Sunday, June 22, 2008

श्री सीता - स्तुति

श्री सीता - स्तुति :

सुमँगलीम कल्याणीम सर्वदा सुमधुर भाषिणीम

वर दायिनीम जगतारिणीम श्री रामपद अनुरागिणीम

वैदेही जनकतनयाम मृदुस्मिता उध्धारिणीम

चँद्र ज्योत्सनामयीँ, चँद्राणीम नयन द्वय, भव भय हारिणीम

कुँदेदुँ सहस्त्र फुल्लाँवारीणीम श्री राम वामाँगे सुशोभीनीम

सूर्यवँशम माँ गायत्रीम राघवेन्द्र धर्म सँस्थापीनीम

श्री सीता देवी नमोस्तुते ! श्री राम वल्लभाय नमोनम:

हे अवध राज्य ~ लक्ष्मी नमोनम:

हे सीता देवी त्वँ नमोनम: नमोनम: ii

[ सीता जी के वर्णन से सँबन्धित श्लोक ]

आज मेरी कविता आप के सामने प्रस्तुत कर रही हूँ।

आशा है मेरी त्रुटियों को आप उदार ह्रदय से क्षमा कर देंगे -

रामायण से : सीताजी का विलाप : गीत है : सन सनन सनन जा जा रे ओ पवन

लता जी का गाया हुआ, राग है : चंद्रकौंस --

http://www.youtube.com/watch?v=UqHBfnNknfY

http://24.149.174.219/songs/film/hindi/biraajbahoo/suno_seetaa.mp3

This above link is of a A Rare Rafi Saab song Music :

Salil Chowdhry Film : Biraj Bahu

विनीत, -

- लावण्या


8 comments:

  1. जय हो!!

    आभार इस प्रस्तुति के लिए.

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  2. धन्यवाद इस स्तुति के लिए...सच कहूं तो आज बहुत दिनों के बाद संस्कृत पढ़ी.
    आज आपकी पिछली दो पोस्ट भी पढ़ी indiana वाली पोस्ट जानकारी परक रही तो गुलमोहर वाली मनमोहक.

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  3. इस प्रस्तुति लिए अनेक धन्यवाद। पढ़ते पढ़ते आंखों के सामने स्वयमेव ही सीता माता का चित्र आजाता है और मस्तिष्क झुक जाता है।

    "हे सीता देवी त्वँ नमोनम: नमोनम:"
    एक बार फिर धन्यवाद।

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  4. एक और सुंदर प्रस्तुति।
    रफी साब का गाना हम सुन नही पाये इसका अफ़सोस है।

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  5. मैं मां सीता की इस रूप में याद करता हूं कि वनवास में वे श्रीराम पर बोझ नहीं, वरन कठिनाई में सहारा देने वाला सम्बल थीं। वे साथ न होतीं तो शायद राम वह सब न कर पाते जिसके लिये वे आज पूजनीय हैं!

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  6. अतिसुन्दर ,कोटिशः धन्यवाद आपका इतनी सुंदर स्तुति रचना के लिए.

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