tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post7877644864549711706..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: दिल हुआ आशनां !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-44677600755182540222010-02-15T10:58:10.160-05:002010-02-15T10:58:10.160-05:00लावण्या जी,
कवितायें बहुत लुभावनी हैं और चित्र भी।...लावण्या जी,<br />कवितायें बहुत लुभावनी हैं और चित्र भी।Laxmihttps://www.blogger.com/profile/01605651550165016319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-91654777906996585172010-02-15T10:56:03.357-05:002010-02-15T10:56:03.357-05:00सुन्दर कवितायें और सुन्दर चित्र। बधाई।सुन्दर कवितायें और सुन्दर चित्र। बधाई।Unknownhttps://www.blogger.com/profile/15152685873048410363noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-62593129202381565132010-01-28T19:13:52.410-05:002010-01-28T19:13:52.410-05:00लावण्या जी,
देर से आया हूँ, सभी कविताएं बहुत सुन्...लावण्या जी, <br />देर से आया हूँ, सभी कविताएं बहुत सुन्दर हैं.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-82740408070275797592010-01-16T04:28:24.735-05:002010-01-16T04:28:24.735-05:00प्रेम और विरह के मनमोहक शब्दों से सजी-निखरी कविताय...प्रेम और विरह के मनमोहक शब्दों से सजी-निखरी कवितायें दीदी...<br /><br />मिट्टी के इतर की शीशी वाला इमेज कुछ इतना भाया है दी कि मन कर रहा है चुरा लूं।<br /><br />अब जा रहा हूं उधर गुरुजी के ब्लौग पर आपकी दूसरी कविता का लुत्फ़ उठानेगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-40698468862109680972010-01-14T12:21:20.945-05:002010-01-14T12:21:20.945-05:00क्या आप अपनी कविताओं को स्वर और संगीत में पिरवाकर ...क्या आप अपनी कविताओं को स्वर और संगीत में पिरवाकर प्रस्तूत नहीं करवा सकती ओडियो सीडी के रूपमें ?बाकी मूझसे इस विषयमें ज्यादा ज्ञानी लोगोनें बहोत सुन्दर टिपणीयाँ लिख़ी है ।<br /><br />पियुष महेता ।<br />सुरत-395001.PIYUSH MEHTA-SURAThttps://www.blogger.com/profile/12760626174047535862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-78508251707466559202010-01-14T11:45:34.477-05:002010-01-14T11:45:34.477-05:00वाह .......एक साथ इतनी सारी खूबसूरत नज्में .....अब...वाह .......एक साथ इतनी सारी खूबसूरत नज्में .....अब तक कहाँ छुपा रखीं थी .....??<br /><br />औए तस्वीरें तो माशाल्लाह दिल चीरती हैं .....बस कमाल ही कमाल है .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-64798883527128974312010-01-14T02:30:32.725-05:002010-01-14T02:30:32.725-05:00अच्छा लगा जब ज्ञान जी जैसे अकावित लोग कनेक्ट हो ...अच्छा लगा जब ज्ञान जी जैसे अकावित लोग कनेक्ट हो रहे है ....आपका ये नया रूप नए साल में ...<br /><br />.बर्फ कुछ कम हुई के नहीं !डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-91221872956534683762010-01-13T19:21:04.199-05:002010-01-13T19:21:04.199-05:00रूई के नर्म फाहों जैसे मेरे अहसास
