
मैने अपने गीत,
सघन वन अन्तराल से
खोज निकाले
मैँने इन्हे जलधि मे खोजा,
जहाँ द्रवित होता फिरोज़ा
मन का मधु वितरित करने को,
गीत बने मरकत के प्याले !
कनक - वेनु, नभ नील रागिनी,
कनक - वेनु, नभ नील रागिनी,
बनी रही वँशी सुहागिनी
-सात रँध्र की सीढी पर चढ,
गीत बने हारिल मतवाले !
-सात रँध्र की सीढी पर चढ,
गीत बने हारिल मतवाले !
देवदारु की हरित शिखर पर
अन्तिम नीड बनायेँगे स्वर,
शुभ्र हिमालय की छाया मेँ,
लय हो जायेँगे, लय वाले !
[ स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]
सुनिए ये गीत : "तुम आशा, विश्वास हमारे "
गायिका : : Lata
शब्द : Narendra Sharma
9 comments:
शुक्रिया इस कविता को यहां बाँटने के लिए !
आपको पसँद आयी मनीष भाई साथ जो गीत रखा है "सुबह" फिल्म का उसे भी सुनियेगा ~~
" तुम आशा विश्वास हमारे "
देवदारु की हरित शिखर पर
अन्तिम नीड बनायेँगे स्वर,
शुभ्र हिमालय की छाया मेँ,
लय हो जायेँगे, लय वाले !
यह कल भी था शाश्वत जितना
उतना ही यह आज हुआ है
पंडितजी ने लिखे शब्द जो
उनने हर दिन मुझे छुआ है
Lavanya Didi
Very nice poem by Papaji.
I need to know the meaning of:Firoza,markat,Randhra,Need.
Thanx & Rgds.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
बचपन और किशोरावस्था के सपनों में पहुँचा दिया इस कविता ने।
रससिध्ध कविवर श्री राकेश जी ,
आपकी पँक्तियाँ सहेज रही हूँ बहुत ही सुँदर हैँ सदा की भाँति
स स्नेह्,
- लावन्या
Harshad bhai ,
Firoza =is, Turquoise Gem stone
markat = is Corals ,
Randhra = the Chakras as steps in human body as the YOG teaches which are like steps.
Need = is NEST
hope this helps - thank you for your interest + kind comments.
warm rgds,
L
फिरोज़ा - यह शब्द स्पष्ट नहीं हो रहा था। आपकी टिप्पणी ने स्पष्ट कर दिया। धन्यवाद।
फीरोज़ा नाम भी होता है कइयोँ का - आप्ने सुना ही होगा ज्ञान भाई साह्ब
स स्नेह्,
लावन्या
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