![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXAQRCGbDcd5MpSVZU6c39dyBSmnT1Q9B9p3uThpFuH6P1lgSG8cK9vyr7BmzBNQV_QvnuLXwHmJtFWAhZX_NvwXO9cGpP5RhhGkzRh9c66Gwxgyl2i0ZDskaSgInX1VmpLvYHfrZja8CM/s400/money+angel.gif)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjnOQ_Kswup_8OYe2_oOnDpONzLq5dpHIbpTwDcmSmV_jwjtHIe1aX0L4z91Y86YQeMmNuacAqQ8QMws9BLgIUQ0ND9vR3gNnqueUQOCo_4lCuXbCIjxBFyVCJaFCDK6KiR0ows6ZQohgmd/s400/white+saree.jpg)
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg-R7O8Aqc1ftU60g1KVlMA7g82Zl6zyrDzvIvrIkljsd3Ehfd9B0238GPYaCRphS1H-fgseqVHz0yEitMS1J8Zel9AJcHayzyaCwAe4CRXfhvuzRYRzzBXt1pR9EVBlJu0w77uo3jBHgch/s400/nyc08.jpg)
जब काली रात बहुत गहराती है, तब सच कहूँ, याद तुम्हारी आती है !
जब काले मेघोँ के ताँडव से,सृष्टि डर डर जाती है,
तब नन्हीँ बूँदोँ मेँ, सारे,अँतर की प्यास छलकाती है.
जब थक कर, विहँगोँ की टोली, साँध्य गगन मे खो जाती है,
तब नीड मेँ दुबके पँछी -सी, याद, मुझे अक्स्रर अकुलाती है!
जब भीनी रजनीगँधा की लता, खुदब~ खुद बिछ जाती है,
तब रात भर, माटी के दामन से, मिलकर, याद, मुझे तडपाती है !
जब हौलेसे सागर पर , माँझी की कश्ती गाती है,
तब पतवार के सँग कोई, याद दिल चीर जाती है!
जब पर्बत के मँदिर पर,घँटियाँ नाद गुँजातीँ हैँ
जब पर्बत के मँदिर पर,घँटियाँ नाद गुँजातीँ हैँ
तब मनके दर्पण पर पावन माँ की छवि दीख जाती है!
जब कोहरे से लदी घाटीयाँ,कुछ पल ओझल हो जातीँ हैं
जब कोहरे से लदी घाटीयाँ,कुछ पल ओझल हो जातीँ हैं
तब तुम्हेँ खोजते मेरे नयनोँ के किरन पाखी मेँ समातीँ हैं
वह याद रहा,यह याद रहा, कुछ भी तो ना भूला मन!
मेघ मल्हार गाते झरनोँ से जीत गया बैरी सावन!
हर याद सँजोँ कर रख लीँ हैँ मन मेँ,
याद रह गईँ, दूर चला मन! ये कैसा प्यारा बँधन!
--- लावण्या
--- लावण्या