ईस्टर का त्यौहार यीशु के मृत्य के कुछ दिन बाद पुनः शरीर धारण कर जीवित होने की बात से सम्बंधित है और मेरी मेग्दनल को दर्शन देने की अलौकिक घटना से जुडा हुआ है - पाश्चात्य ख्रिस्ती धर्म को मानने वालों के लिए ईस्टर , ईसा मसीह के ईश्वर के चहते पुत्र होने की पुष्टी करता हुआ त्यौहार है जिसे कई देशों मे अलग अलग रीति रिवाज के साथ मनाया जाता है - कई लोग ईस्टर के सप्ताह को पवित्र मानते हैं
Resurrected Jesus and Mary Magdalene

Resurrected Jesus and Mary Magdalene
लाएलेक के पेड़ या झाडी,ओलीव माने जैतून की झाडी के परिवार सा,उसी के आकार प्रकार से मिलता जुलता,मध्यम ऊंचाई का हरी पत्तियों से भरा होता है .
यहां बाग़ मे अब कहीं जाकर बाहर, खुले मे बैठ पाने का समय आया है.
अब तक ठण्ड इतनी भीषण थी के आप बस कुछ मिनटों के लिए ही बाहर ठहर पाते ...
बसंत का प्राम्भिक काल है और लाएलेक के फूलों की मीठी मादक गंध हवा के झोंकों को और हसीन बना रही है तब ' प्रेम ' और ' प्रणय ' से लाएलेक के फूलों का सम्बन्ध सही लग रहा है ......
ग्रीस, लेबनोन और साईप्रस देशों मे भी लाएलेक की झाडीयाँ दीखलायी देतीं हैं और उत्तर अमरीकी भूखंड के मच्किनाक टापू ,मिशीगन प्रांत , स्पोकेन वाशींगटन प्रांत ,लोम्बार्ड इलीनोईस प्रांत , बोस्टन शहर , मिशीगन प्रांत , ओहायो प्रांत [ जहां हम रहते हैं ] इत्यादी इलाकों मे लाएलेक के खिले फूल सुन्दर व दर्शनीय हलके जामुनी रंग की आभा और भीनी मादक सुगंध का जादू बिखरते , खिले हुए हैं -

अमरीकी प्रजा ईस्टर को एग हंटींग और ईस्टर का बनी माने खरगोश खोजते हुए , बच्चों को लुभाकर मनाते हैं और जर्मन मूल की प्रजा ने ईस्टर एग और ईस्टर बनी की प्रथा को अमरीका मे जारी किया था आज अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल भी उत्साह सहित ईस्टर के त्यौहार को व्हाईट हाऊस मे मनातीं हैं --
एक सुमधुर और प्रेरणादायक गीत सुनिए ....http://www.youtube.com/watch?v=UJffpr9mcdk
प्रकृति जब् अपनी कृपा हम पे लुटाती है तब इंसान खुश और संतुष्ट होकर कुछ पल के लिए अपने ग़मों को और जीवन की अनवरत चलती चक्की के पाटों के बीच
पीसे हुए , चलते रहने का कष्ट ,
भूल जाते हैं ...
संगीत, फूल , खुशबू , बच्चों की भोली मुस्कान , सौन्दर्य , शांति अमन चैन के पैगाम लेकर ऋतू आये और जाये ..
इस आशा के साथ ...अभी आज्ञा ...
- लावण्या
10 comments:
प्रकृति की कृपा के बीच मानवीय अपनापन।
बहुत बढिया। कल ही मैंने भी लाइलैक के कुछ गुच्छे काटकर एक खुशबूदार गुलदस्ता बनाया था।
अजीब बात है! कुछ दिन से ये बैंगनी फूल सपने में आ रहे थे। आज सन्दर्भ स्पष्ट हुआ ईस्टर का। लिलियक!
very nice article...
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
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आपके परिवेश में ईस्टर को जाना और मन प्रफुल्लित हुआ. आभार.
amerika se phoolon ki baat ho to sugandh ka khas hona lazimi hai. itni dur se khushbudar hawa ka parsal bhejne par badhaai.
bahut sunder
Bahut sundar post...
लाईलैक के फ़ूलो सी महक रही है आपकी क्रति
kavyachitra.blogspot.com
madhu
--
MM
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