Tuesday, January 9, 2018

भारत और अमरीका की वर्षा ऋतु का फर्क : ( संक्षिप्त )

भारत और अमरीका की वर्षा ऋतु का फर्क : ( संक्षिप्त )
भारत मे हिन्द महासागर से उठकर मानसून हवाएं बादलों मे तब्दील हो जातीं हैं। 
घने काले मेघ, वर्षा का जल भरे हुए, साल के मध्य भाग में, माने जून माह के २ रे हफ्ते तक याने जून की १० से १४ तारिख के अास पास, बरखा की नन्ही नन्ही बूँदनियों का श्रृंगार किये कोमल बौछारों की सौगटी लिए भारत की धरती को भिगोने अा पहुंचते हैं। बूंदों का टप टप गिरना, धरा की भीनी महक़ वातावरण में चहुंओर बिखर जाती है और मादक आह्लाद का समां तारी हो जाता है। 
A visualisation of the South Asian Monsoon based on the Climate Hazards Group InfraRed Precipitation with Station data (CHIRPS) 30+ year quasi-global rainfall dataset, analysed and visualised using Google Earth Engine.
           भारत में  इसे मानसून सीजन कहा जाता  है। मानसून या रेनी सीज़न या  वर्षा - ऋतु के नाम से भारतीय जन  इसे पहचानते हैं और प्रखर ग्रीष्म ऋतु के ताप को सहन करते हुए, बेसब्री से बारिशों की प्रतीक्षा करते हैं और पहली फुहारों का हर्षोल्लास से भर कर आनंद - अतिरेक सहित स्वागत करते हैं। 
भारतीय बरखा ऋतु भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए जीवन और खुशहाली का सन्देश लिए आती है। 
कई भारतीय उत्सवों का इसी वर्षा - ऋतु के संग आगमन होता है। 
वर्षा के संग संग सर्वप्रथम श्री गणेश जी का आगमन होता है। विघ्नेश मँगलमूर्ति मोरिया ~ गणपति बाप्प्पा मोरिया पधारते हैं। उसके बाद आते हैं  श्रीकृष्ण का गोविंदा स्वरूप अगस्त माह में कृष्णजन्माष्टमी के समय उत्साह से घर घर में मानाया जाता है।बरखा का ज़ोर कम होते होते माँ जगदम्बा के आगमन का समय आ पहुंचता है। नव - रात्रों में धूमधाम से माता के पर्व का आयोजन किया जाता है। तब तक आकाश बादलों को स्वच्छ कर देता है। बरखा रानी फिर अगले वर्ष मौसम के बदलने के साथ आने का वादा करते हुए विदा लेतीं हैं और तब दीपावली का महा - पर्व भारत भूमि का प्रिय त्यौहार आता है। 
यह सारी बातें प्रत्येक भारतीय, वर्षा ऋतु के सम्बन्ध  में जानता है।भारतीय वर्षा ऋतु के अन्य त्योहारों के नाम इस प्रकार हैं  ~~ 
१ ) तीज २) नाग पंचमी ३) ओणम ४) रक्षा - बंधन
५)  नारियल पूर्णिमा ६) आदिपेरुकु ( तमिलनाड में ) 
७) हर्मिस ( लद्दाख में ) ८) मिंजर ( होमाचल प्रदेश में ) 
९) हरेली ( छत्तीसगढ़ में ) १०) बेह्दींनखालेम ( मेघालय में ) 

अमरीका में वर्षा - ऋतु का स्वरूप : 
अमरीका भूखंड भारत से ३ गुना अधिक विस्तृत एक अति विशाल उपखंड है। यहां वर्षा का अागमन भारत की तरह नियम बद्ध तरीके से नहीं होता।साल के अलग अलग  महीनों मे, उत्तर अमरीकी भूखण्ड के अलग अलग प्रांतों मे, वर्षा का अागमन होता रहता है। अमरीका की उत्तर दिशा के प्रांतों मे, मौसम अधिक ठंडा होता है। अत: यहां वर्षा के संग जल मिश्रित हिमपात  होता है। दक्षिण मे जितने प्रांत हैं, वहां उत्तरीय प्रांतों से अपेक्षाकृत ठंड कम होती है। अत:  वर्षा कहीं  कम तो किसी प्रांत में अधिक होती है। 
       
