Sunday, May 11, 2008

२ रेडियो इंटरव्यू

दीदी और मैं और पापा
( 1 ) Remembering Pt Narendra Sharma: Bollywood's greatest Hindi poet : -
Hindi poet Pt Narendra Sharma fought for India's independence and then went to Mumbai to write some memorable songs like
'Jyoti Kalash Chalke' and 'Satyam Shivam Sundaram'।
Lata Mangeshkar revered him like her father।
In this interview, first broadcast on Cincinnati local radio, his daughter Lavanya Shah remembers her legendary father।
The All India Radio's entertainment channel was named by him as
'Vividh Bharati'।
To click here (Hindi)
( 2 ) Lata remembers Papa Pt Narendra Sharma In this remarkable interview legendry singer Lata Mangeshkar nostalgically talks about her early life and how Pt Narendra Sharma encouraged her in the days of her struggle। It was a special relationship। Lata called the great Hindi poet as Papa as she saw in him the image of her father। In this very informal interview with Pt Narendra Sharma's daughter Lavanya Shah Lata opens her heart। The interview was first broadcast at Radio Cincinnati's Indian programme Swaranjali। To Listen click here (Hindi)

15 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप ने इन साक्षात्कारों से पंडित जी की यादें ताजा कर दीं। पंडित जी बचपन में हमारे आदर्श कवि हुआ करते थे। पर यह ज्ञान आज ही हुआ कि विविध भारती के स्ट्रक्चर की संकल्पना उन्हीं की थी। पंडित जी को मेरा सादर नमन।

दिनेशराय द्विवेदी said...

लता जी का साक्षात्कार सुन रहा हूँ। मैं उन के दोनों ही गीतों का बहुत ही मुरीद हूँ। मेरी कार कलेक्शन में दोनों गीत हैं। तुम धरती आकाश हमारे तो कमाल की रचना है। इस में अद्वैत वेदांत को सम्पूर्ण रूप से गूँथ दिया गया है। अद्वैत को इतने सुंदर रुप में अभिव्यक्त करने वाला कोई अन्य गीत हिन्दी में है ही नहीं।

Udan Tashtari said...

एक बार आपसे और सुना था, पुनः अच्छा लगा.

Harshad Jangla said...

लावण्याजी
मै तो यह सीडी पर कई बार सुन चुका हुँ और अब तो मानो कँठस्थ होता जा रहा है, पर आज फिर एक बार यहाँ सुननेका आनँद लिया. पापाजीको फिर एक बार नमन और दीदी को वँदन. आभार आपका लावण्याजी.
-हर्षद जाँगला
एट्लांटा युएसए

mamta said...

लावण्या जी इस नायब पेश कश के लिए जितना भी धन्यवाद आपको दिया जाए कम है।

डॉ .अनुराग said...

उस महान कवि को शत शत प्रणाम ..... आप वाकई सौभाग्य शाली है......

Gyan Dutt Pandey said...

पण्डित जी के बारे में नयी नयी जानकारी मिलती है आपके ब्लॉग पर। बहुत धन्यवाद।

Abhishek Ojha said...

इस जानकारी के लिए, धन्यवाद !

pritima vats said...

इस बेहतरीन जानकारी के लिए धन्यवाद। पंडित जी के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला इस ब्लाग के माध्यम से।

...................
आपने मुझे जितने प्यार से स्नेहाशिष लिखा है मुझे बहुत अच्छा लगा। मुझे जब भी मौका मिलता है मैं झारखंड के इन बेहतरीन चीजों के बारे में जनता को बताने की कोशिश करती हूं कि कभी किसी संस्था का मन बन जाए और उद्धार हो इन दुर्लभ सम्पदाओं का।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

प्रीतिमा जी,
आपका टिप्पणी के लिये, बहुत आभार !
झारखँड के बारे मेँ जानकारियाँ देतीँ रहियेगा -
आपको कला व रँगोँ से प्यार है वैसे ही मेरी अम्मा भी हलदनकर इन्स्टीट्युट मेँ ४ साल फाइन आर्ट्स सीखतीँ रहीँ थीँ --
पापा कवि और माँ कलाकार ! उनके चित्र भी ब्लोग पे लगाऊँगी .......शीघ्र ही - देखियेगा -
आपको शुभकामना व स्नेह,
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

अभिषेक जी, धन्यवाद
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

ज्ञान भाई साहब,
पापाजी का व्यक्तित्वौर जीवन बहुआयामी रहा है
और मैँ स्नेहवश, उन्हेँ याद करते और उनकी बातेँ करते अघाती नहीँ -शायद, यही जरिया ह
एक पुत्री का अपने पिता की स्मृति को सदा के लिये जीवित बनाये रखने का - जो मैँ, कर रही हूँ ...
आपका टिप्पणी के लिये,
बहुत आभार !

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

अनुराग भाई जी,
..मैँ ने उन्हेँ पिता के रुप मेँ पाया वही मेरा सबसे बडा सौभाग्य है !
आपकी टिप्पणी के लिये आभार --
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

समीर भाई,
हर्षद भाई
व ममता जी
आप का भी बहुत आभार!
मेरे प्रयास को सराहा इसकी खुशी है
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

दिनेश भाई साहब,
पापा के बारे मेँ और दीदी के बारे मेँ ये लिन्क्स सुनने के लिये आभार!
" तुम आशा विश्वास" मेँ ,
वेदाँत और अद्वैत को
सरल शब्दोँ मँ ,
दीदी के सुमधुर पर सँयत स्वरोँ मेँ सुनना ,
ये एक सुखद अनुभूति है -
आप अब,जब भी ये गीत सुनेँगेँ, शायद पापा जी की याद भी आती रहेगी-
- लावण्या