पुरानी पीढी भी गत वर्ष २००७ के प्रति , अपने भाव , समेटे , कभी ख़ुशी, कभी गम का अहसास लिए, २००८ का स्वागत कर रही हैं । स्थल : समुद्र किनारा, सान्ता मोनिका , लोस - एंजिलिस शहर --
नया साल ये ....आया !!! ....देखो ....देखो...
नई पीढी, के बालक ,
बहुत आशावान हैं ..
नोआ, मेरा नाती / My Grand son NOAH
ये नीचे जो पुतला दीख रहा है वो, एक कलाकार है जिसने अपने आपको इस तरह चांदी जैसे रंग से रंग लिया है मानों वो एक मूर्ति हो ! लोग बाग़ इन महाशय के साथ चित्र खिंचवाते हैं ओर वे देखनेवालों का मनोरंजन करते जा रहे हैं -
@ Hollywood Street, city ऑफ़ Los ~ Angeles, California, U.SA
अमरीका ऐसा देश हैं जहां पर प्राचीन स्थापत्य के भाग्नावेश , हैं ही नहीं ! अजी हां , हो भी कहाँ से ? इसे बसे , बस , २०० + साल की अवधि पूरी हुई हैं ...सो, जों भी नयी इमारतें बनतीं हैं , वे दुनिया के पुराने नमूनों के साथ , अमेरीकी पसंद का मिला जुला, मिश्रित स्वरूप बनकर सामने आता हैं। मशीनी सीढियां हैं , तो साथ ,साथ हाथी की विशालकाय प्रतिमा को प्रमुख स्थान दिया गया है, जिससे खालिस अमरीकी स्थापत्य बन पडा है -
जहां नये नये स्मारक , विश्व के पुराने स्थापत्य - कला के नमूनों की तरह बनाए जाते हैं ऐसे देस में, हम जैसे भारतीय लोग, पर्यटक होने के साथ साथ जन समुदाय का एक बड़ा हिस्सा बनते जा रहे हैं --
नया साल ये ....आया !!! ....देखो ....देखो...नई पीढी, के बालक ,
बहुत आशावान हैं ..
नोआ, मेरा नाती / My Grand son NOAHये नीचे जो पुतला दीख रहा है वो, एक कलाकार है जिसने अपने आपको इस तरह चांदी जैसे रंग से रंग लिया है मानों वो एक मूर्ति हो ! लोग बाग़ इन महाशय के साथ चित्र खिंचवाते हैं ओर वे देखनेवालों का मनोरंजन करते जा रहे हैं -
@ Hollywood Street, city ऑफ़ Los ~ Angeles, California, U.SAअमरीका ऐसा देश हैं जहां पर प्राचीन स्थापत्य के भाग्नावेश , हैं ही नहीं ! अजी हां , हो भी कहाँ से ? इसे बसे , बस , २०० + साल की अवधि पूरी हुई हैं ...सो, जों भी नयी इमारतें बनतीं हैं , वे दुनिया के पुराने नमूनों के साथ , अमेरीकी पसंद का मिला जुला, मिश्रित स्वरूप बनकर सामने आता हैं। मशीनी सीढियां हैं , तो साथ ,साथ हाथी की विशालकाय प्रतिमा को प्रमुख स्थान दिया गया है, जिससे खालिस अमरीकी स्थापत्य बन पडा है -
जहां नये नये स्मारक , विश्व के पुराने स्थापत्य - कला के नमूनों की तरह बनाए जाते हैं ऐसे देस में, हम जैसे भारतीय लोग, पर्यटक होने के साथ साथ जन समुदाय का एक बड़ा हिस्सा बनते जा रहे हैं --








































