Monday, November 24, 2008

कृतज्ञता दिवस : राष्ट्रीय त्योहार

शामियाने में मौजूद अनेक महमान , मेजबान के घर आए कई , मेहमान , दावत में शामिल होने और कई तरह के खाने की बानगी , जिन्हें , तैयार किया गया है बड़े जतन से .... पेश की गईं ....इस त्यौहार को पूरे अमरीका में नवम्बर माह के अन्तिम सप्ताह में मनाया जायेगा । जिसे , हिन्दी में " कृतज्ञता दिवस " कहेंगें ...

या यहाँ जिसे , " Thanks Giving / थैंक्स गिविंग " कहा जाता है
<--( क्लीक करिए )

जिसे अकसर , अमरीकी जनता , दूर दराजसे , घर तक की यात्रा पूरी कर , अपने घर , लौट कर , माता - पिता , परिवार के लोगों के साथ , मिल जुल कर , मनाना चाहते हैं और क्रिसमस के पहले यही थैंक्स गिविंग त्यौहार , बहुत बड़ा पारिवारिक त्यौहार है - -

एक तरह से थैंक्स गिविंग त्यौहार , कृषि से भी , सम्बंधित है। क्यूंकि , इस मौसम में , हर तरह का धान तैयार होता है। लोग व्यस्त जीवन की तेज गति को , थम जाने देते हैं -- और , परिवार के संग, पूरा साल, जो , फल, फूल , साग, सब्जियाँ , अनाज , दूध, दही, मख्खन तथा नाना प्रकार के जीव , ये भोजन , प्रयाप्त मात्रा में मिला उस के लिए भी प्रकृति का और ईश्वर का आभार प्रकट करते हैं -
थैंक्स गिविंग करते हैं !

अमरीका मेँ पहले पहल आये नागरिक, युरोप छोडकर आये थे।
प्लीमथ शहर मेँ , मे फ्लावर जहाज से, अटलाँटीक महासागर को पार कर पहुँचे थे - और इन्ग्लैण्ड के धार्मिक वातावरण से अलग स्वतँत्रता हासिल करने के इरादे से जो लोग आये वे अपने को "प्युरीटन " कहते थे और अपनी शुध्ध धार्मिक अवधारणाओँ को सही ईसाई धर्म का रुप मानते थे और एक नई दुनिया मेँ अपने को पा कर , अमरीकी मूल निवासी रेड इन्डीयन प्रजा के साथ जो मिला उसे मिल बाँट कर साथ खाने को , उन्होंने प्रथम आभार प्रदर्शन से इस त्यौहार को , जोडा था - उसका इतिहास है -- क्लीक करिए --->
http://www.history.com/minisites/thanksgiving/
"The First Thanksgiving" - चित्र : प्रथम कृतज्ञता दिवस / थैंक्स गिविंग --
चित्रकार : Jean Leon Gerome Ferris (१८६३ –१९३० ).
" Thanks Giving " में , अनेक बानगियाँ होतीं हैं - खास होती है टर्की !
- जो हम शाकाहारी के लिए नहीं पर , लाखों टर्की स्वर्ग सिधार लेतीं हैं
और क्रेन्बेर्री/ Cranberry , जो अमरीका में उगनेवाली खट्टी और लाल रंग की बेर्री है उसकी चटनी भी ख़ास तौर से बनाई जाती है -
साथ में , आलू उबाल कर , मेश कर के, उसमे माखन और दूध मिलाकर , मेश पटेटो नामकी बानगी को , सादा ही बनाते हैं - --
क्लीक करिए ---> Traditional Mashed Potatoes


कद्दू की कई प्रकार की डीशज़ बनतीँ हैँ .
अखरोट जैसा ही नट जिसे पीकान कहते हैँ , हरी बीन की सब्जी,
तरह तरह के केक, ब्रेड सलाद और ऐप्पल पाई, फूटबोल की गेम
(जो अमरीका का तेज और आक्रमक खेल है) ये सारे महत्त्वपूर्ण हैँ!
Thanksgiving Videos
थैंक्स गिविंग त्यौहार :
Fun : "फन"
इस दिन के "फन" के लिये ! परिवार के लोगों के साथ , मिल जुल कर इस त्योहार का आनँद उठाना, भी एक विशिष्ट अँग है ....
चूँकि "फन" या मज़ा अमरीकी मिजाज का एक खास पहलू है :)

* Fun, Feasting Floats & Foot Ball makes this a Truly American Festival *
This is the start of Christmas shopping for most Americans.
Floats : मेसी नामका एक विशाल चेन स्टोर विविध साज सज्जा के फ्लोट मेनहेट्टन के मुख्य रास्ते पर हर साल, परेड मेँ, प्रदर्शित करता है --

