दिनेश भाई जी, यही चित्र बँगाल से सँबँधित देखा था और सेव कर लिया था हर्षद भाई, माइक्रो पोस्ट मतलब एकदम छोटी बात लिये पोस्ट ! हाज़िर है - सिर्फ एक शब्द = ॐ Compelete By ITSELF !! - लावण्या
ऊँ को उलटकर गणेश भगवान की छवि लायी गयी है। प्रणाम है उन्हें। लावण्या दी, लोकस्ट और सिकाडा के बीच का अंतर नहीं बताया? इस विषय में मैं अपनी जानकारी बढ़ाना चाहता हूं।
दिनेश भाई जी, अब आपने इतना आभार कर सीधा ॐ भेजा है तब ष्री गणेष जी को नमन करते हुए, सीधा ॐ भी लगा दिया है :) आपसे अनुरोध है कि, कभी समय मिले तब ॐ पर पोस्ट अवश्य लिखियेगा ~~ स स्नेह, सादर, - लावण्या
अशोक भाई, जी, सीकाडा और लोकस्ट के बीच क्या फर्क है उस पर अभी तक जानकारी विश्वस्त सूत्रोँ से पता नहीँ कर पाई हूँ ..खैर, खोजने की कोशिश जारी है और पता लगा तब अवस्य सूचित करुँगी ..आपकी टीप्पणी का बहुत बहुत आभार ! स स्नेह, सादर, - लावण्या
अजी सीधा हो या उलटा हमारे लिये तो पुजनिया हे, दुसरी बार जब भी ऊं कहता हु तो अपने पिता जी का नाम भी ले लेता हूं, मेरे लिये तो सारी दुनिया ही छुपी हे इस ऊं मे फ़िर सीधा हो या उलटा धन्यवाद, बहुत अच्छा लगा,
ऊँ
ReplyDeleteउलटा क्यों है?
Kuch samaz nahin paye!!!
ReplyDelete-Harshad Jangla
Atlanta, USA
दिनेश भाई जी,
ReplyDeleteयही चित्र बँगाल से सँबँधित देखा था और सेव कर लिया था
हर्षद भाई, माइक्रो पोस्ट मतलब एकदम छोटी बात लिये पोस्ट !
हाज़िर है -
सिर्फ एक शब्द = ॐ
Compelete By ITSELF !!
- लावण्या
Thank you Didi.
ReplyDelete-Harshad Jangla
दिनेश भाई जी,
ReplyDeleteसीधा ॐ भी लगा दिया है :)
ऊँ को उलटकर गणेश भगवान की छवि लायी गयी है। प्रणाम है उन्हें।
ReplyDeleteलावण्या दी, लोकस्ट और सिकाडा के बीच का अंतर नहीं बताया? इस विषय में मैं अपनी जानकारी बढ़ाना चाहता हूं।
:)
ReplyDelete(μ - माईक्रो टिप्पणी)
नमः शिवाय
ReplyDeleteप्रणाम ! शायद आपने और आदरणीय ज्ञानदत जी ने माइक्रो की शुरुआत
ReplyDeleteकर दी है ! शुभकामनाएं !
गणपति ने हमें भी दर्शन दिये। अब ठीक है उलटा भी चलेगा।
ReplyDeleteदिनेश भाई जी,
ReplyDeleteअब आपने इतना आभार कर सीधा ॐ भेजा है तब ष्री गणेष जी को नमन करते हुए,
सीधा ॐ भी लगा दिया है :)
आपसे अनुरोध है कि, कभी समय मिले तब ॐ पर पोस्ट अवश्य लिखियेगा ~~
स स्नेह, सादर,
- लावण्या
अशोक भाई, जी,
ReplyDeleteसीकाडा और लोकस्ट के बीच क्या फर्क है उस पर अभी तक जानकारी विश्वस्त सूत्रोँ से पता नहीँ कर पाई हूँ ..खैर, खोजने की कोशिश जारी है और पता लगा तब अवस्य सूचित करुँगी ..आपकी टीप्पणी का बहुत बहुत आभार !
स स्नेह, सादर,
- लावण्या
नमो भगवते वासुदेवाय !
ReplyDeleteअजी सीधा हो या उलटा हमारे लिये तो पुजनिया हे, दुसरी बार जब भी ऊं कहता हु तो अपने पिता जी का नाम भी ले लेता हूं, मेरे लिये तो सारी दुनिया ही छुपी हे इस ऊं मे फ़िर सीधा हो या उलटा
ReplyDeleteधन्यवाद, बहुत अच्छा लगा,
वाह, ओमकाएअ में जबरदस्त सिनर्जी है - अंतर्मन और विश्व का एकाकार। और वह माइक्रो पोस्ट से निखर आया है!
ReplyDeleteआपके क्रियेटिव सेंस को नमस्कार।
μ
ReplyDeleteसुंदर.
ReplyDeleteअहा...!
ReplyDeletesundar...pyaara
ReplyDeleteμ
ReplyDeleteॐ....ॐ....ॐ...
ReplyDeleteअति सुंदर !
ReplyDeleteॐ नमः सिद्धम्...
ReplyDeleteदेखिये इस पोस्ट का जवाब नही .फ़िर पढने आ गया....
ReplyDelete:) ॐ jay ho
ReplyDeleteहरि ऊँ तत्सत!
ReplyDelete"μ - पोस्ट!"
ReplyDeletepe :) tippni