Tuesday, October 28, 2008

दीपावली मंगलमय हो

दीपावली मंगलमय हो
मेरा काव्य पाठ सुनिए ---
http://www.sopanshah.com/lavanya/Deep.mp3
ये कविता उन के लिए है जो अपने स्वजन को याद कर रहे हैं और अपनों की कमी महसूस कर रहे हैं -
स्मृति दीप
भग्न उर की कामना के दीप,
तुम, कर में लिये,मौन, निमंत्र्ण, विषम,
किस साध में हो बाँटती?
है प्रज्वलित दीप, उद्दीपित करों पे,
नैन में असुवन झड़ी!
है मौन, होठों पर प्रकम्पित,
नाचती, ज्वाला खड़ी!
बहा दो अंतिम निशानी,
जल के अंधेरे पाट पे,
' स्मृतिदीप ' बन कर बहेगी,
यातना, बिछुड़े स्वजन की!
एक दीप गंगा पे बहेगा,
रोयेंगी, आँखें तुम्हारी।
धुप अँधकाररात्रि का तमस।
पुकारता प्यार मेरा तुझे,
मरण के उस पार से!
बहा दो, बहा दो दीप को
जल रही कोमल हथेली!
हा प्रिया! यह रात्रिवेला
औ ' सूना नीरवसा नदी तट!
नाचती लौ में धूल मिलेंगी,
प्रीत की बातें हमारी!
- लावण्या शाह




11 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सुंदर कविता ! शुभकामनाएं !

G Vishwanath said...

Happy Deepawali.
Love to Noah.
Regards
G Vishwanath

Udan Tashtari said...

दीपावली के इस शुभ अवसर पर आप और आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

वाह! क्या बात है…। ============================
!॥!दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!॥!
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ghughutibasuti said...

लावण्या जी, मन को मथ देने वाली कविता लिखी है आपने ।
आपको सपरिवार दीपावली की शुभकामनाएं ।
घुघूती बासूती

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

दीवाली शुभ हो लावण्य दी।

Gyan Dutt Pandey said...

सुन्दर पोस्ट बनाना कोई आपसे सीखे!
दीपावली आपको और आपके परिवार को बहुत मंगलमय हो।

Smart Indian said...

नव-संवत्सर प्रतिपदा की शुभकामनाएं!

डॉ .अनुराग said...

बहुत सुंदर कविता ! शुभकामनाएं !

प्रदीप मानोरिया said...

हर बार की तरह लाज़बाब

मीनाक्षी said...

प्यारे दीप और कविता भी बहुत प्यारी..दीपावली की शुभकामनाएँ..