Feasting : रेसिपी के लिन्क क्लिक करके देखेँ और बनाकर भी चखियेगा
और आलस आये तो यहीँ आकर शामिल हो जायेँ इस
" फन फूड, & फूटबोल " वाले फेस्टीवले मेँ !
क्लीक करिए --->

१) Yummy Sweet Potato Casserole
२) Best Ever Banana Bread
३) Winter Fruit Salad with Lemon Poppyseed Dressing
४) Pumpkin Roll with Cream Cheese Filling
५) Candied Hazelnut Pumpkin Pie

Other recipers which are different & unique are like :
६) Chai Cupcakes :
"If you are a fan of Chai tea and Chai lattes, this is a way to incorporate those flavors into your sweet
PREP TIME
15 Min
COOK TIME
20 Min
READY IN
35 Min
Original recipe yield 12 cupcakes
INGREDIENTS (Nutrition)
1 cup milk
2 black tea bags
2 chai tea bags
1/2 cup plain yogurt
3/4 cup white sugar
1/4 cup canola oil
1 teaspoon vanilla extract
1 cup all-purpose flour
1/4 teaspoon baking soda
1/2 teaspoon baking powder
2 teaspoons ground cinnamon
1/2 teaspoon ground ginger
1/4 teaspoon ground cloves
1/2 teaspoon salt
1 pinch ground black pepper

DIRECTIONS
Preheat oven to 350 degrees F (175 degrees C). Grease a 12 cup muffin pan or line with paper baking cups.
Heat the milk in a saucepan until almost boiling. Remove from the heat and add the black tea and chai tea bags. Cover and let stand for 10 minutes. Wring out the tea bags into the milk and discard bags. In a medium bowl, whisk together the tea-milk, yogurt, sugar, oil and vanilla. In a large bowl, stir together the flour, baking soda, baking powder, cinnamon, ginger, cloves, salt and pepper. Pour the wet ingredients into the dry mixture and stir until blended. Spoon the batter into the prepared cups, dividing evenly.
Bake in the preheated oven until the tops spring back when lightly pressed, 20 to 25 minutes. Cool in the pan set over a wire rack. When cool, arrange the cupcakes on a serving platter. Frost with desired frosting
(I prefer vanilla).
& सम मोर रेसिपी :
Turkey Brine
Turkey in a Smoker
A Simply Perfect Roast Turkey
Roasted Garlic Mashed Potatoes
Creole Cornbread Stuffing
Cranberry Sauce Extraordinaire
Crunchy Green Bean Casserole
Chocolate Bourbon Pecan Pie
Cranberry Gelatin

Wednesday, November 19, 2008

शरद सुहावन, मधु मन भावन

चाँद उग आया पूनम का !
शरद ऋतु के स्वच्छ गगन पर,
चाँद उग आया पूनम का !
सरस युगल सारस - सारसी का,

तैर रहा, झिलमिल जल पर !
खेत खलिहानोँ मेँ पकी फसल-
मुस्कान रँगे मुख, कृषक - वधू के
व्रत त्योहार - रास युमना तट
रुन झुन , रुन झुन, झाँझर के स्वर!

धरती डोली, हौले हौले, बहे पवन

मुस्काता, बन, शशि, चँचल, हिरने पर !

फैलाती चाँदी सी- शरदिया चाँदनी

मँदिरोँ मेँ बज रहे - शँख ढफ
पखावज, मँजीरे धुन,कीर्तन के सँग!

खनन्` - खनन्` मँजीर बज रहे

धमक -धमक रास की रार मची

-चरर्` चरर्` तैली का बैल चला
-सरर्` सरर्` चुनरी लिपटी रमणी पर -

शक्ति आह्वान करो! माँ भवानी सुमरो !

अम्बिका, वरदायिनी, कल्याणी, कालिका, पूजो!
घर - घर मेँ ज्योत, प्रखर कर लो !
शरद शारदा - वीणापाणि माँ सरस्वती भजो !
हरो तिमिर आवरण माँ, कृपा कर दो !
बिखरा दो, उज्जवल प्रकाश अवनी पर माँ !
शारदीय पूर्ण चन्द्र ज्योत्सना फैला दो माँ !
स्वागत, मँगल आगमन शरद - चँद्रिका माँ !
कृपा सिँधु, कमलिनी, सुमधुर स्मित बिखरा दो माँ !
जग तारिणी, सिँह आसनी ममता का कर, धर दो माँ !
जन - जन - के दु:ख हर, शीतल कर दो माँ!
कात्यायनी नमोस्तुते ! हे अम्बिके, दयामयी नमोस्तुते!

