tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post8507471232687539277..comments2023-11-09T10:02:07.593-05:00Comments on लावण्यम्` ~अन्तर्मन्`: धर्म परिवर्तन और बदलावलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`http://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-46338626150180457252008-11-16T08:06:00.000-05:002008-11-16T08:06:00.000-05:00बहुत रोचक लेख है। यह कितनी विडंबना है कि केवल भौति...बहुत रोचक लेख है। यह कितनी विडंबना है कि केवल भौतिक लाभ के लिए धर्म बदल लेना - ऐसे लोगों के लिए 'धर्म' कोई माइने नहीं रखता। हो सकता है कि यह भी कहा जा सकता है कि गौर वर्ण के ईसाईयों ने भी तो श्रीला प्रभू पाद जी स्थापित International Society for Krishna Consciousness के अंतर्गत हिंदू-धर्म स्वीकार किया है। यहां मैं यह कहना चाहूंगा कि इस धर्मान्तरण में कोई भौतिक लाभ या प्रलोभन नहीं दिया गया है। उन्होंने ईसाई धर्म को किसी हीन भावना या दुर्भावना से त्यागा नहीं है। चैतन्य महाप्रभु ने यह भी कहा कि किसी भी नाम भगवान के लिए (उदाहरण के लिए जिक्र, जेनोवा, अल्लाह, कृष्ण, राम, आदि). है पूरी तरह से शुद्ध और किसी को भी, जो भी उनके धर्म, दर्शन, संस्कृति या परंपरा सिखाया है, इस प्रक्रिया को गाने का अभ्यास कर सकते हैं। ऐसी ही आध्यात्मिक यात्रा की ऐसे लोगों को बरसों से तलाश थी। एक ईसाई पादरी ने तो यहां तक कहा था कि जब से वह महामंत्र का स्मृण करता है तो ऐसा लगता है कि वह अपने आप को उच्चतर ईसाई अनुभव करता है। <BR/>आज के युग में धर्म के नाम पर भौतिक लाभ के कारण जो खिलवाड़ हो रहा है तो कभी कभी दिल कह उठता है कि ऐसे धर्मावलंबी धर्मात्माओं से तो एथीस्ट ही भले हैं।<BR/>एक रोचक और जानकारी के लिए बधाई। चित्रों ने तो इसे बहुत ही रोचक बना दिया है।<BR/>आनंद आगया।महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-81713910422165314302008-11-16T02:23:00.000-05:002008-11-16T02:23:00.000-05:00bahut accha laga aapka lekh aur photographregardsbahut accha laga aapka lekh aur photograph<BR/>regardsmakrandhttps://www.blogger.com/profile/14750141193155613957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-60490394953712650422008-11-15T02:01:00.000-05:002008-11-15T02:01:00.000-05:00सबकी अपनी अपनी कहानी हैसबकी अपनी अपनी कहानी हैकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-49530660776454353322008-11-14T16:13:00.000-05:002008-11-14T16:13:00.000-05:00राज भाई साहब, लँदन के प्रमुख आकर्षण - ट्युरीस्ट स्...राज भाई साहब, <BR/>लँदन के प्रमुख आकर्षण -<BR/> ट्युरीस्ट स्पोट्ज़ देखे थे -<BR/> वहीँ से पेरिस भी देख आये थे - <BR/>आप सभी को आलेख पसँद आया उसके लिये आभार !लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-23832017645653783682008-11-14T14:23:00.000-05:002008-11-14T14:23:00.000-05:00लावण्यम् जी बहुत सुंदर लगा आप का यह लेख, क्या क्या...लावण्यम् जी बहुत सुंदर लगा आप का यह लेख, क्या क्या देखा इगलेंड मे, ओर कहा कहा घुमे ? गाधी जी की प्रतिमा देखी क्या लंडन मै ?हमारे यहा से नजदीक है मै तो पहले व्यापार के मामले मै हर सप्तहा जाता था, घुमने ३,४ बार ही गये है,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-1680493102520999102008-11-14T13:52:00.000-05:002008-11-14T13:52:00.000-05:00आप हर बात इतने रोचक अंदाज मेँ पेश करती हैं कि आनन्...