
मनुष्य की आत्मा से उठती पुकार है .....प्रभू , थाम लो हाथ !
मुम्बई शहर को आतंक से मुक्ति दिलवा कर , बस पे सवार हो , वहाँ से , जाते हुए वीर बहादुर सैनिक , दबी हुई मुस्कान लिए, गुलाब के फूल थामे, विक्टरी या विजय की निशानी दिखाते हुए , हाथ हिलाते चले गए .....वही कविता याद दिलाते हुए,

" उस पथ पर तुम देना फेंक
मातृभूमि पर शीश चढाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक,
चाह नहीं मैं, सुर बाला के,
गहनों में गूंथा जाऊं "
श्री। माखन लाल चतुर्वेदी जी की अमर पंक्तियाँ ही सही भाव प्रकट करने में सक्षम हुई हैं !
श्री। माखन लाल चतुर्वेदी जी की अमर पंक्तियाँ ही सही भाव प्रकट करने में सक्षम हुई हैं !
"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मरने वालों का यही बाकी निशाँ होगा "
"कुछ याद उन्हें भी कर लो,
जो लौट के घर ना आए ....
जो लौट के घर ना आए ......."
कृपया क्लीक करें नाम पढने के लिए
अमर शहीदों को सलाम कीजिये ......
वंदे मातरम !!
इस से सुंदर उपहार और श्रद्धाजंली हो ही नहीं सकती।
ReplyDeleteशत शत नमन ..
ReplyDeleteदेश के रखवालों को प्रणाम!
ReplyDelete" उस पथ पर तुम देना फेंक
ReplyDeleteमातृभूमि पर शीश चढाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक,
चाह नहीं मैं, सुर बाला के,
गहनों में गूंथा जाऊं "
श्री। माखन लाल चतुर्वेदी जी की अमर पंक्तियाँ ही सही भाव प्रकट करने में सक्षम हुई हैं !
शत शत नमन
हम भी इस "पुष्प की अभिलाषा" में अपनी भावना मिलाते प्रणाम निवेदित करते हैं उन्हें-
ReplyDeleteचाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ
चाह नहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं सम्राटों के शव पर, हे हरि डाला जाऊँ
चाह नहीं देवों के सिर पर चढ़ूँ भाग्य पर इतराऊँ
मुझे तोड़ लेना बनमाली
उस पथ पर तुम देना फेंक
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जावें वीर अनेक
शहीदों को श्रद्धांजलि ! आपके ब्लॉग पर रूटीन से हटकर सामग्री रहती है ! प्रस्तुति करण को तो मैंने लावण्या जी ब्रांड पहले से ही कहना शुरू कर दिया था ! आपके प्रस्तुतीकरण में भी एक विशेषता होती है !
ReplyDeleteमुम्बई काण्ड के शहीदों की लिस्ट ब्लागजगत में इतनी श्रद्धा पूर्वक इसी ब्लॉग पर दी गई है मेरी जानकारी में ! इन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि का मौका देने के लिए आपको भी नमन !
रामराम !
शहीदों को नमन . श्रद्धांजलि
ReplyDeleteभारत माता तुझे , शत शत नमन है !
ReplyDeleteवंदे मातरम
आप सचमुच एक ऐसी महिला है जो देश से दूर रहकर भी ,उन जमीनी हकीक़तो ओर त्रासदियों के साथ मन से जुड़कर उन दर्दो को शिद्दत से महसूस करती है ....जिनसे आज कई लोग गुजर रहे है .....आप जैसे लोग विदेश में रहकर भी भारत का सर ऊँचा उठाये रखते है.....इन शहीदों की कुर्बानी की कीमत अगर ये देश समझेगा तो हर हिन्दुस्तानी अब एक बेहतर नागरिक बनेगा .....बेहतर इंसान बनेगा......अगर हमें उन्हें सच्ची श्रान्दजली देनी है तो यही करके दिखाना होगा ...सवाल पूछने के अलावा हमारा कर्तव्य भी कही बनता है
ReplyDeleteउस पथ पर तुम देना फेंक
ReplyDeleteमातृभूमि पर शीश चढाने,
जिस पथ जाएँ वीर अनेक,
चाह नहीं मैं, सुर बाला के,
गहनों में गूंथा जाऊं "
ये काल जई पंक्तियाँ हैं ...कभी पुरानी नहीं पड़ेंगी...
वंदे मातरम्...
नीरज
आपको बहुत-बहुत शुक्रिया इतनी दूर होते हुए भी आप कितनी पास हैं अपने वतन के...
ReplyDeleteभारत माता के सच्चे सपूतों को शत शत नमन .आपकी श्रद्धा और इस सुंदर अभिव्यक्ति को भी हम नमन करते हैं.
ReplyDeleteshat shat naman.. Jai Hind
ReplyDeleteNew Post :- एहसास अनजाना सा.....
शहीदों को नमन... श्रद्धांजलि !
ReplyDeleteदेश के बेशकीमती हीरे जिन पर देशवासियों को नाज़ था, है और सदा रहेगा।
ReplyDeletekya bat hai!is se sundar uphar or shrdhanjli or kya ho sakti hai! http://pinturaut.blogspot.com/'http://janmaanas.blogspot.com/
ReplyDeleteभारत मां के इन वीर सपुतो को हमारा भी शत शत नमन.
ReplyDeleteआप का धन्यवाद
देश के रखवालों को शत शत नमन.
ReplyDeleteशहीदों को श्रद्धांजलि.
ये चित्र तो स्मृति पटल पर खुद गए हैं ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
यही हैं हमारे असली हीरो।
ReplyDeleteशहीदों को नमन
ReplyDeleteयही हैं हमारे असली हीरो!!!!!!!!!
ReplyDeleteप्राइमरी का मास्टर का पीछा करें
देश के रखवालों को नमन !
ReplyDeleteआप सभी की टीप्पणियोँ का बहुत बहुत आभार्
ReplyDelete- लावण्या
सभी शहीदों को मेरा शत शत नमन।
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