और तुम, मिट्टी क...रूई के नर्म फाहों जैसे मेरे अहसास<br />और तुम, मिट्टी के इतर की शीशी -<br />समाती है खुशबु सारे कायनात की ,<br />बिखर जाती है खयालातों में , मेरे<br />आपकी रचनाएँ बहुत मन भायी हैं...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-43823880984459951732010-01-13T11:13:42.332-05:002010-01-13T11:13:42.332-05:00आज आपकी बहुमुखी काव्य-प्रतिभा का कमाल देखा. यह सार...आज आपकी बहुमुखी काव्य-प्रतिभा का कमाल देखा. यह सारी नज़्में बार बार पढ़ी और हर दफ़ा पहले से ज्यादा लुत्फ़ आया. नायाब नज़्में हैं. हर मिस्रा दिल को छूता हुआ लगा.<br />बहुत ही ख़ूबसूरत ख़यालात हैं:<br /><br />रात की बातों का कोई गम नहीं<br />दिल तो है प्यासा, कहें क्या आपसे,<br />अब...हम भी तो हैं हम नहीं<br /><br />तुझ से मिलने का मौसम, बिछुड़ने के पल भी ,<br />हसीं ख़्वाबों में , लिपटी तारों की बारात<br />वह हल्की सी बारिश , हल्का धुंधलका भी<br />कोहरे से भरी , तेरे काजल में डूबी सी रात<br /><br />रात की बातों का कोई गम नहीं<br />दिल तो है प्यासा, कहें क्या आपसे,<br />अब...हम भी तो हैं हम नहीं<br /><br /><br />रश्क होने लगा है हमें , अश्कों की सौगातों के लिए,<br />नाम महफ़िल में आया आपका, हमारे खो जाने के लिए<br /><br />आपको एक मशवरा देना चाहता हूँ. हो सके तो प्राण शर्मा जी या पंकज सुबीर जी से संपर्क करें जिससे ग़ज़ल के नियमों से अवगत हो सकें. आपके लिए यह मुश्किल नहीं होगा, मुझे इस बात का यक़ीन है. कुछ ही दिनों के बाद आपकी ग़ज़लों की डिमांड इतनी हो जायेगी कि आप ख़ुद ही विस्मित हो जायेंगी.<br /><a href="http://mahavirsharma.blogspot.com" rel="nofollow">महावीर शर्मा</a>महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-66222496362153587582010-01-13T10:15:41.013-05:002010-01-13T10:15:41.013-05:00कोमल मानवीय अनुभूतियों की हृदयस्पर्शी अभिव्यक्तिय...कोमल मानवीय अनुभूतियों की हृदयस्पर्शी अभिव्यक्तियाँ ! वाह !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-9713342146581898272010-01-13T10:11:44.359-05:002010-01-13T10:11:44.359-05:00मन को लुभाती सरस रचनाएँ..मन को लुभाती सरस रचनाएँ..Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-9795112031760908512010-01-13T09:06:21.001-05:002010-01-13T09:06:21.001-05:00सुबह पढ़ा था इन को। समयाभाव में कुछ न लिख पाया। रच...सुबह पढ़ा था इन को। समयाभाव में कुछ न लिख पाया। रचनाएँ बहुत सुंदर हैं। कभी पुराने सपनों में ले जाती हैं। कभी नए सपने जगाती हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-69222194010419563492010-01-13T08:34:28.913-05:002010-01-13T08:34:28.913-05:00SUNDAR KAVITAAYEN MEETHE- MEETHE
ANGOORON KAA GUCH...SUNDAR KAVITAAYEN MEETHE- MEETHE<br />ANGOORON KAA GUCHCHHA LAGEE HAIN.<br />KAVITAAON MEIN KAHIN GEET KEE <br />JHALAK HAI AUR KAHIN GAZAL KEE.<br />CHITRON NE TO CHAAR CHAAND LAGAA <br />DIYE HAIN.BADHAAEE AAPKO.pran sharmahttps://www.blogger.com/profile/14595198332257086105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-92027361274957527032010-01-13T08:14:46.161-05:002010-01-13T08:14:46.161-05:00लावण्या जी बहुत ही सुंदर रचनाये और चित्र तो चार चा...लावण्या जी बहुत ही सुंदर रचनाये और चित्र तो चार चांद लगा रहे हैं कविताओं मेंAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-37460426933908110482010-01-13T08:10:51.746-05:002010-01-13T08:10:51.746-05:00कि , इन गलियों में, कोई आकर, चला गया था !