Monday, November 17, 2008

लँदन के दर्शनीय टुरीस्ट स्थल

ईसा पूर्व ५० वर्ष पहले के समय मेँ रोमन साम्राज्य ने लँदनीयम नामक स्थान पर लकडी का पुल बनाया गया था जो आज थेम्स नदी के ऊपर लँदन शहर और साउथवार्क को जोडते हुए बनाया गया है। ११ वीँ सदी मेँ इसी पुल को खीँच लिया जाता था जिसे ड्रो ब्रीज कहते हैँ । १९ वीं सदी में , जोन रीनी नामके इँजीनीयरने इस ब्रीज का आधुनिक रुप बनाया था जो ९२८ फीट लँबा और ४९ फीट चौडाई लिये था - १९६७ में रीनी के ब्रीज को बेच दिया गया जो अब अमरीका के अरीजोना प्रांत में हवासू नदी पे एक एक टुकडा फ़िर जोड़ कर लगाया गया -
आज जो ब्रीज है उसे ऐलेन सीम्प्सन नामके एन्जीयर ने बनाया । मार्च १७ , १९७३ को महारानी एलिजाबेथ ने , इसका उद्`घाटन किया --
अनेक सैलानी और वाहनोँ के यातायात से हर समय यह अति व्यस्त रहनेवाला ब्रीज विश्व का आधुनिक करिश्मा है ये लँदन का ब्रीज !
ओर अब चलें टावर ऑफ़ लन्दन देखने ~~~
ये है होरेशीयो नेल्सन का गौरव स्तँभजो १८४० से १८४३ मेँ बनवाया गया था जब ट्रफालगर के महायुध्ध मेँ फ्रान्स की सेना के तोपोँ को पिघलाकर उसी कान्स्य धातु से मूर्ति के नीचे पत्तियाँ बनाकर ब्रिटन की जीत को उजागर करते हुए रखा गया है
उसी मूर्ति के नीचे हम लोग --- http://en.wikipedia.org/wiki/Nelson
महारानी एलिज़बेथ का राजसी निशाँ दरवाजे पर लगा हुआ -राज महल के बाहर हम : बकिंघम पेलेस
पिकाडेली सर्कल एक मुख्य चौराहा है वहीँ पर
स्वामी नारायण मन्दिर : भारतीय साँस्कृतिक केन्द्र है
स्वामी नारायण मन्दिर : लन्दन / Neasden
टावर ऑफ़ लन्दन के प्रहरी के साथ -
इस प्राचीन इमारत में शाही खजाना रखा हुआ है - जिस में , भारत का प्रसिध्ध रत्न कोहीनूर भी है जो महारानी के मुकुट में लगा हुआ है । दूसरी महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ देखिये - ख़ास तौर से , विशाल काले कौए जिन्हेँ रेवन कहते हैँ -
उनके बारे मेँ पढेँ - प्रथम लिन्क से --
http://www.historic-uk.com/DestinationsUK/TowerRavens.htm
- ट्रेन अंडर ग्राउंड भी है और दो मंजिल बसें लाल रंग की चलतीं हैं जो बंबई शहर की याद दिलातीं हैं - टैक्सी से आप किसी भी कोने में आराम से पहुँच सकते हैं - गलियाँ भीड़ भरी हैं - यातायात व्यवस्थित और सुचारू है जिसे लन्दन पुलिस , जिन्हें " बोब्बी " कहते हैं बड़ी कुशलता से संभालती है - भारत से आए सीख समुदाय के लोग , पंजाब, गुजरात , बिहार, उत्तर प्रदेश के लोग आप को अकसर दीख जायेंगें ..अरब देशों से आए लोग भी दीख जायेंगें ...विश्व के सबसे व्यस्त तथा विकसित शहरों में लन्दन की गिनती है फ़िर भी हरियाली इसे एक शांति भी देती है और जगह जगह बने हुए , आधुनिक इन्तजाम वगैरा , लन्दन को , सैलानी के लिए , खुला निमंत्रण देता हुआ सा शहर , प्रतीत होता है ।
भारतीय खाना , शायद आपको भारत के बाहर भी बहुत जायकेदार और स्वादिष्ट मिले ॥ इस बात से , आप आश्चर्य ना करें ...
लन्दन के निवासी यों ने भारतीय भोजन को , बखूबी अपना लिया है !
दक्षिण के इडली और दोसे के साथ ६ तरह की चटनियाँ , यहाँ मिल जाएँगीं और गुजराती फरसान , नाश्ते भी हर तरह के मिल जाते हैं ॥
वेम्बली के बाज़ारों को २४ घंटों खुला देख आश्चर्य हुआ जहाँ रात को भी आप सब्जी खरीद कर घर ला सकते हैं ॥
भारतीय लोग , खूब काम करते हैं, और अपनी दुनिया , बसाए आबाद हुए हैं ...
मैंने कई घरों में , नए नए , लोगों से पहचान की और अमरीका के मुकाबले , घर और गाडियां , दोनों ही आकार में , छोटी पाईँ !
एकाध बड़े घर भी देखे ..जहाँ एक एडवोक़ेट महोदय रहते थे ! खैर !
महारानी एलिजाबेथ के राज प्रसाद बकिंघम पेलेस के आगे , सारे घर आपको चिडिया के घोंसले ही लगेंगें !! :)
टूरिस्ट होने से आप , हर प्रवास को नए अंदाज़ में , नई आंखों से देखते हो .
..यही शायद हमारे साथ भी सच हुआ !
बहुत बरसों पहले भी लन्दन से रुकते हुए हम भारत लौटे थे ॥
इस बार , हमने लन्दन, ट्रेन से, पैदल ओर कार से देखा ओर इस की विविधता ओर साँस्कृतिक धरोहरों का आनंद लिया -
लन्दन से पास ही लगे हुए , अनेक स्थल आपको ब्रिटेन की सामाजिक ओर प्राकृतिक विविधता ओर शांति का परिचय देंगें ...
असल में आप जहाँ भी यात्रा करते हो, समय ओर स्थान फ़िर भी कई देखने के बाकी रह ही जाते हैं ॥
आप मन बना लेते हो ..अगली बार आयेंगें ..उस समय , ये भी देख लेंगें ...यही आनंद है ..अधूरे प्रवास का ..जो आपमें उत्सुकता को संजोए रखता है ....

