


दीपक जोय कहा करूँ, सजनी हरि परदेस रहावे
सूनी सेज ज्यूँ लागे सिसक सिसक जिय जावे
नयन निद्रा नहि आवे
कब की ऊभी मैँ मग जोऊँ , निस दिन बिरह सतावे
कहा कहूँ कछु कहत न आवे, हिवडो अति अकुलावे
हरि कब दरस दिखावे
ऐसो है कोई परम सनेही, तुरँत सँदेसो लावे
वा विरियाँ कब होसी म्हाँको, हरि सँग कँठ लगावे
मीरा मिल होरी गावे
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पँथ निहारूँ
प्राण सखा का पँथ निहारूँ
बारूँ चँदा दीप !
सुर बिन प्यारे मुरलिया सूनी,
बिन बसँत के बगिया सूनी,
कन्त बिन सूना सब जीवन,
मोती बिन ज्योँ सीप !
शून्य पथ, मुँह मोड न पाऊँ !
आशा का जी तोड न पाऊँ !
पर कैसे, मन, समझाऊँ , क्योँ ~~
प्रीतम नहीँ समीप !
- पण्डित नरेन्द्र शर्मा
होली और बसंत हो , फागुनी बयार हो और बिरह व्यथा से अवसादित मन हो ये हमारे साहित्य में मार्मिकता से कविता तथा कथा वार्ता में , बखूबी दर्शाया गया है ।-- लावण्या
Lavanya Di
ReplyDeleteNice poems and write up too.
Pranam to papaji.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
लावण्या जी अति सुंदर कविता के लिये
ReplyDeleteआप का धन्यवाद
लावण्या जी,
ReplyDeleteसुन्दर कविताओं और चित्रों के लिए आभार! पंडित जी की कविताओं की तो बात निराली है ही, भक्ति-काल की महान कवियित्री मीराबाई की रचनाओं को तो मैं विश्व की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में गिनता हूँ, जो देश-काल की हर सीमा से परे हैं.
सुंदर कविता
ReplyDeleteसमयचक्र: रंगीन चिठ्ठी चर्चा : सिर्फ होली के सन्दर्भ में तरह तरह की रंगीन गुलाल से भरपूर चिठ्ठे
स्वर्गीय पूज्य नरेन्द्र शर्माजी की स्मृति को प्रणाम ।
ReplyDeleteसुन्दर कविता के लिये धन्यवाद, होली की शुभकामनायें।
ReplyDeleteइस अवसर पर आप ने मीरा का स्मरण करा दिया। वह जीवन भर कृष्ण में ही अवस्थित रही। उन का प्रेम और विरह केवल लौकिक था। वे तो खुद कृष्ण मय थी और सारी दुनिया भी उन के लिए कृष्णमय थी।
ReplyDeleteबहुत ही मनोहारी चित्रों से आपने इन दोनो ही कालजयी रचनाओं का आनन्द कई गुना बढा दिया.
ReplyDeleteमहारानी मीरा की रचनाएं भक्ति की पराकाष्ठा है और पंडित जी की रचनाएं तो अपने शब्दों से अलग ही विश्व का निर्माण करती हैं. उनका कोई मुकाबला नही है.
आपको बहुत धन्यवाद. परिवार सहित आपको होली की बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
उदास अलसाये मौसम में मीरा और शर्मा जी की रचनाओं में व्यक्त आलौकिक विरह वेदना अंतर्मन भिगो गईं . साधुवाद
ReplyDeleteजितने सुंदर और मनमोहक चित्र उतनी ही सुंदर कवितायें ।
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को होली मुबारक हो ।
पण्डित नरेन्द्र शर्मा जी की कवित ने मन के कई सुषुप्त परतों को उकेरा -होली पर रंगमय आदर्भरी शुभकामनाएं !
ReplyDeleteपोस्ट का धन्यवाद दी...!
ReplyDeleteआपको होली के पर्व की शुभकामनाएं
Lavanyaji, Beautiful pictures n beautiful poem
ReplyDeleteWish u a very happy HOLI
लावण्या जी बहुत सुंदर चित्र और उससे सुंदर कविताएँ । बधाई होली की भी और प्रस्तुति की भी ।
ReplyDeleteAdbhut Chitra....Waah
ReplyDeleteआपको होली की शुभ कामनाएं ...
नीरज
होली की आपको और आपके परिवार में समस्त स्वजनों को हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसुन्दर! हे कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे!
ReplyDeleteभक्ति रस से सन गया मैं।
सुन्दर चित्रों के साथ अपनी बात कहने में आपका कोई जवाब नहीं है.....होली की शुभकामनाएं!
ReplyDeleteविरह के रंग में रंगी रचनाओं ने व्याकुल कर दिया..हरि नहीं समीप ,,,पिया भए परदेस..
ReplyDeleteआपके पिताजी की लेखनी से जन्मी सभी रचनाएँ अनमोल विरासत हैं.
मन को मोरा झकझोरे छेड़े है कोई राग
ReplyDeleteरंग अल्हड़ लेकर आयो रे फिर से फाग
आयो रे फिर से फाग हवा महके महके
जियरा नहीं बस में बोले बहके बहके...
हिंदी ब्लोगेर्स को होली की शुभकामनाएं और साथ में होली और हास्य
धन्यवाद.
adbhut kavitayen hain!
ReplyDeletechitr bhi itne sundar hain bas!
in kavitayon ki prastuti ke liye aap ka abhaar.
Holi parv ki shubhkamnyon sahit..
alpana
Bahut sundar kavita
ReplyDelete______________________________
होली के शुभ अवसर पर,
उल्लास और उमंग से,
हो आपका दिन रंगीन ...
होली मुबारक !
'शब्द सृजन की ओर' पर पढें- ''भारतीय संस्कृति में होली के विभिन्न रंग''
अनुपम मनोरम चित्रों व रचनाओं की प्रस्तुति के लिये आभार
ReplyDelete.होली की बहुत-बहुत बधाई.
www.dwijendradwij.blogspot.com
Nice pictures and nice poem...
ReplyDeleteaapko holi ki shubhkaamnaye...
बहुत सुंदर रचना... होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteलावण्य दी, आपको पूरे परिवार समेत होली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteअलौकिक. तुलनात्मक प्रस्तुति सशक्त रही. पडितजी को नमन. आभार.
ReplyDeleteहम इसे चूक ही जाते. कुछ दिनों से नेट की मेहरबानी रही.
होली मुबारक......
ReplyDeleteमनमोहक चित्रों और हृदयस्पर्शी रचनाओं ने मुग्ध कर लिया........बहुत बहुत आभार आपका..
ReplyDeleteआप सभी की टीप्पणियोँ का शुक्रिया
ReplyDelete-लावण्या