कौन जानता था कि,एक नन्हा सा पौधा इतना घटादार,घना,हरा भरा बरगद सा फैला विशाल वृक्ष बन जायेगा ?
मेरे पूज्य पापा जी स्व.पँडित नरेन्द्र शर्मा तथा
मेरे पूज्य पापा जी स्व.पँडित नरेन्द्र शर्मा तथा
अन्य कर्मठ साथियोँ की मेहनत से लगाया ये
नन्हा बिरवा,
"विविध ~ भारती"
आज स्वर्ण जयँती उत्सव मना रहा है...
भारत सरकार द्वारा आरँभ किया गया, भारत की जनता के प्रति पूरी ततह समर्पित,आधुनिक वायु सँचार माध्यम का यशस्वी रेडियो कार्यक्रम,
अबाध सुचारु रुप से चलता रहे, ये मेरी शुभकामना है और विविध भारती से जुडे हरेक व्यक्ति को मेरे सस्नेह अभिवादन !
अबाध सुचारु रुप से चलता रहे, ये मेरी शुभकामना है और विविध भारती से जुडे हरेक व्यक्ति को मेरे सस्नेह अभिवादन !
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स्वर्ण जयँती सु -अवसर आया,
जन जन के मन उमँग छाया
जन जन के मन उमँग छाया
नव सँशोधन, स्वर लहर मधुर
विविध भारती बन,मधुराकर्षण
भारत के गौरव सा, ही हो पूरण
शत वरष,भावी के कर गुँजारित
प्रेम वारिधि छलका कर ,अविरत
जन जन का बन समन्वय -सेतु
फहराता रहे, यशस्वी, हर्ष -केतु
-- लावण्या
17 comments:
पचासवाँ शुभ जन्म दिवस मनाओ विविध भारती
हम श्रोताओं की भावनाएँ उतारे तुम्हारी आरती
नाच रहा है मन - मयूरा ; जगमगाए दीपक सरस
लावण्य बढ़े प्रतिपल तुम्हारा पल पल रहे अति सरस
लावण्या जी, बहुत खुशी हुई जानकर कि आप पं. नरेन्द्र शर्मा की बेटी हैं।
विविध भारती का सफर बहुत ही मनोरंजन और उपलब्धियों भरा रहा। यह स्वर्ण जयंती तो विविध भारती के अपने खास अंदाज में मनाई जानी चाहिए थी, आकाशवाणी के द्वारा।
इस शुभ अवसर पर मेरा भी अभिवादन.
बहुत बधायी। and amma is really beautiful lavanaya ji
लावण्या,
आपके पापाजी की यह सारी संकल्पना समय के धारा के साथ आज भी बह रही है ।
विविध भारती का नाम, इसकी संकल्पना, अनेक कार्यक्रमों की रुपरेखा जो समय के साथ अपनी मौलिकता लेकर आज भी वैसी ही मनोरंजक और ज्ञानवर्धक है ।
शैशवावस्था से पाल पोसकर बड़ा किया गया विविध भारती का सदा युवा रहने वाला इस रुप का श्रेय पंडित जी को जाता है ।
अपनी सारी कृतियों और रेडियो मनोरंजन के उन नामों में पंडितजी अमर हैं ।
और हाँ आपकी छोटी सी समर्पित कविता प्यारी सी लगी, वायु के भावपूर्ण सेतु को अनेकों अनेक शुभकामनाएँ..
आपको विविध भारती की स्वर्ण जयंती की बधाई।
ब्लैक एंड वाईट फोटो बहुत सुन्दर है।
आपको बधाई इस अवसर पर, ये यादें हमेशा आपको खुशी देती रहें ऐसी कामना है।
सँजय भाई,
आपका आना और मेरी कविता को आपकी इन पँक्तियोँ से आशिष देना
मेरे लिये बहुत बडा तोहफा है ~
ऐसे ही स्नेह व कृपा बनायेँ रखेँ -
स - स्नेह,
-- लावण्या
सृजन शिल्पी जी ,
नमेस्ते !
जी हाँ ये मेरा सौभाग्य है !
आकाशवाणी पर भी
उत्सव जैसा ही वातावरण रहा दिन भर -
स - स्नेह,
-- लावण्या
समीर भाई,
शुक्रिया :)
स - स्नेह,
-- लावण्या
पारुल जी ,
आप सही कह रहीँ हैँ -
आपका यहाँ आना और टिप्पणी के लिये,
शुक्रिया !
स - स्नेह,
-- लावण्या
प्रेम पीयूष जी ,
आप सही कह रहे हैँ -
आपकी सच्ची भावनाओँ की कदर करती हूँ और
शुभकामनाओँ व टिप्पणी के लिये
शुक्रिया !
स - स्नेह,
-- लावण्या
ममता जी,
शुभकामनाओँ के लिये शुक्रिया !
और श्वेत / श्याम छवि पसँद करने के लिये भी
स - स्नेह,
-- लावण्या
श्रीष भाई,
आपकी सद्` भावनाओँ के प्रति विनत आभार प्रकट करती हूँ ..
स - स्नेह,
-- लावण्या
lavanya ji,aapki panktiyon mein chhupa aashirwad man ko chhoo gaya. humare poorvaj the panditji aur aap unki santaan hain,hamare liye garv ka vishay hai ki aapka aashirvad hamen mila hai.hamne seemit saadhnon ke saath jo prayas kiya,aapko kaisa laga agar aap do panktiyan likhengi to mahati kripa hogi.mere paas hindi font nahin hai,roman mein likh raha hoon kshamaprarthi hoon........ mahendra modi,sahayak kendra nideshak,vividh bharati,mumbai mpmodi@gmail.com
Mahendra ji,
Namaste ~~
aap ne Vividh Bharti ka swarna ~ jayanti mahotsav badee dhoom dham se, khushee khushee manaya jise Bharat Janta ne pasand kita aur
Bharat se door rehnewale hum jaise Bhartiyone pasand kiya. Kuch ansh sun payee hoon ~~
meri shubh kaamna sada aap sub ke saath rahengeen aur mere Papa ji ke Aashirwaad to hain hee ~~
Sadar, savinay,
sneh sahit,
--Lavanya
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