(ये आलेख - अभिषेक भाई के कहने पर लिखा है ....)
































Thursday, November 13, 2008

धर्म परिवर्तन और बदलाव

राज कुमार विलियम - ब्रिटेन के सत्ताधिकारी महारानी एलिजाबेथ के बाद गद्दी पर शायद यही उत्तराधिकार प्राप्त करेंगें ऐसा अंदेशा है -
सत्ता , सिर्फ़ नाम की रह गयी है ब्रिटिश राज परिवार के पास २१ वीं सदी तक आते आते !
वहाँ पर प्रधान मंत्री गोर्डन ब्राउन ही सही अर्थ में , राष्ट्र प्रमुख हैं
~ पश्चिम के महत्वपूर्ण राज्यों में , मुख्य नायक पर, आम जनता की नज़रें हमेशा टिकी रहतीं हैं -
अमरीका में , राष्ट्रपति २० जनवरी के दिन , बदल जायेंगें ...बुश जायेंगें और ओबामा आयेंगें ...ये एक बहुत बड़ा बदलाव होगा।
ये चित्र है राजकुमारी एन के पुत्र पीटर फिलिप तथा उनकी मंगेतर केनेडा की नागरिक ओटम केली के ! ओटम केली ने अपना धर्म ( केथोलिक ) त्याग दिया है !
आप कहेंगें क्यों भला ?
वो इसलिए , ताकि उनके होनेवाले पति , जो महारानी एलिजाबेथ से ११ वें स्थान पर हैं, गद्दीनशीन होने की लम्बी कतार में, उनके दूसरे , खून से बंधे रिश्तेदारों में से , वहाँ पीटर फिलिप की जगह बनी रहे इसलिए ! और पीटर फिलिप का राजवंश में , उतराधिकार बना रहे , इसलिए , उनकी मंगेतर को , अपना चर्च त्याग कर , दुसरे चर्च का सदस्य होना पडा है ! ये एक तरह का धर्म परिवर्तन है !
ओटम केली ने चर्च ऑफ़ इंग्लैंड के धर्म को अपना लिया है ! और केथोलिक चर्च का त्याग किया है ! अगर वे ऐसा ना करतीं , तो उनके मंगेतर को , महारानी एलिजाबेथ के वारिसों की लम्बी कतार में ११ वां स्थान प्राप्त है, वो नहीं मिलता !
चूंकि सन` १७०१ से ये कानून ब्रिटेन में बना हुआ है के , केथोलिक धर्मावलम्बी , राजसी परम्परा का हिस्सा नहीं बन पायेंगें !
इस ख़बर को पढ़कर मुझे बहुत विस्मय हुआ था !
ऐसे कई किस्से , सुने हुए हैं । जैसे शर्मीला टेगोर ने इस्लाम धर्म अपनाया था जब उनका निकाह नवाब पटौदी के संग हुआ !
हम समझते हैं के भारत में धार्मिक बंधन तथा अवरोध बहुत अधिक हैं !
और पश्चिम में ईसाई धर्म एक ही प्रकार का होता है परन्तु असल में , ऐसा नहीं है -
ईसाई धर्म भी विविध प्रकार के चर्चों में, अलग अलग खेमों में विभाजित हुआ पनप रहा है
जिनके कायदे क़ानून और व्यवस्था अभी तक समझ नहीं पाई हूँ !