एहसास का...कि , इन गलियों में, कोई आकर, चला गया था !<br />एहसास का यह तूफान और भावों की प्रबलता --<br />वाह क्या कहनेM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-45786414173904715802010-01-13T07:06:02.057-05:002010-01-13T07:06:02.057-05:00देर से आया....फिर भी इनाम पाया. क्या जबरदस्त और दि...देर से आया....फिर भी इनाम पाया. क्या जबरदस्त और दिल को छूती रचनाएँ हैं..ओह!!<br /><br />रूई के नर्म फाहों जैसे मेरे अहसास<br />और तुम, मिट्टी के इतर की शीशी -<br />समाती है खुशबु सारे कायनात की ,<br />बिखर जाती है खयालातों में , मेरे<br /><br />-सीधे घुल गई!!बहुत सुन्दर और कोमल!! बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-62406681082032525672010-01-13T06:04:00.625-05:002010-01-13T06:04:00.625-05:00बहुत सुंदर कवितये, सुंदर चित्रो के लिये आप का धन्य...बहुत सुंदर कवितये, सुंदर चित्रो के लिये आप का धन्यादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-70669994854026107332010-01-13T03:51:34.328-05:002010-01-13T03:51:34.328-05:00यादों की गलियों में घुमती-गुनगुनाती सी एक बेहतरीन ...यादों की गलियों में घुमती-गुनगुनाती सी एक बेहतरीन नज्म को पढ़वाने का बहुत शुक्रिया लावण्यादी। <br />अपनी और भी नज्में पढ़वाइये....अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-67625642301205666012010-01-13T03:16:58.843-05:002010-01-13T03:16:58.843-05:00इताना अच्छा चित्र ... और उस पर से दिल छूती रचना। व...इताना अच्छा चित्र ... और उस पर से दिल छूती रचना। वास्तविकता और फैंटेसी के बीच डोलने के लिए पाठक को स्पेस देने की कलात्मक युक्ति इसकी विशिष्टता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-60578188229322729612010-01-13T02:49:31.868-05:002010-01-13T02:49:31.868-05:00नायिका की विरह की वेदना और प्रियतम के साथ बिताए लम...नायिका की विरह की वेदना और प्रियतम के साथ बिताए लम्हों का एहसास वैसे तो बस महसूस ही किया जा सकता है लेकिन आपने इस एहसास को शब्दों में बखूबी ढाला है। बधाई स्वीकार करें।<br />पंकजAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16312720514784919531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-31731358088707115932010-01-13T02:48:39.281-05:002010-01-13T02:48:39.281-05:00दीदी साहब प्रणाम आपकी ये सार कविताएं दर्द की कविता...दीदी साहब प्रणाम आपकी ये सार कविताएं दर्द की कविताएं हैं । मुकेश जी का गीत हैं सबसे मधुर वे गीत जिन्हें हम दर्द के सुर में गाते हैं याद आ गया । बहारें आयेंगीं फिर मुझे ले जाएंगीं उन मस्त अमियां के बागों में । फिर एक नज्म याद आ गयी आम के बाग़ों में जब बरसात होगी पुरखरोश । थरथरायेगी बांहें तुम्हारी कांप के वीराने में । दीदी साहब कविताएं बहुत ही संवेदना के साथ लिखी गईं हैं । और बहुत ही अच्छी भावभूमि ली है आपने तुझसे मिलने के मौसम या तेरे काजल में डूबी सी रात । बहुत ही अच्छे शब्दों का चयन किया है आपने ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-57240098332785302092010-01-13T01:09:40.841-05:002010-01-13T01:09:40.841-05:00नयनाभिराम चित्र और अप्रतिम रचनाएँ....कैसे नज़र हटाय...नयनाभिराम चित्र और अप्रतिम रचनाएँ....कैसे नज़र हटायें...?? <br />लावण्या दी कमाल कर दिया अपने आज...जो दिल कहना छह रहा है उसके लिए शब्द नहीं मिल रहे...उसके लिए शब्द रचित ही नहीं हुए...वाह..<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-14741284170724169182010-01-13T00:52:43.919-05:002010-01-13T00:52:43.919-05:00गजब ढ़ा रही हैं , लावण्या जी ! आज कल देश में एक ग...गजब ढ़ा रही हैं , लावण्या जी ! आज कल देश में एक गीत चल रहा है देश में, गुलज़ार का -' उम्र कब की बरस के सुफेद हो गयी , काली बदरी जवानी की ढलती नहीं ' |अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-34700550363206032992010-01-13T00:50:47.272-05:002010-01-13T00:50:47.272-05:00अरे वाह क्या बात है , हर एक पंक्ति लाजवाब लगी । आप...अरे वाह क्या बात है , हर एक पंक्ति लाजवाब लगी । आपको लोहडी की बधाईMithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-918269519694028382010-01-13T00:22:16.972-05:002010-01-13T00:22:16.972-05:00एक से बढ़कर एक सुंदर और शानदार रचनायेंएक से बढ़कर एक सुंदर और शानदार रचनायेंअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.com