Thursday, July 3, 2008

महात्मा गांधी : बापू और बा

महात्मा गांधी : बापू और बा : ये अंग्रेजी में दी हुई उनकी speech / वाणी है - सुनियेगा
He usually spoke in HINDI - this is a rare Speech just discovered & put up by the Washington Post News Paper --
http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/video/2008/06/27/VI2008062703016.html

15 comments:

Neeraj Rohilla said...

लावण्याजी,
इस रेकार्डिंग का लिंक देने के लिये बहुत धन्यवाद !

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

नीरज जी ,
आप सुनियेगा और बतायेँ कैसा लगा -
- लावण्या

अमिताभ मीत said...

लावण्या जी, ये तो अनमोल चीज़ सुना दी आप ने. बहुत बहुत आभार आप का.

Harshad Jangla said...

Lavanyaji

Yes, it is Anmol.
Thanx.

नीरज गोस्वामी said...

कमाल कर दिया आप ने लावण्या जी...बहुत दूर की कौडी लायीं हैं आप...अभी तक कानो को विश्वास नहीं हो रहा...बहुत बहुत धन्यवाद
नीरज

दिनेशराय द्विवेदी said...

अनमोल स्मृति!

Ghost Buster said...

ख़बर पढी थी पर सीमित रूचि जागी थी. मगर अब आप कह रही हैं तो अवश्य सुनना होगा.

कुश said...

आपका शुक्रिया किस तरह अदा करू.. बहुत अनमोल पोस्ट है ये

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

सुन लिया हो तब फिर आकर लिखियेगा -
कैसा लगा
- लावण्या

डॉ .अनुराग said...

शुक्रिया इस अनमोल चीज के लिए बस ये चित्र हटा दे.....

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

क्यूँ ? आपको चित्र पसँद नहीँ आया अनुराग भाई ? ;-)
जान बूझकर रखा है :)
- सोचा कोई तो कुछ कहेगा -
और आपने कह दिया -
ये चित्र "बा" ने बापू के पैरोँ मेँ बहुत उपवास किये थे और हमेशा की तरह वे कई मील चलते थे
और बापू के परोँ मेँ दर्द था और बा उन्हेँ बच्चे की तरह प्यार से मालिश कर रहीँ थीँ उस वक्त का है -
बा ने बापू से बहुत प्यार किया
- जब कोई उनसे शिकायत करता कि ,
" आप को बापूने कितने दुख दीये ! "
तो वो कहतीँ ,
" शिकायत आप को होगी, मुझे मेरे पति पर पूरी निष्ठा और प्रेम है, मैँ कब आपसे शिकायत करने आयी थी ! आप मुझे मेरे पति के खिलाफ एक शब्द भी बोलकर ना उकसायेँ वही अच्छा होगा " ये सुमति माणेकलाल मुँशी से बा ने कहा था -
उनके बीच जो गहरा प्रेम था उसका एक स्वरुप है ये चित्र - इसे पहली बार देखा तब मैँ भावुक होकर बहुत रोई थी
बा और बापू,२० वीँ सदी के, वन मेँ काँटोँ पे चलनेवाले, राम और सीता ही हैँ..दुख मेँ भी सहज और एकदूसरे के लिये सम्पूर्णत: समर्पित -
- लावण्या

Gyan Dutt Pandey said...

यह तो बहुत महत्वपूर्ण आडियो का लिंक दिया आपने और बापू को सुनने में रोमांच हो आया।

Ashok Pandey said...

मैं जिस ग्रामीण इलाके में रहता हूं, ब्राडबैंड की सुविधा नहीं है। सर्वर इतना धीमा काम करता है कि इंटरनेट पर आडियो-वीडियो सुन या देख पाना संभव नहीं हो पाता। फिर भी आपलोगों का जो उत्‍साह है और मेरे भी मन में बापू की जो अमिट छवि है, उन सब से उनकी वाणी सुनने का रोमांच अनुभव कर सकता हूं।

बहुत से अन्‍य लोगों की तरह मेरी नजर में भी दुनिया में आधुनिक युग में बापू से बड़ा संत व राजनेता कोई नहीं।

Abhishek Ojha said...

thanks for this rare audio. I also have a small audio clip (in Hindi) of baapu on my pc.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

ज्ञान भाई साहब,
अशोक भाई व
अभिषेक भाई
आप का आभार जो यहाँ आये और ओडीयो को सुना और
अशोक जी सुन नहीँ पाये उसका दुख है !
अभिषेक भाई,
आप भी लगायेँ जो आपके पास है - बापू की वाणी हिन्दी भी सुन पायेँ तो अच्छा लगेगा
स्नेह,
- लावण्या