३०० साल पुराना क़ानून , पुरूष प्रधान है और पुत्र को , राज परिवार के मुखिया का हक्क देता रहा है -

खैर ! यहाँ महारानी एलिजाबेथ की बिटिया राजकुमारी एन के पुत्र, जिनके पिताजी मार्क फिलिप हैं, वे , पीटर फिलिप अपनी मंगेतर के साथ प्रसन्न मुद्रा में घुड़सवारी प्रतियोगिता का आनंद लेते हुए दीखाई दे रहे हैं - उन दोनों के विवाह की वीडियो - तस्वीरें देखिये - जिसके लिए हेलो पत्रिका ने उनको १ मिलियन पाउँड की धन राशि दी थी !
http://www.britishroyalwedding.com/2008/05/16/autumn-kelly-peter-phillips-wedding/
http://www.britishroyalwedding.com/2008/11/11/video-prince-williams-speech-at-centrepoint/
ये हैं राजकुमार विलियम जो ब्रिटिश राज परिवार के सबसे प्रथम दावेदार हैं अपनी सहेली .
केट मिडलटन के साथ .....इनके पिताजी प्रिन्स चार्ल्स प्रतीक्षा ही करते रह जायेंगें शायद चूंकि एलिजाबेथ महारानी स्वस्थ हैं और लम्बी आयुष्य जीयेंगी ऐसी संभावना है ---
और अंत में , महारानी के विशाल राजमहल बकिंघम पेलेस के बाहर , दीपक व मैं ..सैलानियों के साथ , राज परिवार के राजसी ठाठ - के दर्शन करते हुए ....लन्दन यात्रा के दौरान , कोहिनूर हीरा तथा महारानी की असीम संपत्ति के दर्शन भी किए ! उसके चित्र फ़िर कभी ....










Monday, November 10, 2008

बफेलो ट्रेस :

वोटरटन वाईल्ड लाएफ सेन्कचुअरी मेँ आज़ाद घूमते विशाल् बाईसन प्राणी
[ Click on the pict.s ]
बाईसन प्राणीको सीम्बल बनाकर केँटकी प्राँत मेँ बनाई जाती बोर्बन विह्स्की और खाली शीशीयां - जिन्हें इटली से मँगवाया जाता है - बोटलिँग प्लान्ट की ऐसेम्बली मेज पर रखीँ हुईँ ....
केंटकी प्रांत के एक शहर Frankleen Kentucky का सरकारी कार्यालय - सामने दीपक और बकुल भाई
वाईल्ड बाईसन प्राणीको अमरीकी मूल निवासी पूज्य मानते हैं ...
जीजाजी बकुल भाई और बफेलो ट्रेस का सिम्बल -वाईल्ड बाईसन और हम !
केंटकी प्रांत के इस कारखाने को देखने का मौका २ माह पहले , मिला था। मेरे जीजाजी भारत से , पहली बार , अमरीकी यात्रा पर आए थे ...हमने उन्हें , किस तरह , पहली बार हवाई जहाज की यात्रा का स्वप्न सत्य में बदला और राइट बन्धुओंने ये करिश्मा कर दीखलाया था उस के म्यूज़ियम की यात्रा करवाई थी --

" काश ! मैँ भी बादलोँ को छू सकता ! "

http://www.lavanyashah.com/2008/09/blog-post.html

और दूसरी जगह थी बफेलो ट्रेस ! -- जहाँ से नन्ही शीशीयां बर्बन की ख़रीदी गईं - उपहार देने के इरादे से -- आप भी देखिये --- इस जगह से सम्बंधित लिंक्स यहाँ दे रही हूँ -- http://www.buffalotrace.com/main.asp?page=product

