Friday, April 6, 2007

यादोँ के झरोखोँ से : ~~

मैँ और दीपक, ५९४, पापा और अब परितोष के घर के खुले बारामदे मेँ खडे हुए -बम्बई शहर/ भारत
अमर गायक श्री मुकेशचँद्र माथुर के साथ, मैँ, १९७५ / लोस -अन्जिलीस , केलीफोर्नीया, यु.एस्. ए.
स्वर साम्राज्ञी सुश्री लता मँगेशकरजी का अमेरीका के हवाई अड्डे पर स्वागत करते हुए - मैँ /१९७६
दीपक, पूज्य पापाजी से आशीर्वाद लेते हुए- अमरीका एम्.बी.ए की पढाई के लिये जाते हुए -
चित्र मे अम्मा सुशीला, परितोष व मैँ भी हैँ
स्वर साम्राज्ञी सुश्री लता मँगेशकरजी व मैँ

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