Monday, May 11, 2009

फ्लोरीडा की सैर (जारी )...

फ्लोरीडा की ऊंची ऊंची अट्टालिकाएं ...नीले गगन को चूमती हुईं ...
स्वागत कर रही हैं !
रास्ते के आस पास OAK / (ओक) के घने पेड़ , सुदर्शन दीख रहे हैं ...
सदीयों से खड़े हुए से ..
और ये मन्दिर की दीवारों पर उकेरी प्रस्तर प्रतिमाएं , नई हैं , प्राचीन हिंदू धर्म की नींव , नए सिरे से , जमाने की कोशिश में , लगी हुई , मूक दर्शक बनी , पुरातन को नवीन के संग समन्वय का दर्शन शास्त्र समझाने में , निमग्न !
भगवान् सत्यनारायण का दर्शनीय मन्दिर विशाल पैमाने पर निर्मित किया गया है। उसका अंदाजा आप लगा सकते हैं, यहाँ सीढीयों पे खड़े दीपक जी से ...
मन्दिर तिरुपति देवस्थानम जैसा ही बनवाया गया है ।
अभी मरम्मत भी जारी है
एक कारीगर जो भारत से आया था, वह मग्न है, मन्दिर के अहाते में , सीमेंट से , तुलसी क्यारे जैसी आकृति को आकार देने में , लगा हुआ है ........ और हमें फोटो लेते हुए देखकर मुस्कुरा दिया था ।
मन्दिर में वैसे तस्वीरें खींचने की मनाही है परन्तु ये महालक्ष्मी देवी की सुंदर प्रतिमा की तस्वीर खींच लेने के बाद ही हमारा ध्यान उस सूचना पर गया और मुख्य प्रतिमा जो सबसे विशाल है, भगवान् स्वामी नारायण देव की उनकी तस्वीर हम आपको नही बता पायेंगे !
अब देखिये माता महालक्ष्मी देवी जी को और नमन कीजिये ,
वे आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगीं .........
मन्दिर का बाहरी भाग भी सुंदर प्राचीन कलाकृतियों से सजाया गया गया है
और यहाँ आप श्री कृष्ण और पार्थ , अर्जुन को रथ के साथ देख रहे हैं ।
(चित्रोँ पर क्लीक करने से , वे ज्यादा साफा दीखेंगे ) ......
ऐयर - पोर्ट की द्रश्य दीर्घा से असँख्य विमान, उडान के लिये तैयार करने की तथा उन्हेँ मार्ग दर्शन सहीत उडने तक की सारी प्रक्रिया देखते हुए, प्रतीक्षा के घँटे , चाय पीते हुए, आसानी से बीत जाते हैँ ।
बाहर खडे विमान मेँ, हम नहीँ, कई दूसरे यात्री उडान लेकर
ना जाने कहाँ चले गये .............और हम गुनगुनाते रह गये,
" ये ज़िँदगी के मेले, ये ज़िँदगी के मेले, दुनिया मेँ कम न होँगेँ ..."
ये भी अजीब नज़ारा देखा ..
फ्लोरीडा मेँ अक्सर यहाँ के कई रहनेवालोँ के पास कार तो होती ही है,
साथ -साथ, ऐसी नाव भी होतीँ हैँ और लोगोँ को शौख है समुद्र मेँ स्वच्छँद घूमने का ......ऐसी आधुनिक नाव खरीद कर , सैर करने का भी ........
ठीक मँदिर के सामने एक घर के आँगन मेँ ये स्पीड बोट खडी थी
जिसे देख यही विचार आया कि, ये अमेरीकी जीवन की झलक स्पष्ट कर रहा द्रश्य वाकई अद्`भुत है !
- एक तरफ हिन्दू मँदिर है , और दूसरी तरफ आधुनिक स्पीड बोट !

मानोँ प्राचीन सदी, नई सदी के सामने, आँखेँ मिलाये खडी है !

