Monday, December 15, 2008

लाल कोट और लाल टोपी पहने , ये महाशय

आहा ! देखिये , आसमामें पंछी उड़ रहे हैं और ऐसा द्रश्य बना हुआ है मानो , आसमान मुस्कुरा रहा है :-) ....
हो सकता है शायद , लाल कोट और लाल टोपी पहने
इन महाशय को देख कर खुशी का माहौल बना हो !
( आज की पोस्ट , उन सभी के लिए है जो ,
बचपन को भूले नहीं और जिन्हें बच्चों से प्यार है )

" जीन्गल बेल , जीन्गल बेल , जीन्गल ओल ध वे ....सान्ता क्लोज इस कमिंग अलोंग , इन एन ओपन स्ले ..हे ... जीन्गल बेल , जीन्गल बेल ...."
http://www.youtube.com/watch?v=8hY85lqDvmw&feature=related


जी हाँ , ये सान्ता क्लोज़ हैं !! आप उन्हें किसी भी नाम से पुकारो
हम्म ...संत निकोलस , क्रिस क्रींगल, क्रिसमस पिता
ये ऐसे कई नाम से पहचाने जाते हैं और दुनिया भर के बच्चे
इनका बेसब्री से इंतज़ार करते हैं !

http://www.youtube.com/watch?v=pmuJDmjq-xQ&feature=related
अब, बच्चों का मन तोडा तो नही जाता ना !
और क्यूं ना आप भी बच्चे बन जाएँ ?? :)

बड़ी बड़ी उम्म्मीदें लगीं होतीं हैं सान्ता क्लोज़ जी से !!
और सान्ता की मदद करने के लिए एक पूरी टीम एल्फ की
भी तैयार रहती है ...
और मिसिज क्लोज़ रसोई घर में , कुकी, केक, पाई , बिस्कुट , केंडी
भी तैयार करा रहीं हैं .... बच्चों को देने के लिए ..
साल भर सान्ता क्लोज़ और मिसिज क्लोज़ बच्चों के लिए,
खिलौने तैयार करवाते हैं और जादूई थैले में उन सारे गिफ्ट को भर कर ,
नॉर्थ पोल से बर्फ से घिरी गलियों से, सान्ता क्लोज़ आवाज़ लगाते हैं,
अपने प्यारे और वफादार स्ले खींचनेवाले पालतू रेँडीयरोँ को ~
~~ जिनके नाम हैं,

रुडोल्फ़, डेशर, डांसर , प्रेन्सर, विक्सन, डेँडर, ब्लिटज़न, क्युपिड और कोमेट।


सान्ता क्लोज़ ख़ास तौर से क्रिसमस के त्यौहार में ,
बच्चों को खिलौने और तोहफे बाँटने ही तो उत्तरी ध्रुव पर आते हैँ
बाकि का समय वे लेप लैन्ड , फीनलैन्ड में रहते हैं --

बहुत बरसोँ पहले की बात है जब साँता क्लोज और उनके साथी
और मददगार एल्फोँ की टोली ने जादू की झिलमिलाती धूल,
रेँडीयरोँ पर डाली थी उसी के कारण रेँडीयरोँ को उडना आ गया !!


सिर्फ क्रिसमस की रात के लिये ही इस मैजिक डस्ट का उपयोग होता है
और सान्ता क्लोज़ अपना सफर शुरू करे उसके बस ,
कुछ लम्होँ पहले मैजिक डस्ट छिड़क कर , शाम को ,
यात्रा का आरम्भ किया जाता है !
और बस ! फुर्र से रेँडीयरोँ को उडना आ जाता है और
वे क्रिसमस लाईट की स्पीड से उड़ते हैं ...बहुत तेज !


http://www.youtube.com/watch?v=E3vQUx14Lcs&feature=related


संत निक के बच्चे उनका इन्तजार जो कर रहे होते हैं ...
हर बच्चा, दूध का गिलास और ३, ४ बिस्कुट सान्ता के लिए
घर के एक कमरे में रख देता है ...
और जब बच्चे गहरी नींद में सो जाते हैं और परियां उन्हें ,
परियों के देस में ले चलती हैं , उसी समय, सान्ता जी की ,
रेँडीयर से उडनेवाली स्ले हर बच्चे के घर पहुँच कर
तोहफा रख फिर अगले बच्चे के घर निकल लेती है ................
आप सान्ता का सफर यहाँ देख सकते हैं
ताकि आपके घर पर वे कब तक पधारेंगें उसका सही सही अंदाज़ ,
आप लगा सकें ....क्लीक करें ....
.http://www.noradsanta.org/en/home.html

22 comments:

  1. शान्ता और क्रिश्मश पर सुन्दर जनकारी और लाजवाब चित्रो की आपकी ये पोस्ट बहुत सुखद लग रही है !