आप हर बात इतने रोचक अंदाज मेँ पेश करती हैं कि आनन्द आ जाता है. बहुत आभार राज परिवार से जुड़ी जानकारियों का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-81998109393867224662008-11-14T11:45:00.000-05:002008-11-14T11:45:00.000-05:00धर्म परिवर्तन के यह (आर्थिक, भौतिक) कारण तो ठीक नह...धर्म परिवर्तन के यह (आर्थिक, भौतिक) कारण तो ठीक नहीं हैं। <BR/>धर्मान्तरण प्रलोभन/जबरी/भौतिक लाभ के लिये/माध्यम से नहीं होना चाहिये!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-63050440225507750702008-11-14T09:10:00.000-05:002008-11-14T09:10:00.000-05:00आभार/आपके साथ-साथ हम भी लंदन घुम लिये अच्छा लगा/यह...आभार/आपके साथ-साथ हम भी लंदन घुम लिये अच्छा लगा/यहां अर्जेन्टिना में भी किसी भी महत्वपुर्ण पद के लिये यहां के अनुसार धर्म-परिवर्तन का नियम है/संगीता-जीवन सफ़रhttps://www.blogger.com/profile/07000522720886636317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-61925615534114036192008-11-14T06:39:00.000-05:002008-11-14T06:39:00.000-05:00यह व्यक्तिगत विधि के धर्म से जुड़े रहने के प्रभाव ...यह व्यक्तिगत विधि के धर्म से जुड़े रहने के प्रभाव हैं। लेकिन अब वक्त आ गया है कि व्यक्तिगत विधि को धर्म से बिलकुल पृथक कर दिया जाना चाहिए। यह वसुधैव कुटुम्बकम के भी विरुद्ध है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-28118723771996876752008-11-14T04:01:00.000-05:002008-11-14T04:01:00.000-05:00वाह लावण्या जी मजा आ गया ,आपसे पुरी राजसी परिवार क...वाह लावण्या जी मजा आ गया ,आपसे पुरी राजसी परिवार की कहानी जानकर ,बहुत अच्छा लगा .RADHIKAhttps://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-2797474655024427852008-11-14T02:12:00.000-05:002008-11-14T02:12:00.000-05:00ये ब्रिटेन में धर्म वाला प्रतिबन्ध इतिहास में पढ़ा...ये ब्रिटेन में धर्म वाला प्रतिबन्ध इतिहास में पढ़ा था... उदहारण पहली बार सुना ! आभार. <BR/><BR/>तस्वीर अच्छी आई है... यात्रा को और आगे बढाइये... इंतज़ार रहेगा.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-67587877662391961092008-11-14T01:57:00.000-05:002008-11-14T01:57:00.000-05:00३०० साल पुराना क़ानून , पुरूष प्रधान है और पुत्र क...३०० साल पुराना क़ानून , पुरूष प्रधान है और पुत्र को , राज परिवार के मुखिया का हक्क देता रहा है -<BR/><BR/><BR/>सोचता हूँ आइना घुमा लूँ ......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-41327430036801551312008-11-14T00:00:00.000-05:002008-11-14T00:00:00.000-05:00आपकी यादो के सहारे ये यात्रा हमने भी कर ली ! हमेशा...आपकी यादो के सहारे ये यात्रा हमने भी कर ली ! हमेशा की तरह इन सुंदर चित्रों के साथ इन क्षणों को जीने का एक अलग ही आनंद आया ! थोड़ी देर के लिए किसी और ही लोक में पहुँच गए ! बहुत शुभकामनाएं !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-25139491275637161142008-11-13T23:01:00.000-05:002008-11-13T23:01:00.000-05:00सही बात इनके यहाँ भी वही कहानी हैसही बात इनके यहाँ भी वही कहानी हैTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4559075607109953498.post-3837907472984387232008-11-13T22:54:00.000-05:002008-11-13T22:54:00.000-05:00"एको पन्थाः..." के मानने वाले तो भारत में ही ख़त्म..."एको पन्थाः..." के मानने वाले तो भारत में ही ख़त्म से होते जा रहे हैं तो बाहर तो शायद यह विचार कभी पनपा ही नहीं था.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com