

http://www.youtube.com/watch?v=5Fq1K-Eax_E

शशि कपूर नायक : फ़िल्म : जब जब फूल खिले
यहां दिए हुए तीनो गीत ऐसे सजाये गए हैं जिनमे पियानो का उपयोग किया गया है। ये पाश्चात्य वाध्य है जिस का उपयोग हिन्दी सिनेमा में , कई संगीतकारों ने बखूबी किया है । ये गीत सुनते हुए शायद आपको , दुसरे पियानो पे बजाये गीत याद आये होंगें अवश्य बताइयेगा कौन से हैं ऐसे गीत जिनमें बजाई पियानो , आपको पसंद है।
कपूर परिवार ने ३ - नायक दिए हिन्दी फ़िल्म जगत को - तीनोंने लोकप्रियता के शिखर तक का सफर किया और अनगिनती , सुरीले, यादगार गीतों का तोहफा भी अपनी अदाकारी के साथ पेश किया ये सारे गीत , आज भी , संगीत प्रेमियों के लिए , अनमोल हैं !
इनके पिता श्री पृथ्वीराज कपूर भी, एक सफल और यशस्वी नाटक और ड्रामा के सफल कलाकार रहे हैं !
मेरा सौभाग्य रहा है इन तीनों को कई बार देखने का - राज अंकल के घर पर अकसर देखते थे इन्हें जब् हम बहुत छोटे थे !
राज अंकल, पार्टी की शान हुआ करते थे !
मजाल है किसी की निगाह उनपर पड़ने के बाद और किसी पे जाए !
उनमें एक गज़ब का चुम्बकीय आकर्षण था जिसको वे ख़ुद भी जानते थे और कैमरा , ओन हो या ऑफ़ , लगता ऐसा ही , मानों राज साहब , फ़िल्म के लिए द्रश्य फिल्माने बैठे हैं :)
बड़ी अदा से, सिगरेट सुलगाते, कश लेते, व्हिस्की का प्याला थामते , कभी ऐसा नाचते के बस ! खानाबदोशोँ की तरह ही !! और लोग देखते रह जाते !
दोनों हाथों में रुमाल लिए, सबसे आला , तरीके से , थिरकते हुए,
वे कमाल का डान्स करते थे ! ये अदाएं उन्हीं की होती थी :)
शम्मी साहब, लंबे लंबे डग भरते, पार्टी को , एक कोने से दुसरे तक, मिनटों में ,
पुरा नापते हुए , घूम लेते और यदाकदा, किसी नई हिरोइन के आगे खड़े हो जाते, उसका हाथ थामे, टेबल पे गिलास रखे बतियाते रहते !
ये भी देखा हुआ है नज़ारा !
शशि कपूर निहायत शरीफ इंसान थे।
उनकी ब्रिटिश पत्नी जेनीफर के साथ सबसे हेल्लो कहते हुए घूमते और मुस्कुराते बड़े भले लगते !
३ भाई की एक बहन " उमी " - जो जबलपुर ब्याहीँ थीँ और राज कपूर की पत्नी कृष्णा जी भी जबलपुर की बिटिया हैँ !
उनका परिवार ( ३ भाइयोँ का ) और उनके बच्चे अब बड़े हो गए हैं और आज भी , नई पीढी , फिल्मों से जुडी हुई कपूर खानदान का नाम , रोशन किए हुए है।
बहुत सारी यादें हैं इस परिवार के साथ जुडी हुई उनका किस्सा , फ़िर कभी ....!
- लावण्या
पोस्ट में आनन्द आ गया. जबलपुर का नाम यूं भी मुझे एक्स्ट्रा आनन्दित कर देता है. :)
ReplyDeleteआभार.
Lavanyaji
ReplyDeleteYou have brought back nice memories of yester years.
All three brothers have remained in the minds of film lovers for ever.
Good presentation and links too.
Thanx.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
Lavanyaji
ReplyDeleteForgot to mention: Brahmchari song link gives Kanyadaan song:Likhe jo khat tujhe.
You may correct the error.
Thanx.
-Harshad Jangla
बहुत खूब.
ReplyDeleteअति सुंदर.
आनंद आ गया.
"दिल की गिरह खोल दो"
इसमे भी शायद पियानो का उपयोग हुआ है.
लगे हाथ शक्ति केपर के बारे में भी कुछ बता देती आप :).. वैसे बढ़िया रही पोस्ट. इस बार भी नयी जानकारी बटोरी हमने
ReplyDeleteकुश जी,
ReplyDeleteअब हमेँ हीरो के बारे मेँ तो कुछ कुछ मालूम है पर वीलन लोगोँ के बारे मेँ बहुत कम जानकारी है !! ;-)
हाँ शक्ति कपूर की बीवीजी शिवाँगी , पद्मिनी कोल्हापुरे की बहन हैँ -
नाम है - शिवाँगी -
इत्ता मालूम है !
- लावण्या
हाँ समीर भाई,
ReplyDeleteशुक्रिया
जानती थी आपको "जबलपुर " के ये दोनोँ नागरिकोँ के बारे मेँ पढकर खुशी हुई होगी -
क़ृष्णा भाभी जी के परिवार के बारे मेँ भी लिखूँगी -
जितना कुछ सुना है ! :)
- लावण्या
Harshad bhai,
ReplyDeleteThanx - as usual for your kind comments & for pointing out the incorrect link - I've rectified it now :)
I like that song a lot too .."Likhe jo khat Tujhe " & was in 2 minds weather to post that one or this from JJPK --
& Piano Won !!
warm rgds,
L
बालकीशन जी
ReplyDeleteशुक्रिया ~`
हाँ जहाँ तक याद आ रहा है,
" दिल की गिरह खोल दो,
चुप न बैठो, "
ये गीत भी पियानो के साथ है
पोस्ट पर टीप्पणी के लिये आभार !
