Saturday, October 25, 2008

मेरे स्वर में : मेरे गीत

दीपावली मंगलमय हो !!
एवं नूतन वर्ष अनगिनती उल्लास लेकर आए
सुनीये ....
मेरे स्वर में : मेरे गीत
http://www.sopanshah.com/lavanya/Be.mp3
पतझड़ में लाल रंग हर तरफ़ फैला हुआ है ॥
पतियों पे और ज़मीन पर भी ~~~~

12 comments:

राज भाटिय़ा said...

लावण्यम् नमस्कार, हमारे यहां भी पतझड का यही हाल है, धरती पर चारो ओर रंग बिरंगे पत्ते ही पत्ते बिखरे है, दिन मै कई बार साफ़ करो, फ़िर हवा से आ जाते है, लेकिन देखने मै बहुत सुन्दर लगते है, ओर पेडो पर भी यह रंग बिरंगे बहुत ही सुनदर लगते है,
आप को ओर आप के परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये !

Udan Tashtari said...

बहुत अच्छा लगा आपकी आवाज सुनना!!

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

लावण्या जी, आपकी सच्ची आवाज सुनकर हमें बहुत अच्छा लगा। आभार।
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दीपावली की मंगल शुभकामनाएं।
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Smart Indian said...

लावण्या जी,

आपकी सुंदर कविता और मीठे स्वर से हम सबका परिचय कराने का धन्यवाद! आशा है आपकी कविताओं का यह क्रम अब चलता रहेगा और हमें यह प्रेरणादायक आवाज़ अक्सर सुनने को मिलेगी. अभी-अभी आपकी कविता आवाज़ पर भी सुनने को मिली, बधाई!
आपको और आपके परिवार को भी दीवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

ताऊ रामपुरिया said...

दीपावली की बहुत २ शुभकामनाएं ! आपकी कविता के साथ २ आज आपकी सुमधुर आवाज भी कानो में पडी ! मन प्रशन्न हो गया ! हार्दिक बधाई !

दिनेशराय द्विवेदी said...

कविता सुंदर है और उस का पाठ भी बहुत मीठा। आप को दीवाली का प्रणाम।

अमिताभ मीत said...

बहुत सुंदर कविता लावण्या जी, और उतना ही सुंदर पाठ. दीपावलि पर मंगलकामनाएं.

जितेन्द़ भगत said...

काव्‍य पाठ सुनकर आनंद आ गया। दीपावली की हार्दि‍क शुभकामनाऍ।

Gyan Dutt Pandey said...

बहुत सुन्दर। आपकी आवाज - साफ और मधुर; आज सुनी और बहुत अच्छा लगा।

Abhishek Ojha said...

सुंदर ! दीपावली पर हार्दिक शुभकामनायें !

पारुल "पुखराज" said...

DI chitr bahut sundar hain..aur kavita ek hi kyu ki aapney post?..vo vaali saari kijiye..:)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

आप सभी के सस्नेह प्रतिसाद के लिये , इस त्योहारोँ के व्यस्त समय मेँ यहाँ पधारने के लिये बहुत बहुत आभार !
स - स्नेह्,
- लावण्या