Monday, November 26, 2012

विश्वकर्मा : ' सौर देवता '

ॐ 
विश्वकर्मा : 
Lorem Ipsum
पुराणों में एवं ' महाभारत ' में ' विश्वकर्मा ' का नाम एक सिद्धहस्त 
शिल्पशास्त्री व शिल्प प्रजापति के रूप में वर्णित किया गया है 
विश्वकर्मा के लिए एक और नाम ' त्वष्ट ' भी प्रतिरूप की तरह  प्रयुक्त हुआ हैविश्व के प्राचीनतम ग्रन्थ ' ऋग्वेद ' में भी ' विश्वकर्मा ' का  उल्लेख किया गया है और  उन्हें ' सर्वद्रष्टा प्रजापति ' कहा गया है 
स्वरूप वर्णन में चार दिशाओं में मुखाकृति, भुजा, पैर व नेत्र वर्णित होने से ब्रह्मा से मेल खाती हुई विश्वकर्मा की आकृति है परन्तु ब्रह्माजी से एक भिन्नता यह है कि ' विश्वकर्मा ' के पीठ में, पंख दर्शाए गये हैं
Lorem Ipsum

विश्वकर्मा के लिए ' सौर देवता ' उपाधि भी प्राप्त है। 

उन्हें  द्रष्टा, पुरोहित एवं प्राण सृष्टि का पिता भी कहा गया है
विश्वकर्मा ने पृथ्वी को उत्पन्न किया और आकाश को अनावरण किया था

 सारे देवताओं का नामकरण भी इन्होंने किया। 

महाभारत महाग्रंथ में विश्वकर्मा को ' कृतीपति ' कहा गया है 

' मय' विश्वकर्मा के पिता हैं। कहीं कहीं इन्हें प्रभास वसु 

तथा  बृहसपति  भगिनी ' योग्सिध्धा ' का पुत्र कहा गया है

 महाभारत में ब्रह्माजी के दक्षिण वक्ष से उत्पन्न होने की कथा प्राप्त है  

विश्वकर्मा द्वारा निर्मित नगरों के नाम की सूची " 

१ ) इन्द्रप्रस्थ : धृतराष्ट्र के लिए 

२ ) द्वारिका : श्री कृष्ण के लिए 

३ ) वृन्दावन : श्रीकृष्ण के लिए 

४ ) लंका : सुकेश पुत्र राक्षसों के लिए 

५ ) इन्द्रलोक : इंद्र के लिए 

६ ) सुतल : पाताल लोक 

७  ) हस्तिनापुर : पांडवों के लिए 

८ ) विश्वय वाहन गरूड का भवन ( मत्स्य पुराण में वर्णित )

विश्वकर्मा ने विविध देवों के लिए अस्त्र का निर्माण भी किया है  

१ ) श्री महाविष्णु का सुदर्शन चक्र 

२ ) शिव का त्रिशूल एवं रथ ( त्रिपुरदाह के लिए ) 

३ ) इंद्र का वज्र एवं धनुष ( दधीच ऋषि की अस्थियों से निर्मित ) 

विश्वकर्मा  परिवार की कथाएँ : 

उनकी पुत्री संज्ञा का विवाह वेवस्वत  सूर्य से हुआ ऐसा वर्णन प्राप्त है 

संज्ञा,  सूर्य का असह्य जाज्व्लयमान ताप सहन ना कर पायीं और अपने 

पिता के पास लौट आयीं। तब सूर्य भी उनके पीछे आ पहुंचे 

तब विश्वकर्मा ने सूर्य में थोड़ा तेज रहने दिया और विश्वकर्मा ने कुछ अंश ले लिया   

इस सूर्य से बचे शेष  तेज से विश्वकर्मा ने विविध देवों के आयुधों का निर्माण किया।  

ऐसी कथा है   

भागवत  में विश्वकर्मा पत्नी का नाम ' आकृति ' / या ' कृति '  है 

उनके ३ अन्य पत्नियां थीं रति, प्राप्ति व नंदी   

पुत्र  : १ ) मनु चाक्षुष २ ) शम ३ ) काम ४ ) हर्ष ५ ) विश्वरूप ६ ) वृत्रासुर 


इंद्र के  विश्वरूप की हत्या करने पर, इंद्र  के प्रति द्रोह्बुध्धि के कारण वृत्र की 


