Thursday, April 24, 2008

मेरे गीत बडे हरियाले : . पँ. नरेन्द्र शर्मा

मेरे गीत बडे हरियाले,
मैने अपने गीत,
सघन वन अन्तराल से
खोज निकाले
मैँने इन्हे जलधि मे खोजा,
जहाँ द्रवित होता फिरोज़ा
मन का मधु वितरित करने को,
गीत बने मरकत के प्याले !
कनक - वेनु, नभ नील रागिनी,
बनी रही वँशी सुहागिनी
-सात रँध्र की सीढी पर चढ,
गीत बने हारिल मतवाले !

देवदारु की हरित शिखर पर
अन्तिम नीड बनायेँगे स्वर,
शुभ्र हिमालय की छाया मेँ,
लय हो जायेँगे, लय वाले !

[ स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]

सुनिए ये गीत : "तुम आशा, विश्वास हमारे "

Tum Asha Vishwas Hamare

गायिका : : Lata

शब्द : Narendra Sharma

9 comments:

  1. शुक्रिया इस कविता को यहां बाँटने के लिए !

    ReplyDelete
  2. आपको पसँद आयी मनीष भाई साथ जो गीत रखा है "सुबह" फिल्म का उसे भी सुनियेगा ~~
    " तुम आशा विश्वास हमारे "

    ReplyDelete
  3. देवदारु की हरित शिखर पर
    अन्तिम नीड बनायेँगे स्वर,
    शुभ्र हिमालय की छाया मेँ,
    लय हो जायेँगे, लय वाले !

    यह कल भी था शाश्वत जितना
    उतना ही यह आज हुआ है
    पंडितजी ने लिखे शब्द जो
    उनने हर दिन मुझे छुआ है

    ReplyDelete
  4. Lavanya Didi
    Very nice poem by Papaji.
    I need to know the meaning of:Firoza,markat,Randhra,Need.
    Thanx & Rgds.
    -Harshad Jangla
    Atlanta, USA

    ReplyDelete
  5. बचपन और किशोरावस्था के सपनों में पहुँचा दिया इस कविता ने।

    ReplyDelete
  6. रससिध्ध कविवर श्री राकेश जी ,
    आपकी पँक्तियाँ सहेज रही हूँ बहुत ही सुँदर हैँ सदा की भाँति
    स स्नेह्,
    - लावन्या

    ReplyDelete
  7. Harshad bhai ,
    Firoza =is, Turquoise Gem stone
    markat = is Corals ,
    Randhra = the Chakras as steps in human body as the YOG teaches which are like steps.
    Need = is NEST
    hope this helps - thank you for your interest + kind comments.
    warm rgds,
    L

    ReplyDelete
  8. फिरोज़ा - यह शब्द स्पष्ट नहीं हो रहा था। आपकी टिप्पणी ने स्पष्ट कर दिया। धन्यवाद।

    ReplyDelete
  9. फीरोज़ा नाम भी होता है कइयोँ का - आप्ने सुना ही होगा ज्ञान भाई साह्ब
    स स्नेह्,
    लावन्या

    ReplyDelete