..मेरे पापाजी के साथ, अँतिम बार, कन्या रुप मेँ, हमारे घर की गेलेरी मेँ खडे हुए - मैँ और पापाजी, पँडित नरेन्द्र शर्मा![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjQ6g8dkUJeXnkI1-n4bwpWE94LkYgiyDWTi0f3MwzgAt5Fb1er_o5_VFBQoGKlrsu-gSFiY62vFMIugqNFoStVJZmwbwDhH4lE75yD_s9aUYcuEMkyjtDqKDDzZmRiQfBPRr8ejpEegJcK/s400/Scan10036.JPG)
मेरी खास सहेली, सुधा त्रिवेदी, नीली साडी मेँ, मैँ दुल्हन के भेस मेँ , वरमाला लिये और बडी बहन स्व. वासवी बकुल मोदी गुलाबी साडी मेँ,
दुल्हे राजा = दीपक, का स्वागत करतीँ हुईँ श्रीमती सुशीला नरेन्द्र शर्मा, राजेन् गुलाबदास गोदीवाला के साथ
९ नवम्बर, १९७४ दीपक और लावण्या के ब्याह के अवसर पर / साँताक्रुज,बम्बई, आर्य समाज मँदिर
मेरी खास सहेली, सुधा त्रिवेदी, नीली साडी मेँ, मैँ दुल्हन के भेस मेँ , वरमाला लिये और बडी बहन स्व. वासवी बकुल मोदी गुलाबी साडी मेँ,
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