Thursday, September 27, 2007

" स्वरांजली " ~~ Happy Birth day Lata didi !!

ये मेरा चित्र दीदी ने खीँचा है दीदी एक बहुत अच्छी फोटोग्राफर भी हैँ
उषा दीदी और बडी दीदी साथ साथ गाते हुए ~
~ उनके साथ गाये गीत याद आ रहे हैँ क्या ?

दीदी किसी परिचित परिवार की शादी के अवसर पर
अपनी उपस्थिति से अवसर को महिमा प्रदान करतीँ हुईँ

दीदी उनके घर 'प्रभु - कुँज' के पूजा कक्ष मेँ

दीदी का तैल चित्र : आप ये लिन्क से लता दीदी से सँबँधित कई सारे गीत + बातेँ सुन पायेगेँ ~~~ बताइयेगा कि कैसा लगा आपको "स्वराँजलि " का कार्यक्रम :

http://www.sopanshah.com/lavanya/

6 comments:

Udan Tashtari said...

इन तस्वीरों को बाँटने का आभार. लता जी को जन्म दिन की बहुत बधाई एवं शुभकामनायें.

mamta said...

लता जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।

और आपकी फोटो बहुत-बहुत सुन्दर आयी है।

Prem Piyush said...

बस लिखती रहें - सबसे पहले यह तीन शब्द कहना चाहूँगा । गुगुल रीडर से शायद सबसे पहले मैं आपके ब्लाग को पढ़ता हूँ ।

चाहे मेरे ब्लाग पर आपकी टिप्पणी हो या आपके अपने सचित्र लेख - एक तरलता है उनमें । कभी-कभी लगता है कि आपकी शैली में एक श्वेत-श्याम तस्वीर की लाल लिपस्टिक वाली लावण्या हमेशा टहलती नजर आती है ।

अब से आपके नाम के आगे जी नहीं लगाना चाहता क्योंकि निश्चल शैली में लावण्या की सरल लिखावट में प्रस्तुत लावण्य अनुपम है । लेखों में कभी कभी आपकी स्माईली देखकर मेरी मुस्कान भी आ जाती है कि शब्दों की कंजुसी करके भाव प्रकाश की नयी शैली को आपने भी अपना लिया । पुरे तौर पर कहें तो आपकी लिखने की सहजता छु सी जाती है ।

इस सहज शैली के पीछे कारण समझने की मैनें कोशिश की थी - पर अब जाकर पता चला । आपका सानिध्य ऐसे लोगों से जो सहजता और कला के सुनहरे संसार में खोये से हैं । सुर की अप्रतिम लता के आप इतने करीब है - जानकर बहूत अच्छा लगा ।

एक छोटा सी कल्पना की है मैनें । अगर आप सुर साम्राज्ञी पर हिन्दी / अंग्रेजी में एक संस्मरण / किताब लिख सकते !

अगर मेरी कल्पना सच हो जाये तो - आपकी शैली में उनके बारे में पढ़ने का आनंद कुछ अलग सा होगा ।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

प्रेम पीयूष जी,
आपकी टिपण्णी मेरी ब्लोग प्रविष्टी पर देखकर अचरज् और खुशी दोनोँ हुई -
आपने बहुत हौसला बढाया है मेरा -
- आप जैसे पढनेवाले और सराहनेवाले हैँ तब
तो मेरी सारी मेहनत और प्रयास सफल हुए -
ऐसा मानती हूँ -
- अगर ईश्वर की कृपा रहेगी तब अवश्य लता दीदी और अन्य हिन्दी के महान कवियोँ और लेखकोँ
के और मेरी अम्मा सुशीला नरेन्द्र शर्मा जो एक कलाकार थीँ उनके मित्रोँ की , जो यादेँ मेरे जहन मेँ हैँ, उन्हेँ, कई लोगोँने अनुरोध किया है कि
मुझे उन्हेँ 'सँस्मरण रुपी " पुस्तक मेँ लिख लेना जरुरी है.
Once again, I thank you humble for your encouraging & kind words. Your
generosity of spirit is evident :-) & Yes, I use the SMILEY ---- it
can convey much in short isn't it ?
I will read your BLOG at leisure & get back ......Wishing you Good
Luck & God Bless !
& ya, you can call me "Lavanya " Jee is not at all necessery.
With warm good wishes, I end here ....
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

समीर भाई,आप,
शायद हिन्दी ब्लोग जगत के सबसे ज्यादा उत्साह बढानेवाले टिप्पणीकार हैँ
और कोई न आये पर वे अवश्य आते हैँ और उत्साह बढाते हैँ -- ये बहोत बडी बात है -
अन्यथा, कई लोग तो चुप रहना ही पसँद करते हैँ.
हाँ, हरेक ब्लोग पर टिपणी देना भी असँभव है.
जो भी हो सके, करते रहना चाहीये.
स्नेह सहित,
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

ममता जी आप की बधाई के लिये धन्यवाद और आपके स्नेह के प्रति आभारी हूँ
स्नेह सहित,
-- लावण्या