Wednesday, August 15, 2007

करें उपयोग हिंदी का हरदम, आओ , ऐसा ऐलान करें --





भारत जन , भारत वासी या प्रवासी

सब के अरमानों के सपने जो दर्शाती'

गर्व भरी अविजीत , जो कल्याणी
वह भाषा भारती , ही, मेरी वाणी
-संस्कृति की वाहिका वही बहती

जग के नित नित नए प्रेदेशों में
भास्वर हैं स्वर वेदों के जिनसे
वह गौरावशालिनी, वेद वाणी सी

नित नमन करें , हम शीश नवां कर
या की उस का सन्मान करे
करें उपयोग हिंदी का हरदम,

आओ , ऐसा ऐलान करें --


६१ वीं साल गिरह भारत की आजादी की आए
तब तक भारतीय होने का गौरव अनुभव इस तरह से करिये,


कि ये ना पूछें कि


" भारत देश, आपके लिए क्या कर रहा है? "
अपने आप से पूछिये कि


" आप भारत माता के गौरव के लिए क्या कर रहे हैं ?"


-- लावण्य

12 comments:

  1. आज आपकी हिन्दी टंकण दूसरे ढंग का देखकर अच्छा लगा. बधाई.

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  2. वंदे मातरम !
    आपको स्वतंत्रता दीवस की शुभ-कामनाएं...

    सुनीता(शानू)

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  3. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई !

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  4. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई !

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  5. लावण्या बेन..जय हिन्दी.
    प्रेमचंद जी की पंक्ति याद आ गई...
    हिन्दी तब तक स्थापित नहीं हो सकती जब तक उसके बोलने वाले अंग्रेज़ी को देवी और हिन्दी को दासी मानते रहेंगे....भाषा तो हमारी माँ है उसका सम्मान हमारा है ..ऐसा मानने से ही हिन्दी विस्तृत होगी.

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  6. गर्व भरी अविजीत , जो कल्याणी
    वह भाषा भारती , ही, मेरी वाणी
    बिल्कुल सही कहा लावण्या जी । देर से ही सही स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।

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  7. आपको भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ।

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  8. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई...

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  9. अरे वाह ! समीर भाई ,आपकी पैनी नज़र ने भांप लिया --
    आपको भी स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई...

    मैं ने गूगल के नए टूल का उपयोग किया है -
    - स स्नेह, लावण्य

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  10. सुनीता(शानू)जीं, ममता जीं, अनुराधा जीं , ( आपका नामा बहुता प्यारा है -) ,श्रीश जीं ,
    डा. भावना जीं ,
    आप सभी की शुभकामना फलीभूता हो जाए और भारत एक आदर्श नवीन राज्य बाना जाए
    ये हम सभी की कामना पूरी हो ही जायेगी
    स स्नेह,
    --लावण्य

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  11. संजय जीं, आप सही कह रहे हैं -- आजादी मिली है अबा भारत के लोग मिलकर , एकजुट होकर , इमानदारी से काम करते रहेंगे तब भारत माँ की शान फ़िर से दमक उठेगी !
    स स्नेह,
    -- लावण्य

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