http://www.buffalotrace.com/main.asp?page=video

http://www.buffalotrace.com/

और इस ब्लॉग पर काफी जानकारी देखी -- व्हिस्की (Whiskey)" व्हिस्की (Whiskey) : ब्लॉग परिचय
इस ब्लॉग पर आप विभिन्न मदिराओं के बारे में मूलभूत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मदिराओं के प्रकार, उन्हें बनाने की विधि, कुछ मदिरा ब्रांड्स की समीक्षा और मदिरा से सम्बन्धित ढेरों अन्य रोचक तथ्य। आपके सुझाव और टिप्पणियाँ आमंत्रित हैं।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य मदिरा के बारे में जानकारी देना मात्र है और यह किसी भी रूप में मद्यपान को बढ़ावा नहीं देता है। यह केवल वयस्कों के पढ़ने के लिये है, अवयस्क कृपया अपने वयस्क होने की प्रतीक्षा करें।
वैधानिक चेतावनी: मद्यपान में संयम बरतें। अनियंत्रित मद्यपान स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। http://www।thewhiskyexchange.com/

http://www.thewhiskyexchange.com/C-33.aspx?pg=2
http://www.thewhiskyexchange.com/P-7452.aspx


Saturday, November 8, 2008

कोई


कल रात को बहुत महीनो के बाद ये लिखा .......................
-- सुनिए ,
कोई
~~~~~~~~~~~~
" रश्क होने लगा है हमे , अश्कों की सौगातों के लिए
नाम महफिल में आया आपका , बस हमारे खो जाने के लिए
भीग जायेगी हीना , हथेली पे, रंग और निखरेगा , अभी ,
कहते हैं , मिटटी से मिल , उठती है घटा , बरसने के लिए "
क्यूँ न पुछा था मुझ से , उसने , रुकूं या मैं चलूँ ?
दिल लेके चल देते हैं वो , बस मिलके बिछुडने लिए !
कितनी दूर चला था मेरा साया , मेरी रूह से बिछुड़ , अनजाने में ,
लौट आया है कोई , मेहमान बन , फ़िर दिल में ‘समाने के लिए’ "
- लावण्या ( नवम्बर ६ )

Thursday, November 6, 2008

" अंडर ग्राउंड रेल रोड " / हिंदुस्तान अमरीका / बराक & मिशेल ओबामा



अनूप शुक्ला जी की बेबाक बातेँ पढना अपने आप मेँ सोचक व रोचक अनुभव है जैसे : फुरसतिया जी कहिन : ~~

माननीय कविवर समीरलाल जी जो कि अभी हाल ही में समलैंगिकों के साथ देखे गये।

अमेरिका का अमेरिकापन तभी तक है जब तक हिंदमहासागर और अटलांटिक सागर के बीच की दूरी बरकरार है। दूरी मिटते ही वो बेचारा कौड़ी का तीन हो जायेगा। या अमेरिका के जितने हाई वे हैं वे सब के सब साल भर में कई बार लो-वे में बदल जायेंगे। जहां बरसात खतम हुई सारे चौड़े रास्तों पर गड्डे खोदकर बल्ली गाड़कर रामलीला का तम्बू तन जायेगा।
इलाहाबाद और गया के पंडे राबर्ट और जूलिया को जमशेदपुर, दरभंगा के रामदयाल, बरसातीराम का वंसज साबित कर देंगे। वे अगली फ़्लाइट से भारत अपनी जड़ों की तलाश में सरपट भागते चले आयेंगे। इंडियन एअर लाइंस के बल्ले-बल्ले होंगे।

मैं कतरा सही मेरा वजूद तो है/
हुआ करे जो समंदर मेरी तलाश में है
वो खरीदना चाहता का कांसा (भिक्षा पात्र) मेरा
मैं उसके ताज की कीमत लगा के लौट आया।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
हमारे देस में , ख़ास तौर से , पश्चिमी इलाकों में , समलैंगिक विवाह के विरोध में आम जनता ने , राष्ट्रपति के चुनाव के साथ दिए गए प्रस्तावित , मुद्दों में से एक यह भी था

" समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जाए या नहीं ? "

और केलिफोर्निया प्रांत में आम जनता ने इस मान्यता का विरोध किया हैं
http://www.latimes.com/news/local/la-me-gaymarriage16-2008may16,1,4027698.story