    राम राम !

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  2. सुंदर वर्णन एवं सुंदर चित्रण. आसमान के पंछी मुस्कुराते बड़े अच्छे लग रहे हैं.

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  3. क्रिसमस और सेन्टाक्लाज पर सचित्र जानकारी के लिये आभार... सुन्दर लगा आपका लिखा लेख

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  4. जानकारी भी अच्छी और सांताक्लॉज की याद भी दिला दी आपने।
    सांता केवल एक धर्म विशेष के नहीं - पूरी मानवता के जीवन्त प्रतीक हैं।

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  5. मुझे पहला चित्र देख कर लगा कि महाशय ने दाड़ी में काफी मेंहदी लगाई है इसीलिये लाल रंग की प्रतीत हो रही है।

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  6. जानकारियां ऐसी कि जिनका उपयोग कर दोस्‍तों के बीच शेखी बघारी जा सके । उपयोगी ।
    पहला चित्र आपकी पोस्‍ट को पढने से रोकता है । नजर हटती नहीं, पलक झपकती नहीं ।
    बहुत ही सुन्‍दर, मन-भावन, मन-मोहक ।

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  7. सांता आया सांता आया.. ढेर सारी टॉफ़ी लाया..

    हमारी स्कूल में ये गाते थे हम..

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  8. सभी चित्र और विवरण सुंदर हैं, लेकिन पहले चित्र की प्रशंसा शब्दों में नहीं की जा सकती. अद्भुत!

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  9. उड़ते पक्षियों से जो चित्र बना है वो अद्भुत है...और लेख...कमाल का...सब बच्चों की और से आप को ढेर सारा प्यार....
    नीरज

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  10. सुंदर वर्णन एवं सुंदर चित्रण...........खास तौर से आखिरी चित्र बहुत अच्छा है......मुझे एक movie याद आ रही है जिसमे senta को ये साबित करना पड़ता है कोर्ट में की वो असली सेंट है ....उसका नम याद नही आ रहा है.....कुछ once upon a time in........... street......करके था .....

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  11. वसंत के फूल और मौसम के ताजे फल की तरह बड़ी ताज़ी सामयिक पोस्ट !

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  12. बेटी पूर्वा की याद दिला दी.दिसम्बर में आने वाली सारी क्रिसमस फिल्में टीवी पर देखना उस का शौक रहा है।

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  13. लावण्यम् जी बहुत सुंदर लेख लिखा आप ने, लेकिन हमारे यहां ५,६ साल के बच्चे भी अब पहचान जाते है की लाल कपडो मे कोन छुपा है.... लगता है बच्चे बडो से सयाने हो गये है... ओर जब बच्चे इन महशय को पहचान जाते है तो ... बहुत मजा आता है.
    धन्यवाद

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  14. बहुत बढ़िया लेख। फोटो को तो जवाब ही नहीं। बधाई

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  15. आकाश की फोटो तो गजब है ।
    घुघूती बासूती

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  16. सुंदर वर्णन ****MIND BLOWING






    http://ombhiksuctup.blogspot.com/

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  17. सच में आसमान मुस्कराता लग रहा है.बहुत सुंदर तस्वीर है.
    संता क्लोस की तस्वीरें और जानकारी अच्छी लगीं.
    आज कल अमेरिका में क्रिसमस की तैय्यारियाँ चल रही होंगी.

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  18. बहुत सुंदर चित्र और उतना ही सुंदर लेख. इन दिनों हमारे यहाँ तो सारा शहर ही संता-मय हो रहा है. सफ़ेद बर्फ के बीच में सफ़ेद दाढी की शोभा ही अलग है.

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  19. बेहतरीन चित्र-कथा पढ़ते वक्त लग रहा था कि आपके साथ ही हैं क्रिसमस की अग्रिम बधाई

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  20. आप सभी को क्रिसमस की अग्रिम शुभकामनाएँ -
    छुट्टी मना रहेँ होँ तब मजे कीजियेगा -
    आराम मिले और परिवार सहित आनँद करेँ यही कामना है -
    और सभी का आभार यहाँ आकर आपकी बातेँ रखने के लिये भी -

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  21. aapne to mere bachpan ko jaga diya , wah , bahut hi sundar ..


    aapko bahut dhanyawad aur badhai


    pls visit my blog for some new poems....

    vijay
    http://poemsofvijay.blogspot.com/

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