उत्पत्ति  की गयी इंद्र ने वृत्रासुर का भी  वध  किया। यह कथा सर्वविदित है


Lorem Ipsum

पुत्रियाँ  : 

१ ) बहिर्श्मती -  प्रियव्रत राजा की पत्नी बनीं


२ ) संज्ञा - व छाया दोनों - सूर्य पत्नियां कहलातीं हैं।  


ब्रह्माजी की आज्ञा से  विश्वकर्मा ने द्वारा त्रिलोक की अनिन्ध्य सुन्दरी 

अप्सरा तिलोत्तमा  का  निर्माण किया 

इंद्र दरबार की अप्सरा धृताची को क्रोधवश ' शूद्र्कुल में जन्म लोगी '

ऐसा श्राप विश्वकर्मा ने दिया तब कालान्तर में वह ग्वाले के घर जन्मीं  

ब्रह्मा  जी की कृपा से विश्वकर्मा ब्राह्मण कुल में उत्पन्न हुए और उनका विवाह 

उसी ग्वाल - कन्या से हुआ 

ब्राह्मण  पिता व ग्वाले की कन्या के संयोग से ' दर्जी, कुम्हार , स्वर्णकार , बढई, 

शिल्पी आदि तंत्र विद्या प्रवीण अनेक  उप  जातियों का निर्माण हुआ

 अत: यह सारे उद्योग से सम्बंधित ज्ञातियाँ  विश्वकर्मा को अपने पूर्वज मानतीं हैं 

और वे विश्वकर्मा के  वंशज कहलाते हैं      

Link : 1 )  http://vishwakarmavishwa.org/# 

२ ) विश्वकर्मा से जुड़ा गीत - संगीत  : 
http://www.flipkart.com/vishwakarma-mahima/p/itmd8gsatwur3wfg



- लावण्या दीपक शाह 

12 comments:

Unknown said...

बहुत उम्दा जानकारी |

आपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (28-11-12) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
सूचनार्थ |

प्रवीण पाण्डेय said...

विश्व कर्म के हेतु जिनका जन्म हुआ..

समयचक्र said...

vishwakarma ji ke bare men kafi janakariporn prastuti...abhaar

Smart Indian said...

बहुत सुंदर! मयासुर के पुत्र सौर देवता हैं, हिरण्यकशिपु के पुत्र विष्णुभक्त बनाते हैं| देवों के परम आदरणीय वरुण, असुर ही बने रहते हैं| तमसो मा ज्योतिर्गमय की संस्कृति में निरंतर दिखती इवोल्यूशन की यह प्रक्रिया भी गजब है|

Unknown said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Primeaircompressor said...

Trilok Anindhy of Brahma commanded by the beautiful nymph tilottama Vishwakarma built by the Vishwakarma .
W75300T30X VALVE COMPLETE 35 GA

Primeaircompressor said...

good information..
W75300T30 VALVE COMPLETE 35 GA

Primeaircompressor said...

The sun was producing other sharp weapons diverse gods . Such is the legend .
30220206 VALVE COMPLETE 35 GA

Primeaircompressor said...
This comment has been removed by a blog administrator.
Primeaircompressor said...

nice....
31517725 VALVE COMPLETE 20 GA

Primeaircompressor said...

vishwakarma ji ke bare men kafi janakariporn prastuti...abhaar
ASSEMBLY VALVE PLATE 32293904

Primeaircompressor said...
This comment has been removed by a blog administrator.