अमरीकी सूचना माध्यमों मे एक खास ऋतु चक्र होता है। उनसे संबंधित  विविध पहलूओं के  बारे मे दर्शकों  को अागाह  करती अाबोहवा के विषय पर समर्पित एक विशिष्ट चैनल  है। जो दिन भर मलब २४ घंटे दिनमान, अाबोहवा तथा उसके बदलाव और उनसे संबंधित चेतावनी का निरंतर प्रसारण करती रहती है।    

हवामान संबधित टीवी चैनल के निष्णात वर्षा के लिए एक खास नाम लेते हैं - वे अक्सर हवा मे जो नमी रहती है उसके लिए ' प्रेसीपिटेशन '  ऐसा ख़ास नाम उपयुक्त करते हैं। 
वसंत, ग्रीष्म , पतझड़ और शीतकाल यह ४ मुख्य ऋतुएं अमरीकी भूखंड पर तापमान के कम या अधिक होन के साथ महसूस की जा सकतीं हैं। 

अमरीका मे सब से  अधिक वर्षा हवाई द्वीप के वाईलेले इलाके मे, क्वाई नामक एक नन्हे से टापू पर औसतन ४६० " वर्षा के नाप से  सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गयी है। 
यह जगह  " क्वाई " विश्व के अधिकतम वर्षा वाले प्रदेशों  मे से एक है। भारत मे चेरापूंजी नामक स्थल भी अधिकतम वर्षा वाले स्थान के लिए मशहूर है। अमेरिका मे बरखा के प्रकोप के विभिन्न रूप  ' थंडर स्टॉर्म, हरीकेन, कहलाते हैं। समुद्री लहरों के साथ  बाढ़ के पानी के साथ अाती भारी वर्षा है उसको टाइफून भी कहते हैं। 
हरीकेन भारी नुकसान करनेवाली   भयंकर वर्षा को अंग्रेज़ी वर्णमाला के अक्षरों से चुन कर उन्हें हर वर्ष ख़ास नाम दिए जाते हैं।जैसे - अमरीका में बसे दक्षिण पूर्वीय  न्यू अार्लीन्स के प्रांत मे जो  भीषण तबाही मचानेवाली वर्षा और तूफ़ान का कहर बरपा था उसे  'कैटरीना हरीकेंन  ' का  नाम दिया गया था। 
         अमरीका के पश्चिम मे पेसेफिक महासागर के  मध्य मे  ' हवाई '  मुख्य ६ टापूओ का समूह है।  जिनके नाम इस प्रकार हैं -- क्वाई, ओहाऊ ,मोलोकाई, लानाई, मावी और सबसे बडा टापू हवाई कहलाता है। हवाई  के अन्य हिस्सों मे सालाना २००" से अधिक  वर्षा नापी गयी है।   
      उत्तर अमरीका के मुख्य भूखंड मे पश्चिम मे वॉशिंगटन प्रांत और ओरेगन प्रांत मे हवाई के बाद २ और ३ नंबर मे अधिकतम वर्षा दर्ज हुई है। अलास्का के दक्षिण हिस्से के बारनोफ नामक  टापू मे २३०" वर्षा दर्ज हुई है। टेक्सास , ओक्लाहोमा प्रांतों मे क्लाउड बर्स्ट माने बादलों का मूसलाधार बरसना कई प्रांतों मे बाढ़ की भयावह स्थिति का निर्माण करता  है।  चित्र - २  स्कूल बस - बारिश जल मे निमग्न स्कूल बस 
Image result for school bus immersed in water
    अमरीकी शहरों मे ' सीएटल ' शहर को सर्वाधिक वर्षा वाला शहर कहा जाता है। इनके बाद फ्लोरिडा, लुईज़ीयाना, अलाबामा और ओक्लाहोमा  प्रांतों की गणना  अधिकतम वर्षा वाले प्रांतों मे की जाती है। 
इनसे विपरीत अमरीका के पश्चिम के प्रांतों मे जैसे केलिफोर्निया, मोंटाना, नेवेडा व  एरीजोना, प्रांतों मे अमरीकी भूखंड पर सबसे कम वर्षा होती है। 

 - श्रीमती लावण्या दीपक शाह 
       ओहायो उत्तर अमरीका 

1 comment:

Doanh Doanh said...
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