tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post793200931708037894..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: श्री मैथिली शरण गुप्त - अतित के चल चित्र "दद्दा का घर -- देल्ही १९६२ "लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-51295343798001098872022-08-03T05:16:44.048-04:002022-08-03T05:16:44.048-04:00वाह अद्भुत स्मृतियाँ, नमन आपकी लेखनी को जो इतना सज...वाह अद्भुत स्मृतियाँ, नमन आपकी लेखनी को जो इतना सजीव चित्रण किया, जैसे चलचित्र ही देख रहे। नमस्कार मीनाक्षी कुमावत मीराhttps://www.blogger.com/profile/10005613525223158620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-40988311624559283032016-08-14T23:05:49.201-04:002016-08-14T23:05:49.201-04:00बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ....स्वतंत्रता दिवस की ...बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ....स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!<br /><br />स्कूल में मास्टर जी बहुत रटवाते थे कई कवितायेँ , जो आज भी पुरी नहीं तो कुछ-कुछ याद जरूर हैं ,,उनमें से गुप्त जी की यह कविता 'नर हो न निराश करो मन को" आज भी पढ़ती हूँ तो कई यादें ताज़ी हो जाती हैं ...तब उनका शाब्दिक अर्थ भर ही थोड़ा बहुत समझ पाते थे, पढ़ना भर था लेकिन आज उसका जीवन में बहुत बड़ा अर्थ समझ आता है ..<br />याद दिलाने के लिए आभार कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-59204236562385550332016-08-14T09:36:41.566-04:002016-08-14T09:36:41.566-04:00ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "१४ अगस्त और...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/08/blog-post_14.html" rel="nofollow"> "१४ अगस्त और खुफिया कांग्रेस रेडियो “ </a> , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-50257766991860001862016-08-14T03:22:23.490-04:002016-08-14T03:22:23.490-04:00आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में"...<i><b> आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 15 अगस्त 2016 को लिंक की गई है....<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in </a>पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-56114461822174320582016-08-13T23:13:54.355-04:002016-08-13T23:13:54.355-04:00मैंने इस संस्मरण को पहले भी पढा था। आश्चर्य है कोई...मैंने इस संस्मरण को पहले भी पढा था। आश्चर्य है कोई टिप्पणी क्यों नही है यहां। सचमुच एक युग पुरुष थे दद्दा। Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com