Thursday, October 11, 2007

जोधा - अकबर ..मरह..बा, मरहबा




लगान फिल्म की सफलता का सेहरा बहुत अँशोँ मेँ आशुतोष गवारीकर के सर पर शोभा देता है. हाँ आमीर खान की उत्कृष्ट अदायगी, पटकथा की अनोखी विधा, क्रीकेट् प्रेमी भारत की प्रजा की अँग्रेजोँ को दी गई वह करारी हार .
.अँग्रेज मेम का ग्रामीण किसानोँ का हिमायती होना और नायक से प्रेम कर बैठना सब के साथ ए. आररहमान का बेमिसाल सँगीत लिये सुँदर गाने, ये सभी एक यादगार छवि दे गये.
अब फिर ए. आर. रहमान के गीत
" मरहब्बा मरहबा .." की पहली सुरावली लेकर ,
आशुतोष गोवारीकर नयी कथा लेकर आये हैँ ~
राजपुत सँगठन का विरोध देर्ज हुआ है इस कथा के विरोध मेँ !
उनका कहना है कि "जोधा बाई " शाहजहाँ की माँ थीँ ! !!!
( हाँ हाँ वही, जिसने "ताज महल " बनवा के
सारी दुनिया को , मुहोब्बत की निशानी दी थी :) -
- या किसी और शायर के कहने से,
"हम गरीबोँ का उडाया है मज़ाक " ..
खैर ! ताज महल तो बन चुका !
दुनिया के लोगोँ की आँख का तारा भी बन चुका !
पर ये झगडा अब भी रह गया कि,
"राज कुँवरी जोधा " सलीम ,
माने हींदूस्तान के बादशाह जहाँगीर की पत्नी थीँ या अकबर की ?
जहाँगीर के साथ नूरजहाँ का नाम भी तवारीख मेँ अमर है -
****************
- फिल्मी दुनिया का एक खास रँग ढँग है.
वो अलग - सी दुनिया है.
सच को झूठ, झूठ को सच बनाती तिलिस्मी दुनिया है ये !
जहाँ, कला, यथार्थ और यथार्थ, कला के पर्याय बन जाते हैँ
पारी पारी, अपनी अपनी जगह बदल, बदल कर !
के. आसिफ साहिब की अविस्मरणीय पेशकश मेँ ,
"जोधा - अकबर " साथ , साथ दीखे थे.
अब फिर आ रहे हैँ ये दोनोँ पात्र ~
~ इतिहास के पन्नोँ से निकल कर,....
हाँ श्री पृथ्वीराज कपूर की जगह ले ली है ऋतिक रोशन ने
और दुर्गा बाई खोटे की जगह ,
ऐश्वर्या बच्चन जोधा का भेस धर कर
आपका दील लुभाने शीघ्र बडे सुनहले पर्दे पर आ रहीँ हैँ ~~
~ तो उत्सुकता जाग रही है कि, " आखिर जोधा बाई कौन थीँ ?"

11 comments:

  1. अरे वाह, बड़ी अच्छी जानकारी दी. अब इन्तजार रहेगा जोधा अकबर देखने का. आभार.

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  2. शुक्रिया समीर भाई,
    अब इस फिल्म का इँतज़ार रहेगा -
    स्नेह,
    - लावण्या

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  3. Lavanyaji
    Very interesting thread indeed. Shall wait eagerly for the film.
    Thanx & rgds.

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  4. thank you Harshad bhai .
    the film has stirred up quite a curiosity nahee ? :)
    with rgds,
    L

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  5. ज्ञानवर्धक जानकारी के लिये आपका आभार। फ़िल्म रिलीज का इन्तजार।

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  6. मैं एक बात और जोड़ना चाहूँगी कि लगान की तरह इस फिल्म के भी पटकथा लेखक पद्म श्री के०पी० सक्सेना है,जो हम लखनऊ वालों के लिये बड़े गर्व की बात है।

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  7. कँचन जी,
    पटकथा लेखक पद्म श्री के०पी० सक्सेना से मेरे भी सादर नमस्कार कहियेगा
    स्नेह
    लावण्या

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  8. अतुल जी,
    आपकी टिप्पणी के लिये शुक्रिया
    स्नेह
    लावण्या

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  9. फिल्म के चित्र देखकर लग रहा है की फिल्म बड़ी शाही होगी, फिल्म का इन्तजार रहेगा, कमेन्ट स्वीकार कीजिये

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  10. युगल जी आपकी बात सही है --
    टिप्पणी के लिये धन्यवाद !

    --लावण्या

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