जिस के कारण , जो समलैंगिक विवाह को मान्यता मिले यह देखना चाहते थे , उन सारे लोगोंको को कहते हैं, बहुत दुःख हुआ है - ये मुद्दा खैर हमें अब तक समझ नहीं आया ! सहानुभूति अवश्य है उन के साथ - आख़िर वे भी इंसान हैं - कई लोग पूरी तरह समर्पित हैं और दंपत्ति की तरह जीते हैं - पर कानूनन उन्हें स्त्री और पुरूष दम्पति जैसे , हक्क नही मिले अब तक आप को , अगर ये समाचार ना मिलें हों तब आप , शायद हिमालय की किसी निर्जन , बर्फीली , गुहा में , जोगी का भेस धरे , समाधि रत होंगें ! :) और ये ख़बर है ओबामा जीत गए " !!! और वे ,अपना मंत्री मंडल गढ़ने में व्यस्त हैं - शाशा और मालीया उनकी २ मासूम सी बेटियों के लिए एक नन्हा पप्पी खरीदने वाले हैं ! :-)
मिशेल एक बेहद प्रभावशाली महिला हैं !
आगामी दिनों में आप , मिशेल को कई , बार देखेंगें - दोनों पढ़े लिखे , जागरूक , आधुनिक समाज को समझने वाले , कुशल इंसान हैं जिन्होंने अपना परिवार , सभ्यता और संस्कृति की ठोस नींव पर , बसाया हुआ है और ये इमारत , अथक श्रम, परिवार के प्रति निष्ठा और समाज के कमजोर तबके के इंसान के प्रति सहानुभूति से प्रेरित है -
धार्मिक प्रवृति भी है पर , जूनून की तरह नहीं ...आगे , ये दम्पति , जो , अमरीका की काले रंग की प्रजा से , निकल कर , आयी है , परन्तु बराक में गोरे लोग , उनकी माँ को भी देखते हैं जो कोकेशीयन् ( गोरी ) थीं और बराक के पिताजी काले थे -- नानी जी जिनका २ दिन पहले देहांत हुआ , उन्होंने कई सारे , निजी , त्याग करके , बराक को , पाला पोसा था -- इन सब का मिलाजुला असर , इस दम्पति को देखकर , अमरीकी प्रजा पर पडा -- बराक ओबामा लंबे संघर्ष के दौरान, संयत रहे हैं ...........

आख़िर , आम जनता ने आज के , आर्थिक , वित्तीय संकट के घिरते बादलों के बीच , बराक को , आशा की किरण मान कर , बहुमति से , अपने अपने मत, बराक के पक्ष में , डाले और तमाम लोगों की आशाएं , बराक से जुडी हुई हैं ...जिनके सामने , अब तक का संघर्ष था उससे भी कठिन रास्ता , अनेकानेक अवरोध तथा कठिनाएयों के साथ खडा है ...
अभी बराक ओबामा , अमरीकी राष्ट्रपति पद की शपथ विधि ले भी नहीं पाये हैं , पर , मेरा मानना है के उनके ऊपर अभी से , कई क्षेत्रों से दबाव और सवाल खड़े होना आरम्भ हो चुका है

ईश्वर , उन्हें सही और सच्चा मार्ग दीख्लाये और इतिहास ने जो मौका दिया है उसके मापदंड में , वे खरे उतरें - यही मेरी कामना है -

बराक ओबामा की जीत के बाद मेरे शहर में स्थित , " अंडर ग्राउंड रेल रोड म्यूज़ियम " - देखने की इच्छा तीव्र हो गयी है -- ये रेल सम्बंधित म्यूज़ियम नहीं है मेरा शहर, सीनसीनाटी , एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पहुँचने के बाद, हर नीग्रो गुलाम , आजाद करार कर दिया जाता था ! ओहायो नदी पार करते ही , कंटकी प्रांत की सरहद , तक नीग्रो गुलाम को पकडा जा सकता था और पुनः अपने मालिक के हवाले किया जाता था पर हमारे शहर सीनसीनाटी की सरहद में पहुँचने के बाद , वही गुलाम, उत्तरी अमरीका में , आकर, आजाद हो जाता था !!
- जितने भी ऐसे बंदी , गुलाम, नीग्रो छिपछिपाकर , जान बचाते हुए , हमारे शहर सीनसीनाटी की हद्द पार कर जाते थे उन्हें मुक्ति मिलती थी ! उनके छिप कर , यहाँ तक के सफर के रास्तों को ही ," अंडर ग्राउंड रेल रोड " कहा जाता है --

उसी से सम्बंधित सामग्री का म्यूज़ियम यहाँ है -- अब उसे , देखना चाहती हूँ --

http://www.hbo.com/docs/programs/unchained_memories/#

http://www.cincinnati.com/freetime/nurfc/slavery_urailroad.html

Monday, November 3, 2008

ये भी खूब ....

