Thursday, August 16, 2007

८ वां विश्व हिंदी सम्मेलन + मेरी एक कविता पाठ का लिंक ~ (श्री अनुप भार्गव जीं के सौजन्य से )

Soon this link will be put on the official page also
at :http://www.vishwahindi.com/videos.htm
http://lavanyam-antarman.blogspot.com/2007/08/blog-post_16.html











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"कोटी कोटी कंठों से गूंजे, जय माँ, जय जय भारती "
ये शब्द हैं कविता के

विश्व हिंदी सम्मेलन में , कविता पाठ का लिंक

(श्री अनुप भार्गव जीं के सौजन्य से )

" फिर गा उठा प्रवासी "

मेरी हिंदी कविता की किताब छप के तैयार है :~~

इसी पुस्तक से मेरी एक कविता सुनाने का मौका मिला

जिस किताब का मुख पृष्ठ

,मेरे , गुनी , युवा कालाकार साथी ,
श्री विजेंद्र विज ने तैयार किया है :~~

Vij विज

http://vijendrasvij.com/

http://artwanted.com/vijen

http://vijendrasvij.blogspot.com/

जिनकी हाल ही में शादी हुई है,
सौभाग्यवती बेटी संगीता मनराल के साथ


3 comments:

Udan Tashtari said...

जी, मैने सुना था. बहुत अच्छा लगा. आभार लिंक का. :)

सुनीता शानू said...

वाह लावन्या जी बेहतरीन आवाज की धनी है आप...बहुत अच्छा लगा आपको सुन कर...


सुनीता(शानू)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

समीर भाई -- शानू जी,
आप दोनोँ का बहुत बहुत आभार !
स स्नेह,
-- लावण्या