" ईस्ट एंड वेस्ट , लूकिंग ऐट इच अधर , ट्राय़ीँग धेर बेस्ट ! "
आमने सामने ...
" हम भी हैं,............. तुम भी हो ....
दोनों हैं, आमने सामने ॥
देख लो क्या असर करा दिया राम के नाम ने !! :-) "
और बस कार में बैठे , कुछ मील के फासले पर, जाते ही , लो आ गया ये समुद्र तट !
सुफेद , नर्म रेत के कालीन से स्वागत करता हुआ !

जहाँ , वोली बोल, तैराकी, बोटिंग, फीशींग, पैरा सैलिँग, स्कूबा डावीँग, स्वीमीँग जैसे , अनगिनत आधुनिक खेल व मनोरंजन के साधन मौजूद हैं जिनका यहाँ आए लोग भरपूर आनंद ले रहे हैं !
ये नज़ारा भी , नज़रों को भा गया !
दीपक जी के साथ हमारे मित्र नाकेश व देवकी -
नाकेश, पेशे से, सायक्राइट्रीस्ट हैँ और देवकी रेडीयोलोज़ीस्ट हैँ
"कहीँ दूर जब दिन ढल जाये,
साँझ की दुलहन,
बदन चुराये,
चुपके से आये ..."
ये गीत बार बार गुनगुनाने को मन करता रहा जब ऐसी सुँदर सजीली साँध्य सुँदरी के दर्शन हुए ..प्रकृति तेरी सदा ही विजय है !
चलिए ..........फ़िर हाज़िर हो जाऊंगी ...
अभी इतना ही ॥

आप सभी की स्नेहभरी कमेंट्स के लिए बहुत बहुत आभार ...
आते रहियेगा और संवाद जारी रखियेगा ....

- लावण्या











14 comments:

  1. यात्रा विवरण और फोटोग्राफी अच्छी लगी!!

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  2. वाह मन को मोहती फ्लोरिडा दृश्यावली ! आभार !

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  3. मंदिर की उपस्थिति से लगा फ्लोरिडा भारत में ही बसा कोई नगर है। महालक्ष्मी की प्रतिमा सुंदर है।

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  4. वाह हमेशा की मानिंद सुंदर चित्र और लगा जैसे हम खुद ही फ़्लोरीडा पहुंच गये हों.

    वैसे मेरी बेटी अभी सुबह ३ बजे यानि अबसे ५ घंटे पहले ही वहां से यहां पहुंची है.:)

    रामराम.

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  5. मजा आ गया आपके साथ चित्रों में घूम कर..अब सही में घूमने आ ही जाता हूँ ओहायो!! :)

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  6. DIDI BAHOT MAJAA AAYAA AAPKE SAATH GUMKAR... SUBAH SUBAH TO JAISE KAMAAL HO GAYA...


    ARSH

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  7. अरे वाह पार्ट २ भी उतना ही मस्त है

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  8. आहा !हम जल गये जी.......

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  9. बहुत सुन्दर विवरन और चित्र। लगता है महालक्ष्मी जी की फोटो हमारे लिये ही खींची गयी। अन्यथा आपने मनाही पहले पढ़ी होती तो हम इससे वंचित हो जाते!

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  10. वाह सच में बड़ी अच्छी सैर हो रही है.

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  11. ना जाने कितनी बार देख चूका हूँ आपके ये चित्र लेकिन मन नहीं भर रहा...बहुत खूबसूरत...वाह...लाजवाब...धन्यवाद आपका फ्लोरिडा घुमाने के लिए...
    नीरज

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  12. hindustaan me rahte hue aapke jariye sair karna aur maa lakshmi ki kirpa pana bahut achha laga dhanavaad

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  13. वाह! मंदिर की चित्र तो वाकई अद्भुत हैं..फ्लोरिडा की सैर अब तक की तो खूब रही..बाकि सब भी बहुत ही मन भावन चित्र !आभार.

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