अभी अभी हम मतदान करके आए !!
...अब प्रतीक्षा करेंगें !!
अमरीकी राष्ट्रपति कौन बनेगा ??
पूरा विश्व , प्रतीक्षा कर रहा है ...काफी तगडा संघर्ष रहा है दोनों प्रतिद्वद्वी ग्रुप में ...मीडीया आज अति व्यस्त है ...बस अब , फैसला , जनता जनार्दन के हाथ है ... पूर्वीय प्रान्तों में , मतदान , सुबह भोर से शुरू हो चुका है और वह शाम को ७ बजे रुकेगा ।
मतदान के साथ हर प्रांत के विभिन्न , सरकारी , कार्यों के लिए , खड़े , कई , दूसरे , कामों के लिए , नामांकित व्यक्तियों का चुनाव भी करना होता है और दूसरे भी कई तरह के प्रस्तावित मुद्दों पर भी हरेक से राय माँगी जाती है । नये क़ानून या नये प्लान जैसे ओहांयो - हमारे प्रांत में , इस साल , एक नये जुआ घर के खोलने के लिए , जनता का मत क्या है ये , जानना जरुरी हो गया है । जिस को , प्रोपोसल - ६ मुद्दा बनाया गया था । ये भी मत - पत्र का एक भाग था ।
एक काउंटी में , कार के पुर्जों की असेम्बली का प्लांट बंद हो रहा है , हो सकता है , वहां के रहनेवालों को , इस विशाल जुआ घर में , नई नौकरियाँ मिलें और प्रांत का पैसा , आस - पास के समीपी प्रान्तों के जुआ घरों में ना जाए चूंकि जितने लोग जुआ खेलना चाहते हैं वे, नजदीक ही जाना चाहेंगें ...ये सारे मुद्दों को ध्यान में रखा गया है ..और फ़िर , लोगोंने अपनी राय , दर्ज की है ....ऐसे कई प्रस्तावित मुद्दे और स्कुल , पुलिस विभाग, सुप्रीम कोर्ट के जज की नियुक्ति जैसे कई अलग अलग , मुद्दों पर , हरेक नागरिक को अपना मत देने का अधिकार है । अमरीकी राष्ट्रपति बनने के लिए , हर बार , राल्फ नेदर नामके व्यक्ति स्वतन्त्र उमीदवार की पदवी से , हमेशा अपना नामांकन करवाते हैं ....४ साल पहले भी वे लिस्ट में थे , अबकी बार भी नाम देखा ....अब , देखना है , जीत किसकी होती है !! :)
ये दीपावली लन्दन के स्वामीनारायण मन्दिर में मनाई गयी थी ..लिंक सुनियेगा ..और गौर करें , भारतीय लोग वहां , ब्रिटन में रहते हुए किस तरह अंग्रेजी बोलते हैं :) ...ये ऐसा है के , जिस प्रदेश में आप रहते हैं वहां की बोली का असर , अवश्य होता है आपके बोलने पर उसका एक उदाहरण है .....कहते हैं ना, " बोली बदले ६० कोस "...वह बिल्कुल सच है !

http://news.bbc.co.uk/2/hi/uk_news/7698471.stm

और हमारे शहर की दीवाली को बच्चोंने एक नया परछाईं पर आधारित नृत्य किया उसकी एक झलक आपको कैसा लगा बताएं ...और इस डांस में पेश हुए युवक हमारे परिचित का बेटा है उनकी मम्मी जी ने ही डांस की कोरियोग्राफी की है । वो भविष्य में चाहता है , आधुनिक तरीके के डांस के क्लास शुरू करना ...लडकियां , हमारे शहर की हैं ...अब देख लीजिए ....

http://www.youtube.com/watch?v=DgtBmxQEZTE

Sunday, November 2, 2008

अबोध का बोध पाठ

हाँ ...अभी सीख रहा हूँ ....
हंसिये ....ना !!
I'm COOL :) Noah as a Fire fighter
& another Cool Dude !
Mr Potato head below
"Trick or Treat "
बर्ग वार्ता - Burgh Vaartaa अनुराग भाई ने Smart Indian - स्मार्ट इंडियन ने पुछा था ..."हाउ वास हल्लोवीन ?"
the Ans. is , " It was Good !! "
..आज नन्हे मुन्नों के लिए कविता हाज़िर है ..बड़े भी पढ़ें ...
अबोध का बोध पाठ
हैं छोटे छोटे हाथ मेरे छोटे छोटे पांव।

नन्हीं नन्हीं आंखें मेरी नन्हें नन्हें कान।
फिर भी हरदम चलता हूं

हाथों से करता काम।
रोज देखता सुंदर सपना सुनता सुंदर गान।
ऐ बडों हमारी सुनो प्रार्थना
तुम भी बच्चे बन जाओ।
छोडों झगडे और लडाई
अच्छे बच्चे बन जाओ।
_ लावण्या शाह जून 22 , 2000