
समधियोँ के संग , दीपक जी तथा अमरीकी अतिथि महिला व २ बुआएं, नानी जी भी !
आजकल उत्तर अमरीका के कई हिस्सों में , ग्रीष्म ऋतु आने ही वाली है । बाग़ , पेड़ , पौधे सभी हरे हो रहे हैं ...हवा में अब भी , ठंड है ! ऐसे , मौसम में , हम रहते हैं , वहां से उत्तर की ओर आए, मीशीगन प्रांत की तरफ़ , गत सप्ताह जाना हुआ। अवसर था, १७ साल के युवक , विक्रांत का स्कूल से पास होकर, कोलिज को जाना। उसके माता, पिता ने कई सारे दोस्तों को सगे संबन्धी सभी को दावत दी । नाना आए जयपुर से, दादा आए देहली से , बुआ आयीं फीनीक्स , अरीजोना प्रांत से, हम गए ओहायो से !
बुआ का पुत्र आया टोरोंटो , कनाडा से , जिनके साथ , हम ने " नाचो " मतलब मक्का की चीप्स , टमाटर, सलाद , इत्यादी के साथ , नाश्ते में खायीं फ़िर, पंजाबी भोजन किया जिस को हमारे लिए गेरेज में सजाया गया था ...कई सारे नये लोगों से मुलाक़ात हुई ..अच्छा लगा


मजे लीजिये ओर क्या कहे ....हमारी छुट्टी मी तो अभी वक़्त है.....
ReplyDeleteअच्छी तस्वीरें हैं। लेकिन पहली तस्वीर के नीचे लिखे शब्द "समाधियों" का क्या मतलब है? :)
ReplyDeleteप्रतीक भाई, समधी माने हमारे बेटे के ससुराल के रीश्तेदार हैँ ये सभी जो इस फोटो मेँ मेरे पति दीपक के साथ बैठे हुए हैँ-- Thank you for your comments.
ReplyDeleteRegards,
Lavanya
Thanx Anurag bhai -
ReplyDeleteEnjoy your holidays too :)
Good gathering.
ReplyDeleteNice pic.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
बढ़िया छुट्टी मनाई जा रही है. हमारे यहाँ तो पिछले हफ्ते था लांग वीक एण्ड. :)
ReplyDeleteतो लावण्या जी खूब मजे हो रहे है। :)
ReplyDeleteपरिवार वालों के साथ खूब आनंद उठाइए।
ये नाचो (मक्का की चिप्स) नाम बहुत मजेदार लगा। कभी रेसिपी बताइये ना।
धन्यवाद समीर भाई ममता जी, क़ृपया "दाल ऋओटी " ब्लोग पे नाचोज़ की रेसीपी अवश्य देखेँ - शुक्रिया :)
ReplyDelete- लावण्या
Thank you Harshad bhai for stopping by & for your kind comments -
ReplyDeleteRgds,
L