps://www.blogger.com/profile/00751715610119416437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-47478186828643259142008-04-25T19:00:00.000-04:002008-04-25T19:00:00.000-04:00दिनेश भाई साहब्, नमस्ते - आप ने मेरे भतीजे हेमँत क...दिनेश भाई साहब्, नमस्ते - <BR/>आप ने मेरे भतीजे हेमँत का लिखा आलेख पढा औरु स की बारीकियोँ पर भी ध्यान दिया ये मुझे <BR/>नई उर्जा देनेवाली बात है - आप अवश्य इस का हिन्दी रुपाँतरण करियेगा -ताकि,एक विस्तृत वर्ग<BR/>हिन्दी भाषीय भी अमरीकी समाज की अस्लियत से वाकीफ हो सके. आप लिखेँ और मुझे अवश्य बतलायेँ<BR/>जब तैयार हो जाये ...<BR/>हेमँत के पिताजी ,( Shri Hasmukh wankawala ) बर्मा मेँ जन्मे, ४० वर्षोँ से अमरीका मे ऐनेसस्थेसीयीस्ट / anestheist का कार्य करते हैँ और डाक्टर'ज़ वीधाऊट बोर्डर/ Doctors without Border के भी सदस्य हैँ ...अब रीटायर हुए और अपनी मेहनत की कमाई मेँ से ८ करोड रुपये सुरत शहर मेँ , बच्चोँ के अस्पताल के लिये दान कर दीये.<BR/>ऐसे पिता की सम्तान है हेमँत और भारतीय मूल के लोग जिस भूखँड पर बसते हैँ वहीँ, नाम कमाते हैँ उसकी ये दोनोँ मिसाल हैँ -- <BR/>अगर आप को और कोई प्रश्न मन मेम आये तो अवश्य पूछियेगा -<BR/>Re: this statement - <BR/>there was a time when there were 16,000 angry, tired, frustrated people here, there were stabbings, rapes, and people on the verge of mobbing.)I feel so heart broken to add that even under age children were not spared :-((<BR/>ये कटु सत्य है ! <BR/>दूसरे किस्से भी आगे लिखती रहूँगी -- ये भी बतलायेँ कि किस विषय पर आप पढना चाहेँगे ?लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-16164000468978381122008-04-24T22:05:00.000-04:002008-04-24T22:05:00.000-04:00बहिन लावण्या! हृदय विदारक रिपोर्ट है यह। इसे मैं न...बहिन लावण्या! हृदय विदारक रिपोर्ट है यह। इसे मैं ने 21 अप्रेल को ही देख लिया था। लेकिन इन दिनों सुबह की अदालतें होने और घर में कुछ मेहमान होने से समय की कमी के कारण टिप्पणी नहीं कर पाया। मैं ने मन बनाया था कि आप से अनुमति ले कर इस का अनुवाद कर दूँ। हिन्दी पाठक भी इस के रसों को ग्रहण कर सकें। लेकिन बाद में लगा कि शायद अनुवाद में मैं न्याय न कर पाऊँ, शायद हिन्दी में वह बात न आ सके जो मूल आलेख में है। <BR/>इस रिपोर्ट को पढ़ कर लगा कि हम कितना कम जानते हैं अमरीकी समाज के बारे में। माल बेचने के विज्ञापनों के बीच समाज की वास्तविकताएं खो जाती हैं। दुनियाँ की सब से समृद्ध समाज की त्रासदी का वर्णन है। इस भीणण त्रासदी के बीच भी जब मानवीय कुकृत्यों का उल्लेख मिला (there was a time when there were 16,000 angry, tired, frustrated people here, there were stabbings, rapes, and people on the verge of mobbing.) तो सचमुच हृदय विदीर्ण हो गया। <BR/>लेकिन इस बीच मानवीय सहायता की भावना ने मन को उन सर्वोत्तम ऊँचाइयों तक भी पहुंचाया जहाँ हम बुद्ध और महावीर की श्रेष्ठता से साक्षात कर सकते हैं। <BR/>बहुत बहुत धन्यवाद, समय मिला तो इस का हिन्दी अनुवाद करने का प्रयत्न करूँगा। मेरे लिए वह बहुत बड़ी चुनौती होगी। न्याय कर पाऊँगा या नहीं इस रिपोर्ट के साथ, नहीं जानता। पर ऐसी रिपोर्टों का हिन्दी में अभाव है। <BR/>आप का इस रिपोर्ट के लिए धन्यवाद और आभार। ऐसे ही लिखती रहें। <BR/>हेमन्त को भी धन्यवाद। वे बधाई के पात्र हैं। त्रासदी में कर्तव्य के लिए भी और इस रिपोर्ट के लिए भी। भारत के इस वंशज के हाथों का मानवीय स्पर्ष जिन ने पाया होगा, वे ही बता सकते हैं कि वह स्पर्ष मानवीय था अथवा दैवीय।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-35574115592250421032008-04-21T12:19:00.000-04:002008-04-21T12:19:00.000-04:00Avashya -- likhoongi Anurag bhai. Doctoree ka pes...Avashya -- likhoongi Anurag bhai. <BR/><BR/> Doctoree ka pesha, Teachers, Nurses are all in my view , "angels on Earth " -- <BR/><BR/> Ishwar ka kaam , ye sabhee karte hain. <BR/> <BR/> Aur Ishwar her jagah nahee ja pate waheen per MAA <BR/>ko bhej dete hain ! :-) <BR/><BR/> Hai na ?लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-24513915158211154812008-04-21T10:56:00.000-04:002008-04-21T10:56:00.000-04:00शुक्रिया आपने इस लेख को पढ़वा कर एक नई उर्जा मुझम...शुक्रिया आपने इस लेख को पढ़वा कर एक नई उर्जा मुझमे भर दी ....द्रिवेदी जी भी बहुत शुक्रिया जो उन्होंने सही राय दी ..आप थोड़ा ओर इस तरह के लेख लिखेगी तो अच्छा लगेगा ...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com