- लावण्या
पुरानी यादें आपकी कलम से जीवंत
ReplyDeleteहो उठी हैं ! गीतों के चुनाव का तो
कोई जवाब ही नही है ! कृष्णा जी
के बारे में जानने की तीव्र उत्सुकता
रहेगी ! धन्यवाद !
बहुत बहुत बहुत बढ़िया पोस्ट
ReplyDeleteshashi kapoor shayad teeno bhaiyo me sabse jyaada handsome hero the bindaas....gaane baantne ka shukriya....
ReplyDeleteमधुर गीत और भरपूर जानकारी । वाह
ReplyDeleteतीन भाई, तीन दिशाएं। पर तीनों अपने आप में लाजवाब।
ReplyDeletedi,shashi kapoor ki pic laganey ke liye thxxxx alot...marha to dil dol riya hai:)..gaaney baad me sun kar bataungi..nice post:))
ReplyDeleteलावण्या जी बहुत ही खुब सुरत लगा आप का आज का यह लेख, बहुत मजा आया, ओर कुछ यादे भी याद आ गई, मेरा नाम तो मां बाप ने सुरज प्राकश रखा था, ओर उन दिनो मे शम्मी कपुर की फ़िल्म के गीत , जाने वाले जरा होशियार... मुझे बहुत अच्छा लगता था तो हम ने चोरी से अपने स्कुल मे अपना नाम ही राज कुमार रख लिया
ReplyDeleteaap itni badhiya jaankari dete ho...achcha lagta hai padhna
ReplyDeleteवाह! आज की शाम आपने सुरीली बना दी। शुक्रिया। लगता है बॉलीवुड से आपका बड़ा नजदीकी रिश्ता रहा है। शायद आपने पहले कभी बताया भी हो; लेकिन हमें नहीं मालूम। इस ओर थोड़ा इशारा कीजिए तो अच्छा लगेगा...
ReplyDeleteराज कपूर का तो मैं भी बहुत बड़ा प्रसंशक हूँ... आपने कपूर परिवार का अच्छा परिचय दिया है साथ में ३ खुबसूरत गीत भी...
ReplyDeleteबहुत दिनों के बाद आज ब्लॉग पढने का मौका मिला... आपकी अशोक चक्रधर वाली पोस्ट से पढता आ रहा हूँ...
आज एक साथ बहुत ज्ञान वर्धन हो गया... शास्त्रीजी से लेकर ओलंपिक और रोशन परिवार, हो या राजेंद्र कुमार और सुनील दत्त. आपकी कविता भी पसंद आई.
बहुत बहुत धन्यवाद.
अभिषेक
सिध्धार्थ जी,
ReplyDeleteमेरे पिताजी पँडित नरेन्द्र शर्मा "बोम्बे टीकीज़" से हिन्दी सिनेमा मेँ गीत लिखते रहे..
देविका रानी बम्बे टाकीज़ की निर्मात्री, निर्देशिका और मालकिन थीँ
दिलीप कुमार की पहली फिल्म
"ज्वार भाटा"मेँ भी उन्हीँ ने गीत लिखे थे -
राज कपूर साहब की " सत्यम शिवम सुँदरम " का लतादीदी का गाया गीत भी मेरे पापाजी का लिखा हुआ है - और "महाभारत" टीवी प्रणालिका के
वे ही परामर्शदाता,मुख्य गीत के लेखक थे और "आकाशवाणी" नाम उन्होँने ही रखा था और वे उसके भी चीफ प्रोड्युसर डायरेक्टर थे -
- लावण्या
अभिषेक भाई,
ReplyDeleteआप अपना अमरीका का फोन नम्बर मुझे लिखियेगा तो बात हो सकेगी - शुक्रिया !
यहाँ आकर सारे आलेख पढने के लिये
- लावण्या
लावण्या जी,
ReplyDeleteहमेशा की तरह रोचक जानकारी मिली आपकी पोस्ट पढ़कर. मगर सबसे रोचक वाक्य यह लगा: "शशि कपूर निहायत शरीफ इंसान थे।" सभी पुराने भारतीय फिल्मी कलाकारों में मुझे शशि कपूर ही सबसे ज्यादा पसंद रहे.
धन्यवाद!.
बहुत प्यारी पोस्ट, शशि कपूर सचमुच बेहद हैंडसम और अच्छे अभिनेता थे, उन्हें इस से ज़्यादा नाम मिलना चाहिए था, जितना की मिला, ये निराशाजनक रहा की जेनिफर जी के बाद उन्होंने पूरी तरह संन्यास ले लिया, वरना हम उनका और भी अच्छा काम देख सकते थे.
ReplyDeleteश्री रामपुरिया जी,
ReplyDeleteराधिका जी,
अनुराग भाई,
शोभाजी,
महामँत्री जी,
पारुल,
पल्लवी जी,
राज भाई साहब,
सिध्धार्थ जी,
अभिषेक भाई,
अनुराग शर्माजी
और रक्षँदाजी,
सभी का शुक्रिया ~~
यहाँ आकर आपकी बातेँ रखने के लिये :)
लगता है, "शशि कपूरजी "
सभी के फेवरीट हैँ !!
- लावण्या