


वाराही , भैरवी, काली, ज्वालामुखी, बगलामुखी, धूम्रेश्वरी, वैष्णोदेवी ,
जगधात्री, जगदम्बिके, श्री, जगन्मयी, परमेश्वरी, त्रिपुरसुन्दरी ,जगात्सारा, जगादान्द्कारिणी, जगाद्विघंदासिनी ,भावंता, साध्वी, दुख्दारिद्र्य्नाशिनी,
चतुर्वर्ग्प्रदा, विधात्री, पुर्णेँदुवदना, निलावाणी, पार्वती ,
सर्वमँगला,सर्वसम्पत्प्रदा,शिवपूज्या,शिवप्रिता, सर्वविध्यामयी,कोमलाँगी,विधात्री,नीलमेघवर्णा,विप्रचित्ता,मदोन्मत्ता,मातँगी
देवी खडगहस्ता, भयँकरी,पद्`मा, कालरात्रि, शिवरुपिणी, स्वधा, स्वाहा, शारदेन्दुसुमनप्रभा, शरद्`ज्योत्सना, मुक्त्केशी, नँदा, गायत्री , सावित्री,
लक्ष्मीअलँकार सँयुक्ता, व्याघ्रचर्मावृत्ता, मध्या, महापरा,
पवित्रा, परमा, महामाया, महोदया
इत्यादी देवी भगवती के कई नाम हैँ
समस्त भारत मेँ देवी के शक्ति पीठ हैँ
१) कामरूप पीठ
२) काशिका पीठ
३) नैपल्पिथ
४) रौद्र -पर्वत
५) कश्मीर पीठ
६) कान्यकुब्ज पीठ
७) पूर्णागिरी पीठ
८) अर्बुदाचल पीठ
९) अमृत केश्वर पीठ
१०) कैलास पीठ
११) शिव पीठ
१२ ) केदार पीठ
१३ ) भृगु पीठ
१४ ) कामकोटी पीठ
१५ ) चंद्रपुर पीठ
१६ ) ज्वालामुखी
१७ ) उज्जयिनी पीठ इत्यादी
और हर प्राँत मेँ देवी के विविध स्वरुप की पूजा होती है और कई शहर देवी के स्वरुप की आराधना के केन्द्र हैँ।
शाक्त पूजा की अधिष्ठात्री दुर्गा देवी पूरे बँगाल की आराध्या
काली कलकत्ते वाली " काली " भी हैँ और गुजरात की अँबा माँ भी हैँ
पँजाब की जालन्धरी देवी भी वही हैँ
तो विन्ध्य गुफा की विन्ध्यवासिनी भी वही
माता रानी हैँ जो जम्मू मेँ वैष्णोदेवी कहलातीँ हैँ
और त्रिकुट पर्बत पर माँ का डेरा है ॥
आसाम मेँ ताँत्रिक पूजन मेँ कामाख्या मँदिर बेजोड है ॥
तो दक्षिण मेँ वे कामाक्षी के मँदिर मेँ विराजमान हैँ
और चामुण्डी परबत पर भी वही हैँ शैलपुत्री के रुप मेँ
वे पर्बताधिराज हिमालय की पुत्री पारबती कहलातीँ हैँ
तो भारत के शिखर से पग नखतक आकर,
कन्याकुमारी की कन्या के रुप मेँ भी वही पूजी जातीँ हैँ ॥
महाराष्ट्र की गणपति की मैया गौरी भी वही हैँ
और गुजरात के गरबे और रास के नृत्य ९ दिवस और रात्रि को
माताम्बिके का आह्वान करते हैँ ..
शिवाजी की वीर भवानी रण मेँ युध्ध विजय दीलवानेवाली वही हैँ --
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते !!
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या देवी सर्वभूतेषु
मातृ रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै
नमो नमः
मातृ रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै
नमो नमः
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दुर्गा - पूजा
सजा आरती सात सुहागिन , तेरे दर्शन को आतीं ,
सजा आरती सात सुहागिन , तेरे दर्शन को आतीं ,
माता तेरी पूजा , अर्चना कर , भक्ति निर्मल पातीं !
दीपक , कुम कुम, अक्षत ले कर , तेरी महिमा गातीं
माँ दुर्गा तेरे दरसन कर के , वर , सुहाग का पातीं !
वह तेरी महिमा शीश नवां के गातीं !
हाथ जुडा के बाल नवातीँ, धीरे से हैं गातीं ,
" माँ ! मेरा बालक भी तेरा " ~~~
ऐसा , तुझको हैं समझातीँ
फ़िर फ़िर तेरी महिमा गातीं ~~
तेरी रचना , भू -मंडल है ऐसे गीत गरबे में गातीं....
माता ! तुझसे कितनी सौगातें , भीख मांग ले जातीं !!
माँ ! सजा आरती , सात सुहागिन ,तेरे दर्शन को आतीं
मन्दिर जा कर , शीश नवा कर ,ये तेरी महिमा गातीं
- लावण्या
सुन्दर लेख के लिये आप का धन्यवाद
ReplyDeleteआप को ओर आप के परिवार को नवरात्रों की शुभकामनाएं !!
jankari ke liye aabhar. aap ko navratro ki subhkamnayein.
ReplyDeleteमातृशक्ति के हजारों वपु हैं। महाकाली के रूप में महा संहारक हैं वे तो महा सरस्वती के रूप में सतत सृजनरत भी। उनके रूप वैविध्य से उनकी असीमता का आभास तो मिल जाता है। पर असलमें मां की कृपा तो सब पर रहती है - सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव पर भी।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट ने मुग्ध कर दिया।
नवरात्रों की शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteलावण्या जी,
ReplyDeleteइतने अच्छे लेखन के लिए आपका बहुत धन्यवाद,
आपको, आपके सभी परिवारजनों, मित्रों और सभी पाठकों को नवरात्रों की बधाई!
माँ. के बारे मंत्रमुग्ध करने वाली पोस्ट के लिए धन्यवाद !
ReplyDeleteनवरात्र उत्सव की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं !
माँ को प्रणाम!
ReplyDeleteआपने एक ही स्थान पर माँ के अनेक रूपों के दर्शन करा दिए। हार्दिक धन्यवाद।
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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते॥
शारदीय नवरात्रारम्भ पर हार्दिक शुभकामनाएं!
(सत्यार्थमित्र)
नवरात्रइ की शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteआपको ईद और नवरात्रि की बहुत बहुत मुबारकबाद
ReplyDeleteआप को ओर आप के परिवार को नवरात्रों की शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteआप हिन्दी की सेवा कर रहे हैं, इसके लिए साधुवाद। हिन्दुस्तानी एकेडेमी से जुड़कर हिन्दी के उन्नयन में अपना सक्रिय सहयोग करें।
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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते॥
शारदीय नवरात्र में माँ दुर्गा की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों। हार्दिक शुभकामना!
(हिन्दुस्तानी एकेडेमी)
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मां जगदंबा को प्रणाम और इतने अच्छे आलेख के लिए आपका आभार। नवरात्र के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeletemata aur samast matribhakto ko saadar naman.
ReplyDeleteनवरात्रों की शुभकामनाएं !
ReplyDeletenavratron me munbhaavan post ...di...padhni thii na ye vaali:) :)
ReplyDeleteBahut hi achchi Aur ghyanvardhk post ke liye aapka aabhar
ReplyDeleteआप सभी की टीप्पणी का शुक्रिया
ReplyDeleteस स्नेह्,
``लावण्या