Thursday, July 19, 2007

विश्व हिन्दी सम्मेलन से : ~~~~

युवा कवि रिपुदमन प्रचौरी, मैँ ( लावण्या ) तथा श्री अनुप भार्गव जी
http://anoopkeepasand.blogspot.com/
http://anoopbhargava.blogspot.com/
http://www.anubhuti-hindi.org/kavyacharcha/as/unicode.htm

हमारे कवि शिरोमणि श्री राकेश खँडेलवाल जी से रुबरु मुलाकात हुई - वो भी सँयुक्त राष्ट्र सँघ के मुख्य द्वार पर उनकी पत्नी के साथ, जो केसरी रंग के परिधान मेँ हैँ --


ये महिला बडी विदुषी हैँ -- रशियन,सँस्कृत, मराठी, हिन्दी, अँग्रेज़ी,बँगला, गुजराती इत्यादी भाषाएँ जानतीँ हैँइस तरह के कयी सारे,लोग, स्त्रियाँ एवँ पुरुष, दोनोँ की उपस्थिति से सम्मेलन शोभायमान था --( in purple dress is that, lady )


जम्मू/कश्मीर के महाराजा श्री कर्ण सिँह जी उनकी पत्नी के साथ बैठे हुये
उनहीँ के द्वारा तैयार की गई एक बहुत बडी पुस्तक 'नटराज ' जो मैँने खरीदी थी उसपे हस्ताक्षर करते हुए -( मेरे साथ मेरे पति दीपक भी खडे हैँ) -


और आप लोगोँ ने जो सुझाव दिया है कि अन्य चित्रोँ के साथ नाम भी दे दूँ -- तो चित्र मेँ जितने व्यक्ति हैँ उन सारे लोगोँ के नाम मुझे ज्ञात नहीँ --

6 comments:

ratna said...

आपकी फोटो बड़ी अच्छी आई है।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

रत्ना जी,
आपका बहोत शुक्रिया --
आप मेरे ब्लोग पर आती रहियेगा
स -स्नेह,
-- लावण्या

Srijan Shilpi said...

सुन्दर!

Divine India said...

बहुत अच्छी तस्वीर…।
सारे दर्शन कर लिए विश्व हिंदी सम्मेलन के…लगा मैं भी वही कहीं खड़ा हूँ!!!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

सृजन जी,
धन्यवाद -- आपका शोध परक लेख विश्व मँच पर हिन्दी के बारे मेँ भी पढा
बहोत मेहनत के साथ सारे मुद्दे समेटे हैँ आपने --

स -स्नेह,
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

जी दीव्याभ,
प्रयास इसी दिशा मेँ था -
स -स्नेह,
-- लावण्या